घर सजाने का सपना रह गया अधूरा

थाना क्षेत्र के माली पंचायत के अकहा गांव में हाजीनगर के पिछे चौरी बहियार समीप धंसना गिरने से महिला सहित चार लोगों की मौत हो गयी, जबकि एक बालक जिंदगी व मौत से जूझ रहा है. बेलदौर : माली के अकहा गांव में गुरुवार की सुबह अच्छी मिट्टी लाकर घर सजाने के लिए निकली मासूम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 7, 2017 9:02 AM
थाना क्षेत्र के माली पंचायत के अकहा गांव में हाजीनगर के पिछे चौरी बहियार समीप धंसना गिरने से महिला सहित चार लोगों की मौत हो गयी, जबकि एक बालक जिंदगी व मौत से जूझ रहा है.
बेलदौर : माली के अकहा गांव में गुरुवार की सुबह अच्छी मिट्टी लाकर घर सजाने के लिए निकली मासूम का सपना अधूरा रह गया. गांव के खेत से मिट्टी लाकर अपने फुस के घर को सजाने के लिए मासूम बच्चे रिश्ते में चाची कारी साह की पत्नी कंचन देवी के संग बहियार की ओर गये हुए थे . लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था. इनके अरमानों को कुचलने के लिए उस गड्ढे के पास मौत इनकी बाट पहले से ही जोह रही थी. चौरी बहियार के उक्त गड्ढे में मिट्टी काटने के दौरान कब मौत की आफत बनकर इन मासूमों को काल के गाल में समा दिया कुछ पता नहीं चला. प्रत्यक्ष दर्शियों को भी पता नहीं चला. पलभर में मचे मौत के तांडव में एक महिला समेत तीन किशोरी ने दम तोड़ दिया. बचे एक घायल किशोर की चीख पुकार पर आसपास के लोग घटना स्थल की ओर टूट पड़े. लेकिन एक के अलावा बाकी के शव ही बाहर निकले. घटना की सूचना पर गांव समेत आसपास के इलाके में हड़कंप मच गया. घटना स्थल समीप लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.
लेकिन हृदयविदारक दृश्य देखकर सभी स्तब्ध थे. थोड़ी देर में परिजनों की चीख पुकार से माहौल पूरी तरह गमगीन हो गया. इस घटना में गांव के कारी साह ने अपनी पत्नी कंचन देवी, कलीम शाह ने अपनी पुत्री नासरीन, महेश्वर साह अपनी पुत्री सुर्यमेन कुमारी जबकि सुआलाल साह पर तो मानो दुखो का पहाड ही टूट पड़ा एक पुत्री काजल कुमारी तो धसान के नीचे दबकर मौत का शिकार हो गयी. जबकि सात वर्षीय पुत्र कृष्णा कुमार जिंदगी और मौत से जूझ रहा है. इसके पूर्व भी मिट्टी काटने के दौरान धसना गिरने से कई लोगों की मौत हो चुकी है. थोड़ी सी सावधानी अगर इन परिवारों द्वारा बरती गयी होती तो इन परिजनों को आज ये दिन नहीं देखना पड़ता. इन घटनाओं से महफुज काजल, सुर्यमेन, नासरीन एवं कृष्णा के हंसी ठिठोली के बीच आंगन में खुशी का माहौल होता. चार मासूम के अलावा एक महिला की जिंदगी इस तरह तबाह नहीं हुई होती.

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