सियासी चाल के बीच गुजर गये पांच साल

फिर महिला ही संभालेंगी चेयरमैन की कुरसी सभी 20 वार्ड का अलग-अलग मतदाता सूची अभी हो चुका है जारी गैर दलीय आधार पर चुनाव नहीं होने के बावजूद राजनीतिक सरगर्मी तेज गोगरी : मौसम में बदलाव के साथ ही शहर का मूड सियासी होने लगा है. हर वार्ड का भूगोल व गणित चुनावी चश्मे से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 12, 2017 4:38 AM

फिर महिला ही संभालेंगी चेयरमैन की कुरसी

सभी 20 वार्ड का अलग-अलग मतदाता सूची अभी हो चुका है जारी
गैर दलीय आधार पर चुनाव नहीं होने के बावजूद राजनीतिक सरगर्मी तेज
गोगरी : मौसम में बदलाव के साथ ही शहर का मूड सियासी होने लगा है. हर वार्ड का भूगोल व गणित चुनावी चश्मे से पढ़ा जा रहा है. नए भूगोल व गणित के साथ वर्तमान नगर पंचायत का चौथा अध्याय शुरू होने वाला है. 20 सदस्यीय गोगरी जमालपुर नगर पंचायत के चुनाव को लेकर प्रशासनिक चहलकदमी शुरू हो गयी है. सभी 20 वार्ड का अलग-अलग मतदाता सूची अभी जारी हो चुका है. नगर पंव्हायत अध्यक्ष शीट सामान्य महिला आरक्षित होने के बाद इतना तो तय हो गया है कि चेयरमैन की कुरसी पर महिला ही विराजमान होगी.
वहीं राजनीतिक रंग भी धीरे-धीरे चढ़ने लगा है. गैर दलीय आधार पर चुनाव नहीं होने के बावजूद राजनीतिक सरगर्मी तेज है. खासकर चेयरमैन व वाईस चेयरमैन की कुरसी राजनीतिक शक्ति परीक्षण से जुड़ी होती है. लंबे समय के बाद नए संविधान संशोधन के आधार पर वर्ष 2002 में चुनाव हुआ था. उस समय पार्षदों की संख्या 14 थी. चुनाव के बाद चेयरमैन की कुरसी पर रीता कुमारी काबिज हुई थी. उपाध्यक्ष की कुरसी रमण कुमार रमण को मिली थी. पांच साल तक कोई बदलाव नहीं हुआ.
फिर वर्ष 2007 के चुनाव में वार्डों का परिसीमन हुआ. वार्डों का भूगोल बदला तो नगर निगम का गणित. पार्षदों की संख्या 20 हो गयी. चुनाव के बाद पूर्व राज्य सभा सदस्य विद्यासागर निषाद की छोटी पुत्रवधु प्रियंका कुमारी निर्वाचित हुई. जो 2012 तक चेयरमैन के पद पर बनी रही. उपाध्यक्ष की कुरसी सनोज कुमार मिश्रा ने हथिया लिया. 2012 में तीसरा अध्याय शुरू हुआ. चेयरमैन की कुरसी इस बार भी पूर्व राज्यसभा सांसद विद्यासागर निषाद के परिवार में ही रह गयी.
फर्क सिर्फ इतना हुआ कि इस बार उनकी बड़ी पुत्रवधु रंजीता कुमारी निषाद को मिली. वहीं संजीव कुमार सोनी को उपाध्यक्ष निर्वाचित किया गया. लेकिन कुछ दिनों बाद उपाध्यक्ष के नौकरी में चले जाने के कारण पुनः चुनाव हुआ. जिसमें सनोज कुमार मिश्रा फिर से उपाध्यक्ष चुन लिए गए. लेकिन वर्तमान सीट आरक्षण में बदलाव के कारण निवर्तमान पार्षदों में चिंता की लकीर बनने लगी है. कई आरक्षण के कारण दावेदारी से बाहर हो गए हैं तो कई जनता के सामने फिर जाने की रणनीति बना रहे हैं.
वहीं लिंग के आधार पर आरक्षण का रंग बदलने के बाद तो कुछ वार्डों में परिजनों को उतारने की तैयारी चल रही है. कुछ पार्षद भूगोल बदलने के मूड में हैं. चेयरमैन की कुरसी सामान्य महिला वर्ग के लिए आरक्षित हो गई है, इस पर भी जंग का रंग देखने लायक होगा. चुनाव की तिथि घोषित होने के बाद ही नगर निकाय का नया रंग सामने आ जाएगा. लेकिन अभी तक चेयरमैन की कुरसी पर आधी आबादी का ही कब्ज़ा रहा है.

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