अधिकारियों पर लगा जुर्माना

कार्रवाई. आरटीआइ के तहत सूचना मांगने पर की अनदेखी आरटीआइ अधिनियम की अनदेखी करने तथा मांगी गयी सूचना नहीं देने के मामले में रेलवे के आधे दर्जन अधिकारियों पर पच्चीस पच्चीस हजार रुपये का अर्थदण्ड लगाया गया है. खगड़िया : रेलवे के आधे दर्जन रेलवे अधिकारियों पर अर्थदण्ड लगाया गया है. जिन अधिकारियों पर अर्थदण्ड […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 16, 2017 5:21 AM

कार्रवाई. आरटीआइ के तहत सूचना मांगने पर की अनदेखी

आरटीआइ अधिनियम की अनदेखी करने तथा मांगी गयी सूचना नहीं देने के मामले में
रेलवे के आधे दर्जन अधिकारियों पर पच्चीस पच्चीस हजार रुपये का अर्थदण्ड लगाया गया है.
खगड़िया : रेलवे के आधे दर्जन रेलवे अधिकारियों पर अर्थदण्ड लगाया गया है. जिन अधिकारियों पर अर्थदण्ड लगाया गया है वे सभी रेलवे के क्लास वन ग्रेड के अधिकारी है. इन पर आरटीआइ अधिनियम की अनदेखी करने तथा मांगी गयी सूचना नहीं देने के मामले में यह कार्रवाई की गयी है. एक साथ इन सभी रेल अधिकारी पर मुख्य केंद्रीय सूचना आयुक्त आरके माथुर ने अर्थदण्ड लगाये गये हैं. पांच रेल अधिकारी पर पच्चीस पच्चीस हजार रुपये का तथा एक रेल अधिकारी पर पर 15 हजार रुपये अर्थदण्ड लगाया गया है तथा सभी को उक्त राशि जमा करने का आदेश दिया गया है.
सभी समस्तीपुर मंडल से जुड़ा है मामला
मुख्य केंद्रीय आयुक्त श्री माथुर ने समस्तीपुर रेल मंडल के तत्कालीन सहित वर्तमान सीनियर डिविजनल पर्सनल ऑफिसर के साथ साथ वर्ष 2014 से 2016 के बीच रहे डीआरएम कार्यालय के लोक सूचना पदाधिकारी के पद पर तैनात रहे. पांच अन्य सीनियर डिविजनल कॉमर्शियल ऑफिसर पर अर्थ दण्ड लगाया गया है. इन सभी पर यह आरोप है कि आरटीआइ के तहत मांगी गयी सूचना उन्होंने आवेदक को समय पर उपलब्ध नहीं कराई. खगड़िया जिले के एक आरटीआइ कार्यकर्ता शैलेंद्र सिंह तरकर ने वर्ष 2014 में ही सहरसा खगड़िया रेलखंड से संबंधित कई बिंदुओं पर सूचना मांगी थी. लेकिन इन्हें सूचना मिली 2016 में, वे भी केंद्रीय सूचना आयोग में मामला पहुंचने, वहां से नोटिस जारी होने तथा सुनवाई के बाद सूचना देने में दो वर्ष की हुई देरी को आयुक्त ने गंभीरता से लिया था.
पहली सुनवाई के दौरान मुख्य केंद्रीय सूचना आयुक्त श्री माथुर ने इस अवधि के दौरान तैनात डीआरएम कार्यालय में लोक सूचना पदाधिकारी के पद पर तैनात इन सभी रेल पदाधिकारी की सूची मांगी थी. जिन्होंने मांगी गयी सूचना उपलब्ध नहीं करायी. फिर आयोग ने इसके इसके लिए जिम्मेवार सभी रेल पदाधिकारी के विरुद्ध आरटीआइ की धारा 209(1) के तहत अर्थदण्ड लगाया है.
सहरसा खगड़िया रेल खंड से जुड़ी थी सूचना
समस्तीपुर रेल मंडल में तैनात थे सभी अधिकारी
सीआइसी ने लगाया है सभी अधिकारियों पर जुर्माना
किस्त में दंड की राशि जमा कराने का आदेश
रेल जीएम को मॉनिटरिंग सेल के गठन करने का निर्देश
वर्ष 2014 का था सूचना
जिले के एक आरटीआइ कार्यकर्ता ने 15 अक्तूबर 2014 को ही सहरसा खगड़िया समस्तीपुर रेल खंड से जुड़ी 11 बिन्दुओं पर सूचना मांगी थी. लेकिन यह सूचना रेल मंडल समस्तीपुर के द्वारा नहीं दी गयी. सुनवाई के दौरान आवेदक ने इस पर आपत्ति जताई थी. आयुक्त ने भी दो वर्ष बाद दिये गये सूचना पर सवाल खड़े करते हुए इसके लिए जिम्मेवार रेल अधिकारी पर अर्थदण्ड लगाया है. एक लाख 26 हजार पांच सौ रुपये इन सभी रेल अधिकारियों से वसूली के आदेश जारी किया गया है.
किन पर लगा है अर्थदण्ड
सीआईसी ने डीआरएम कार्यालय समस्तीपुर में 3 दिसंबर 2014 से 9 जून 2015 तक पीआइओ के पद पर तैनात सीनियर डीसीएम मो जफर आलम पर 25 हजार रुपये अर्थदण्ड लगाया है. उन्होंने 235 दिन तक इस मामले को दबाकर रखा था. फिलहाल ये मुजफ्फरपुर रेलवे ट्रेडिंग कॉलेज के प्राचार्य के पद पर तैनात हैं. दूसरे पीआइओ सह डीसीएम बीएनपी वर्मा पर भी 25 हजार रुपये अर्थदण्ड लगा है. इनके कार्यकाल में 227 दिनों तक पेंडिंग रहा. फिलहाल ये हाजीपुर जोनल कार्यालय में डिप्टी चीफ कॉमर्शियल मैनेजर के पद पर पदस्थापित हैं. 193 दिनों तक पीआइओ के पद पर रहे एक और सीनियर डीसीएम विरेंद्र कुमार को भी 25 हजार रुपये जमा करने का आदेश दिया गया है.
ये कहां तैनात हैं इसकी जानकारी नहीं मिल पायी है. वहीं, चौबे पीआईओ सह सीनियर डीसीएम अरूण कुमार यादव पर भी 25 हजार रुपये का अर्थदण्ड लगाया गया है. सर्वाधिक 351 दिनों तक ये डीआरएम कार्यालय में पीआइओ के पद पर तैनात रहे थे. फिलहाल ये मुगलसराय में डिप्टी चीफ इंजीनियर के पद पर तैनात हैं. पांचवें पीआइओ उज्ज्वल आनंद पर भी 25 हजार रुपये का अर्थदण्ड लगा है. वर्तमान में ये धनबाद में सीनियर डीपीओ के पद पर पदस्थापित हैं. समस्तीपुर में ये छह अक्तूबर 20185 से 4 मार्च 2016 के बीच यानी 150 दिनों तक पीआइओ रहे थे. इन सभी पूर्व डीसीएम सह पीआइओ के साथ साथ वर्तमान समय में डीआरएम के लोक सूचना पदाधिकारी सह सीनियर डिविजनल पर्सनल आॅफिसर बीएम सिंह पर भी आयोग ने अर्थदण्ड लगाया है. हालांकि आवेदक को सूचना इन्हीं के द्वारा दी गयी थी लेकिन देने में 6 दिन विलंब हो गये. जिस कारण इन पर 15 सौ रुपये का अर्थदण्ड लगाया गया है.
10 तक जमा करेंगे राशि
केंद्रीय सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त ने जारी आदेश की प्रति उक्त सभी रेल अधिकारी को भेजते हुए अर्थदण्ड की राशि जमा कराने को कहा है. पांच हजार रुपये प्रतिमाह महीने के 10 तारीख को बैंकर्स चेक अथवा डिमांड ड्राफ्ट के जरीये आयोग कार्यालय में भेजने का निर्देश उक्त सभी पदाधिकारी को दिया गया है.
अधिकारियों को आरटीआइ के प्रति गंभीर रहने का निर्देश
लापरवाह लोक सूचना पदाधिकारी पर अर्थदण्ड लगाने के साथ साथ मुख्य सूचना आयुक्त ने पूर्व मध्य रेल हाजीपुर के महाप्रबंधक को आरटीआइ को लेकर निर्देश जारी किया है. आयुक्त ने महा प्रबंधक को आरटीआइ के मॉनेटरिंग सेल का गठन करने तथा 30 दिनों में इसकी रिपोर्ट भेजने को कहा है. साथ ही डीआरएम समस्तीपुर के पीआइओ को आरटीआइ के प्रति सचेत रहने, इसे गंभीरता से लेने तथा मांगी गयी सूचना ससमय उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है.

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