सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीजों को बरगला कर आशा ले जाती है नर्सिंग होम

भर्ती मरीजों को बरगला कर आशा ले जाती है नर्सिंग होम

By Prabhat Khabar News Desk | September 2, 2024 11:28 PM

बीते एक माह में दर्ज प्राथमिकी में आशा द्वारा मरीजों को निजी क्लिनिक में पहुंचाने का हुआ है खुलासा

बीते आठ दिनों में विभिन्न नर्सिंग होम में चार मरीजों की हो चुकी मौत

खगड़िया

फर्जी क्लिनिक से लेकर अल्ट्रासाउंड सेंटर व पैथोलॉजी में इलाज व जांच के नाम पर फर्जीवाड़े का खेल जारी है. गलत इलाज के कारण मरीज की मौत के बाद मामला तूल पकड़ने पर किस्त में दो-चार छोटे-मोटे क्लिनिकों पर कार्रवाई कर स्वास्थ्य विभाग चुप हो जाता है. बीते आठ दिन में विभिन्न प्रखंडों में संचालित निजी क्लिनिक में गलत इलाज के कारण चार लोगों की मौत हो चुकी है. एक मामले में प्राथमिकी हुई बाकी में खेल हो गया. आलम यह है कि जांच में गड़बड़ी पाये जाने पर जिन नर्सिंग होम व अल्ट्रासाउंड संचालकों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी जाती है, वह बेखौफ होकर धंधा करता रहता है. ऐसा ही खुलासा चार दिन पहले अलौली में हो चुका है, जहां प्राथमिकी के बाद फिर से क्लिनिक खोल कर चलाने के मामले में फिर से प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.

निजी क्लिनिक में जा रही जान, अधिकारी अनजान

शहर से लेकर गांव-कस्बों में संचालित अलग-अलग नर्सिंग होम में बीते आठ दिन में जिंदगी की आस में इलाज कराने आये थे, लेकिन गलत इलाज के कारण मौत हो गयी. शहर के बलुआही से लेकर बेलदौर, गोगरी, परबत्ता, अलौली में निजी क्लिनिक में मरीज की मौत के बाद भी स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन को ठोस कदम नहीं उठाया.

आउटडोर के लाइसेंस पर भर्ती कर मरीजों की ले रहे जान

सामाजिक कार्यकर्ता दीपक कुमार अकेला ने कहा कि जिले के 100 से अधिक निजी क्लिनिकों को आउटडोर का लाइसेंस देकर स्वास्थ्य विभाग ने मरीजों को भर्ती कर जान से खिलवाड़ की खुली छूट दे दी है. कई बारसिविल सर्जन डॉ अमिताभ सिन्हा को निजी क्लिनिकों में फर्जीवाड़े की जानकारी दी गयी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी. सीएस कार्यालय से सटे 200 मीटर के दायरे में आधा दर्जन से अधिक निजी नर्सिंग होम के पास आउटडोर में मरीज के इलाज का लाइसेंस है, लेकिन वहां मरीजों को भर्ती कर अपेंडिक्स से लेकर डिलवरी के लिए सिजेरियन ऑपरेशन कर जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है.

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केस स्टडी वन – 23 अगस्त 2024

शहर के बलुआही स्थित मां चंदुला रानी क्लिनिक में सिजेरियन ऑपरेशन कर प्रसव के दौरान प्रसूता की मौत हो गयी. साहेबपुरकमाल के पंचवीर गांव निवासी रवि कुमार की पत्नी संगीता को आशा ने बरगला कर खगड़िया के बलुआही स्थित बीएएमएस डिग्रीधारी कथित डॉक्टर के इस क्लिनिक में भर्ती करा दिया था. मरीज की मौत के बाद क्लिनिक संचालक कथित डॉक्टर सहित अन्य कर्मियों पर सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी है.

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केस स्टडी टू- 26 अगस्त 2024

परबत्ता के कबेला निवासी वसंती देवी को प्रसव पीड़ा होने पर सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उसे सदर अस्पताल रेफर किया गया,ख्ले किन रास्ते में ही आशा ने बरगला कर मरीज को एलेक्स हॉस्पिटल नामक निजी क्लिनिक में ले गयी. फिर उसे महेशखूंट के एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती करा दिया गया. जहां महिला ने मृत बच्चे को जन्म दिया. जिसके आठ दिन बाद प्रसूता ने भी दम तोड़ दिया.

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केस स्टडी 3 – 28 अगस्त 2024

बेलदौर के हरिपुर गांव निवासी लक्ष्मी देवी को प्रसव पीड़ा होने बाद इलाज के लिए परिजनों ने पीएचसी में भर्ती करवाय, लेकिन पीएचसी के चिकित्सक ने उसे रेफर कर दिया. इसी दौरान जब उसकी स्थिति बिगड़ने लगी, तत्काल इलाज के लिए उसे बेलदौर स्थित एक निजी क्लीनिक में भर्ती करवाया गया. प्रसव होने के बाद अचानक नवजात की स्थिति बिगड़ने लगी तो निजी क्लिनिक के चिकित्सक ने नवजात को रेफर कर दिया लेकिन नवजात की मौत हो गई.

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निजी नर्सिंग होम व जांच घरों की शिकायत मिलने पर जांच कर कार्रवाई की जाती है. सरकारी मानक का पालन हर हाल में सभी नर्सिंग होम व अल्ट्रासाउंड व पैथोलॉजी संचालकों को करना होगा.

डॉ. अमिताभ सिन्हा, सीएस.

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निजी नर्सिंग होम में फर्जीवाड़ा में लगातार हो रही मौत के बाद भी जिला प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य विभाग लापरवाह बना हुआ है. मौत के बाद दो-चार छोटे-मोटे क्लिनिक पर किस्त में छापेमारी व प्राथमिकी कर बड़ी मछली को इलाज के नाम पर जिंदगी से खिलवाड़ की छूट दे दी गयी है. सिविल सर्जन कार्यालय से सटे सदर अस्पताल चौक के आसपास ही एक दर्जन फर्जी नर्सिंग होम व अल्ट्रासाउंड सेंटर चल रहे हैं. कई बार लिस्ट बनी, लेकिन फिर मामला ठंडा पड़ गया.

दीपक कुमार अकेला, सामाजिक कार्यकर्ता.

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