आंगनबाड़ी केंद्र बछौता में मनाया गया गोदभराई उत्सव

आंगनबाड़ी केंद्र बछौता में मनाया गया गोदभराई उत्सव

By Prabhat Khabar News Desk | August 7, 2024 11:36 PM

प्रतिनिधि, खगड़िया

आंगनबाड़ी केंद्र बछौता में बुधवार को गोदभराई उत्सव मनाया गया. लाभार्थियों को पोषण से संबंधित जानकारी दी गयी. स्वस्थ समाज निर्माण को लेकर जागरूक किया गया. मंगल गीतों से कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. गर्भवती महिला को उपहार स्वरूप पोषण की पोटली दी गयी है, जिसमें गुड़, चना, हरी पत्तेदार सब्जियां, आयरन की गोली, पोषाहार व फल आदि शामिल थे. गर्भवती महिलाओं को चुनरी ओढ़ाकर और टीका लगाकर गोदभराई रस्म पूरी की गयी. सभी महिलाओं को अच्छी सेहत के लिए पोषण की आवश्यकता व महत्व के बारे में जानकारी दी गयी.

सुरक्षित व सामान्य प्रसव के लिए उचित पोषण जरूरी

सेविका हेमलता ने बताया कि गोदभराई रस्म में सेविकाओं द्वारा गर्भवती महिलाओं के सम्मान में उसे चुनरी ओढ़ाकर और तिलक लगा कर उनके गर्भस्थ शिशु की बेहतर स्वास्थ्य की कामना की गयी. गर्भवतियों की गोद में पोषण संबंधी पौष्टिक आहार फल सेव, संतरा, बेदाना, दूध, अंडा, डाल सेवन करने का तरीका बताया गया. गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को आयरन की गोली खाने की सलाह दी गयी. उन्हें बताया कि गर्भवती महिला कुछ सावधानी और समय से पौष्टिक आहार का सेवन करें तो बिना किसी अड़चन के स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती हैं. उन्होंने बताया कि सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए उचित पोषण जरूरी है.

नियमित टीकाकरण को लेकर लाभार्थियों को किया गया जागरूक :

पिरामल फाउंडेशन के सीनियर प्रोग्राम लीडर सेराज हसन ने बताया कि गोदभराई उत्सव कार्यक्रम के दौरान मौजूद लाभार्थियों को नियमित टीकाकरण कराने को लेकर भी जागरूक किया गया. उन्हें नियमित टीकाकरण के महत्व व होने वाले फायदे की जानकारी दी. लाभार्थियों को बताया गया कि शिशु के जन्म के एक घंटे के भीतर मां का गाढ़ा-पीला दूध बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. अगले छह माह तक केवल मां का दूध बच्चे को कई गंभीर रोगों से सुरक्षित रखता है. छह माह के बाद बच्चे का शारीरिक व मानसिक विकास तेजी से होता है. इस दौरान स्तनपान के साथ ऊपरी आहार की जरूरत होती है. घर का बना मसला व गाढ़ा भोजन ऊपरी आहार की शुरुआत के लिए जरूरी होता है. मौके पर पिरामल फाउंडेशन के प्रोग्राम लीडर मृणाल कुमार, गांधी फेलो इसराइल आंगनवाड़ी सेविका, सहायिका आदि मौजूद थे.

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