कभी भी तटबंध पार कर गांव में प्रवेश कर सकता है बागमती का पानी, लोग चिंतित

कभी भी तटबंध पार कर गांव में प्रवेश कर सकता है बागमती का पानी, लोग चिंतित

By Prabhat Khabar News Desk | July 17, 2020 9:38 AM

खगड़िया: चौथम में बागमती नदी के बाढ़ से बचाव के लिए बदला-नगरपाड़ा तटबंध बनाया गया है. लेकिन तटबंध कई जगहों पर कटा हुआ है. बताया जाता है कि खनन माफियाओं द्वारा बालू मिट्टी का अवैध खनन करने के दौरान तटबंध को काटकर रास्ता बनाया गया था. जिसे अब तक ना तो खनन माफियाओं ने भरवाया, और ना ही विभाग द्वारा कटे तटबंध की मरम्मत करायी गयी है. अभी बागमती नदी खतरनाक हो चुकी है. प्रतिदिन नदी के जलस्तर में काफी वृद्धि हो रही है. अगर नदी के जलस्तर में वृद्धि इसी प्रकार जारी रही तो कटे तटबंध के समीप नदी का पानी पार कर गांव में घुस जायेगा. फिर तटबंध को बचाना मुश्किल होगा. तटबंध को पार कर नदी का पानी आने से पूरा गांव जलाशय में तब्दील हो जायेगा. इधर बाढ़ की स्थिति को देखते हुए भी विभाग द्वारा तटबंध की मरम्मती नहीं कराये जाने से ग्रामीणों में आक्रोश है.

कई जगहों पर कटा है तटबंध

ग्रामीणों ने बताया कि खनन माफियाओं द्वारा बांध के उस पार से मिट्टी लाने के दौरान कई जगह तटबंध को काटकर रास्ता बनाया गया है. लेकिन अब तक उस रास्ता को ठीक नहीं किया गया. जिस कारण कटिंग हुए तटबंध से बागमती का पानी तटबंध पार करने को आतुर है. बताया जाता है कि बीएन तटबंध चौथम स्थित राजा मुरारी के घर के पास कटा हुआ है. वहीं चौथम डीह के पास भी कटा हुआ है. इसके अलावा लालपुर गांव के पास भी कटा हुआ है. जिसे अब तक भराई नहीं कि गई है. वहीं दूसरी ओर बीएन तटबंध कई जगहों पर रेनकट का शिकार हो चुका है. बदला घाट से लेकर लगमा गांव तक तटबंध की मरम्मत की गई है. जिसके तहत तटबंध का ऊंचीकरन और चौड़ीकरण का कार्य हुआ है. मिट्टी की नई भराई के कारण लगातार हो रही बारिश से कई जगह कटिंग का शिकार बांध हो गया. बताया जाता है कि हरदिया से लेकर मालपा गांव तक दर्जन भर जगहों पर तटबंध में रेनकट हो चुका है. रेनकट से वैसे फिलहाल कोई खतरा तो नहीं है. लेकिन अगर उसे भराया नहीं गया तो आगे चलकर विभाग की परेशानी बढ़ सकती है.

बाढ़ को लेकर लोगों में है भय का माहौल

बाढ़ को लेकर जिला प्रशासन द्वारा अलर्ट किये जाने के बाद लोगों में भय का माहौल है. वहीं लगातार बढ रहा बागमती का जलस्तर व बांध की स्थिति देख लोग भयभीत हैं. जलस्तर में वृद्धि इसी तरह जारी रही तो जल्द ही बागमती का पानी तटबंध कटिंग की ओर से गांव में प्रवेश कर जायेगा. जिससे पूरा गांव जलाशय में तब्दील हो जायेगा. इस डर से गांव के सैकड़ों ग्रामीण ऊंचे स्थलों की तलाश में जुट गये हैं. कुछ ग्रामीणों द्वारा तटबंध पर बांस बल्ला लगाकर आशियाने की तैयारी की जाने लगी है.

कहते हैं अधिकारी

जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता गोपाल चंद्र मिश्र ने बताया कि तटबंध कहां-कहां कटा है इसकी जानकारी नहीं है. जांच कर सभी कटिंग को भराया जायेगा. जिसके द्वारा तटबंध को काटा गया है. उसको चिह्नित कर उस पर कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने बताया कि तटबंध पर लगातार निगरानी की जा रही है.

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