15 अगस्त तक नदियों में मछली पकड़ने पर प्रतिबंध, पकड़े गये तो होगा जेल

15 अगस्त तक नदियों में मछली पकड़ने पर प्रतिबंध, पकड़े गये तो होगा जेल

By Prabhat Khabar News Desk | July 12, 2024 11:53 PM

प्रतिनिधि, खगड़िया

15 अगस्त तक नदियों व सहायक नदियों में मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लगा दी गयी है. मछली मारने पर अगले दो महीने तक रोक लगी रहेगी. बताया जाता है कि मछली पकड़ने पर रोक को लेकर जिला मत्स्य पदाधिकारी सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी लाल बहादुर शाफी ने सभी मछुआरों को मछली पकड़ने पर रोक लगायी है. आदेश की अवहेलना करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई/छह माह का कारावास या पांच सौ रुपये तक जुर्माना अथवा दोनों कार्रवाई होगी. जिला मत्स्य पदाधिकारी ने बताया कि बिहार मत्स्य जलकर प्रबंधन अधिनियम 2006,07,10 व 2018 द्वारा 15 जून से 15 अगस्त तक बहती नदियों में मछली की शिकारमाही को प्रतिबंधित किया गया है. क्योंकि यह समय मछली का प्रजनन काल होता है. इस समय के बीच मछलियां अपने-अपने प्रजनन के लिए उपयुक्त स्थल का चयन कर बच्चा देती है. जिला मत्स्य पदाधिकारी ने कहा कि सफल प्रजनन होने से मछलियों की संख्या में बढ़ोतरी होता है. बताया जाता है कि नदियों में मछली के सफल प्रजनन हो इसके लिए माॅनसून की अवधि में नदियों में मछली पकड़ने पर रोक लगायी गयी है. बताया जाता है कि यह जिला नदियों के नैहर के रूप जाना जाता है. यहां गंगा बूढ़ी गंडक, कोसी, कमला, करेह, काली कोसी आदि नदियां बहती है. इसके अलावा इन प्रमुख नदियों की बहुत सारी सहायक नदियां बहती है. इन नदियों में प्रचुर मात्रा मछलियों का उत्पादन होता है. जिला मत्स्य पदाधिकारी श्री सिंह कहते हैं कि मछलियों के प्रजनन तथा छोटे मछलियों को जीवित रखने के लिए उक्त आदेश जारी किये हैं. कहा कि नदियों में मछली शिकारमाही के लिए जहरीले पदार्थों, डायनामाईड या किसी विस्फोटक पदार्थ के इस्तेमाल पर, 4 सेमी से कम फासा वाले जाल के इस्तेमाल पर, छोटी मछलियों के शिकारमाही पर तथा नदियों व जलाशयों में मछलियों के आने-जाने के रास्ते पर बाड़ी या किसी प्रकार का घेरा लगाने पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाया गया है. ऐसा करना दंडनीय अपराध होगा. जिला मत्स्य पदाधिकारी ने बताया कि आदेश की अवहेलना करने वाले मछुआरों पर कार्रवाई की जायेगी.

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