खगड़िया: बाढ़ ने खगड़िया में दस्तक दे दी है. जिले के परबत्ता प्रखंड को छोड़ कर सभी प्रखंडों में बाढ़ से वर्तमान में 55 पंचायत प्रभावित हुए हैं. जहां से लोगों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने के लिये नावों का परिचालन शुरू कर दिया गया है. संभावित बाढ़ वाले स्थानों को चिह्नित कर पहले से नावों की व्यवस्था कर दी गयी है. बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रफल की बात करें तो 1855 हेक्टेयर कृषि योग्य व 145 हेक्टेयर गैर कृषि योग्य भूमि शामिल हैं.
अलौली के शहरबन्नी पंचायत के मुसहरिया डीह, विषहरिया डीह, पिपरा, कोठियार, चिकनी, गम्हरिया वार्ड नंबर 2, रविदास टोला वार्ड नंबर 7, पाठक टोला वार्ड नंबर 10, लोहियानगर वार्ड नंबर 13 बाढ़ के पानी से घिर चुका है. वहीं दहमा खैरी खुटहा पंचायत के नया टोला घरिया वार्ड नंबर 10, 11,खैरी डीह, खुटहा वार्ड नंबर 12, उदनघरारी, कोदरा, मोहनपुर, आनंदपुरमारण पंचायत के बलधरनाप, हन्ना, तेरासी, लहड़ी, मखनाही, औराही, पीपरपांती, कलवारा, गुरदी कोट, बरियाही, शिशबन्नी, सहोरवा, भराट, श्यामघरारी, सर्वजीता, झीमा, मारन डीह, सुखासन के अलावा चेराखेरा पंचायत के हरदिया, मझवारी, फुलवरिया, भराठ, मोहराघाट, पछवारी टोला, तेरासी, मोहराघाट, बिंद टोली,करूआरा, बेतौना, गुलड़िया, उत्तरी बहोरवा आदि गांव भी बाढ़ के पानी से घिर चुका है. इसके अलावा मानसी के अमनी पंचायत के हियादपुर गांव में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. जहां से लोग सुरक्षित स्थानों पर पलायन करने लगे हैं. वहीं अन्य प्रखंडों में भी कई इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश करने की सूचना है. संभावित बाढ़ वाले इलाकों में लोग सुरक्षित स्थानों पर जाने की तैयारी में हैं.
ऊंचे स्थलों की पहचान से लेकर पॉलीथिन शीट्स सहित बाढ़ ग्रस्त इलाकों में 1875 गर्भवती महिलाओं व 1532 धातृ महिलाओं की पहचान करने सहित सभी तैयारी पूरी कर ली गयी है. जिले होकर बहने वाली गंगा, बागमती, बूढ़ी गंडक, कोसी की कुल 147 किमी लंबे तटबंध सहित सभी बांधों के सुरक्षित होने का दावा किया गया है. किसी भी आपात स्थिति से निबटने के लिये 50 हजार सैंडबैग सुरक्षित रखे गये हैं. जिला प्रशासन ने 124 ऊंचे स्थलों को चिह्नित कर सभी इंतजाम पूरा कर लिया है. 140 प्राइवेट नावों को चिह्नित कर नाव मालिकों से एकरारनामा किया गया है. तटबंधों की निगरानी के लिये होमगार्ड को तैनात किया गया है. जबकि 177 प्रशिक्षित तैराकों व 32 मास्टर ट्रेनर्स गोताखोरों सहित खोज व बचाव राहत दल को एलर्ट मोड में रखा गया है. स्वास्थ्य विभाग ने जीवनरक्षक दवाइयों का भंडारण सुनिश्चित करके रखा है. बता दें कि डीएम आलोक रंजन घोष लगातार अधिकारियों के साथ बाढ़ पूर्व तैयारी सहित विभिन्न बिंदुओं पर बैठक कर सतत मॉनिटरिंग कर रहे हैं. खोज बचाव दल का गठन सभी सीओ द्वारा किया गया है.
जिले में कुल 124 शरणस्थली की पहचान वहां रहने, खाने से लेकर दवा का भी इंतजाम रहेगा. सरकारी नावों के साथ प्राइवेट नावों की व्यवस्था, बच्चों के लिये दूध से लेकर लोगों के खाने, रहने की व्यवस्था सहित बीमार लोगों के स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखने का निर्देश दिया गया है. संभावित बाढ़ वाले इलाकों में पहले से नावों की तैनाती की जा रही है ताकि संकट के समय में लोगों को समय रहते सकुशल बाहर निकाला जा सके. आपदा से निबटने के लिये जिला पुलिस प्रशासन पूरी तरह तैयार है.
संभावित बाढ़ को देखते हुए इंसान के साथ जानवरों के खाने सहित शरणस्थली का इंतजाम भी किया गया है. पशुओं के लिये हरा चारा का स्टॉक सप्लायर को चिह्नित किया गया है. सूखा राशन की सप्लाई के लिये सप्लायर का टेंडर कर लिया गया है. वर्षा मापक यंत्र, वर्षापात, मानव दवा, पशुचारा, पशुदवा एवं खाद्यान्न की उपलब्ध होने का दावा किया गया है. साथ ही नाविक एवं गोताखोर पूरी तरह एलर्ट मोड में रखा गया है.