बिहार में अंडा उत्पादन के लिए गरीबों को चूजा देगी सरकार, 60 हजार से अधिक की होगी आमदनी, अनुदान में राशि भी मिलेगी
पशुपालन विभाग द्वारा केंद्र प्रायोजित योजना के तहत अनुसूचित जाति के गरीबों को अंडा उत्पादन कर जीविकोपार्जन के लिए महज दस रुपये की दर से 45 चूजा और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी. पिछड़े जिलों में इस योजना पर विशेष बल दिया गया है. खगड़िया जिला भी पिछड़े जिलों की श्रेणी में आता है. राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एनएलएम) से इन लाभुकों को न सिर्फ 28 दिन का तैयार चूजा उपलब्ध कराया जाएगा बल्कि नाइट सेल्टर और वाटर फीडर के लिए अनुदान भी दिया जाएगा. चूजा के मुर्गी बनने के बाद अंडा उत्पादन शुरू होगा, जो जीविका का मुख्य साधन बन जाएगा. इससे इन लाभुकों को गरीबी दूर करने और परिवार की परवरिश का बेहतर अवसर प्राप्त होगा.
पशुपालन विभाग द्वारा केंद्र प्रायोजित योजना के तहत अनुसूचित जाति के गरीबों को अंडा उत्पादन कर जीविकोपार्जन के लिए महज दस रुपये की दर से 45 चूजा और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी. पिछड़े जिलों में इस योजना पर विशेष बल दिया गया है. खगड़िया जिला भी पिछड़े जिलों की श्रेणी में आता है.
राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एनएलएम) से इन लाभुकों को न सिर्फ 28 दिन का तैयार चूजा उपलब्ध कराया जाएगा बल्कि नाइट सेल्टर और वाटर फीडर के लिए अनुदान भी दिया जाएगा. चूजा के मुर्गी बनने के बाद अंडा उत्पादन शुरू होगा, जो जीविका का मुख्य साधन बन जाएगा. इससे इन लाभुकों को गरीबी दूर करने और परिवार की परवरिश का बेहतर अवसर प्राप्त होगा.
इस योजना के तहत चूजा के अलावा पशुपालन विभाग द्वारा नाइट सेल्टर और वाटर फीडर से प्रति लाभुक 15 सौ रुपये का अनुदान भी दिया जाएगा. 28 दिन का चूजा अगले पांच महीने में अंडा उत्पादन के लिए तैयार होगा. जिससे प्रतिवर्ष 240 अंडा का उत्पादन होगा. इससे संबंधित मुर्गी पालकों को वर्ष में कम-से कम 60 हजार रुपये की आमदनी होगी. जिससे उनके परिवार की परवरिश हो सकेगी. इस कार्य में लाभुकों को काफी कम समय भी लगेगा, जिससे वे अपना दूसरा रोजगार भी आसानी से कर पायेंगे. क्षेत्र के बीपीएलधारी अनुसूचित जाति परिवार के लिए सरकार की यह योजना वरदान साबित हो सकती है.
सरकारी खर्च पर ही गरीबों को जीविकोपार्जन का बेहतर अवसर प्रदान होगा. इसके लिए विभाग लाभुकों के चयन की प्रक्रिया जारी है. लॉकडाउन के बाद लाभुकों को चूजा उपलब्ध करा दिया जायेगा.
डा. दिनकर, पशुपालन पदाधिकारी गोगरी
POSTED BY: Thakur Shaktilochan