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Bihar Land Survey: खगड़िया में खतियान को लेकर बवाल, रोका गया हजारों एकड़ भूमि का सर्वे

Bihar Land Survey: अलौली अंचल के दो, गोगरी अंचल के तीन तथा बेलदौर अंचल के नौ सहित 14 राजस्व ग्राम में जमीन सर्वे पर तत्काल रोक लगायी गयी है . बंदोबस्त पदाधिकारी के स्तर से संबंधित राजस्व ग्राम के भू- सर्वेक्षण अमीन, कानूनगो तथा शिविर प्रभारियों को निर्देश जारी कर दिये गए हैं. साथ ही साथ भू-अभिलेख व परिमाप निदेशालय से मार्गदर्शन की भी मांग की गयी है.

By Ashish Jha | September 20, 2024 12:53 PM
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Bihar Land Survey: खगड़िया. बेलदौर अलौली व गोगरी अंचल के 14 राजस्व ग्राम स्थित हजारों एकड़ भूमि के सर्वे पर तत्काल रोक लगा दी गयी है. विभाग से अनुमति मिलने के बाद ही इन राजस्व ग्राम में अब दोबारा जमीन सर्वेक्षण का कार्य शुरु होगा. जानकारी के मुताबिक अलौली अंचल के दो, गोगरी अंचल के तीन तथा बेलदौर अंचल के नौ सहित 14 राजस्व ग्राम में जमीन सर्वे पर तत्काल रोक लगायी गयी है . बंदोबस्त पदाधिकारी के स्तर से संबंधित राजस्व ग्राम के भू- सर्वेक्षण अमीन, कानूनगो तथा शिविर प्रभारियों को निर्देश जारी कर दिये गए हैं. साथ ही साथ भू-अभिलेख व परिमाप निदेशालय से मार्गदर्शन की भी मांग की गयी है. बताया जाता है कि विभाग से प्राप्त दिशा- निर्देश के बाद इन राजस्व ग्राम में जमीन सर्वे का कार्य शुरु होगा.

दो साल पहले हुआ था जमीन का सर्वे

तीनों अंचलों में पहले चरण यानि करीब दो साल पहले ही भू- सर्वे का कार्य शुरू हुआ था. कई स्तर तक सर्वे का कार्य पूर्ण भी हो चुका है. लेकिन यहां सर्वस्ता खतियान व नक्शा के आधार पर जमीन का सर्वेक्षण होने की बातें सामने आने के बाद सर्वे पर बंदोबस्त पदाधिकारी अरुण कुमार झा तत्काल रोक लगाते हुए राज्य स्तर पर पत्राचार ( मार्ग दर्शन मांगा है ) किया है. कुछ दिन पहले ही विभागीय आदेश के बाद परबत्ता तथा खगड़िया अंचल के 11 राजस्व ग्राम स्थित 81 सौ एकड़ टोपो लैंड के सर्वे पर रोक लगायी थी. नगर परिषद व नगर पंचायत स्थित 39 राजस्व ग्राम में द्वितीय चरण में भी जमीन सर्वेक्षण का कार्य आरंभ नहीं हो पाया है.

क्यों रोका गया सर्वे

तीन अंचल के 14 राजस्व ग्राम में सर्वस्ता खतियान व नक्शा के आधार पर जमीन का सर्वे किये जाने की बातें सामने आने के बाद बंदोबस्त पदाधिकारी द्वारा यहां जमीन सर्वेक्षण पर तत्काल रोक दिया गया है. पहले तीन राजस्व ग्राम में सर्वस्ता खतियान व नक्शा के आधार पर भू-सर्वे की बातें सामने आयी थी, लेकिन अब 14 राजस्व ग्राम में ऐसे मामले सामने आये हैं. इधर सभी सीओ को पत्र लिखकर यह जानकारी मांगी है कि और किसी राजस्व ग्राम में भी सर्वस्ता खतियान व नक्शा के आधार पर जमाबंदी कायम हुई थी या फिर इसके आधार पर कार्य संपादित हो रहे हैं.

क्या होता है सर्वस्ता खतियान व नक्शा

खगड़िया में साल 1902 में सर्वे हुआ था, तब मुंगेर जिला में खगड़िया शामिल था. अंग्रेज के शासनकाल में यहां सर्वे हुआ था, जिसके बाद खतियान व जमीन का नक्शा तैयार हुआ था. उस अवधि के दौरान बने खतियान व नक्शा के आधार पर ही अब तक संबंधित कार्य ( स्वामित्व निर्धारण व जमीन मापी ) होते रहे हैं. जानकार बताते हैं कि जल-जमाव के कारण उस अवधी के दौरान यहां कुछ राजस्व ग्राम में जमीन सर्वे का कार्य नहीं हो पाया था, लेकिन सर्वे के कुछ साल बाद ही छूटे हुए राजस्व ग्राम/ मौजा में भू-धारियों से लगान वसूली के लिए सर्वे कराकर सर्वस्ता खतियान तथा नक्शा बनवाया गया था.

प्रमाणिकता पर उठते रहे हैं सवाल

सर्वस्ता खतियान तथा नक्शा के प्रमाणिकता पर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं. जानकार बताते हैं कि कानूनी तौर पर सर्वस्ता खतियान व नक्शा का मान्यता नहीं है. राजस्व न्यायालयों में सर्वस्ता खतियान व नक्शा को तबज्जो नहीं दी जाती रही है. साल 1902 यानि अंग्रेज शासनकाल में बने खतियान व नक्शा पर भू- सर्वे के लिए अधिकृत पदाधिकारी का हस्ताक्षर है, जबकि छूटे हुए राजस्व मौजा में तत्कालीन जमीनदारों द्वारा बनवाये/ तैयार कराये गये सर्वस्ता खतियान व नवशा पर सक्षम/ अधिकृत किसी पदाधिकारी ( डीएम या फिर बंदोबस्त पदाधिकारी ) का हस्ताक्षर नहीं है.

पंजी टू के साथ राज्य स्तर पर बुलाये गये थे सीओ

जानकारी के मुताबिक विभागीय पदाधिकारी के आदेश पर बीते दिनों सर्वस्ता खतियाना के आधार पर तैयार जमाबंदी पंजी के साथ बेलदौर तथा अलौली अंचल के सीओ को बुलाया गया था. सूत्र बताते हैं कि भू-अभिलेख व परिमाप निदेशालय द्वारा इस बात की जांच कराई जा रही है कि जिला अभिलेखागार में सर्वस्ता खतियान तथा नक्शा कब जमा कराया गया था.

जमींदारों ने बनाए गए थे सर्वस्ता खतियान

सर्वस्ता खतियान व नक्शा कब बनाए गए थे, इस बात का कोई प्रमाण नहीं है. समय- अवधी काफी पुराना( आजादी के पूर्व का) होने के कारण विभाग के अधिकारी को यह मालूम नहीं है कि सर्वस्ता खतियान या फिर कब तैयार किये गए थे. लेकिन जमीन से जुड़े जानकार बताते हैं कि सर्वस्ता खतियान तथा नक्शा का निर्माण भूतपूर्व जमीनदारों के द्वारा छूटे हुए मौजा में 1902 के बाद तथा आजादी के पूर्व बनाए गए थे. ताकि उनके द्वारा भू – धारियों से लगान की वसूली किया जा सके .

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कहां-कहां रोका गया जमीन का सर्वे

अंचल मौजा

अलौली- चेराखेरा, मोहनपुर.
गोगरी- राजधान करारी, हर प्रसाद, बोरना.
बेलदौर- गेन्धारसन, मुरास, पचरासी, रोहियामा, गवास, बलैठा, दहरौजा, बेला नौवाद तथा दिघौन.

कहते हैं अधिकारी

सर्वस्ता खतियान तथा नक्शा के आधार पर 14 राजस्व ग्राम में हो रहे जमीन सर्वेक्षण पर तत्काल रोक लगाते हुए विभाग ( भू-अभिलेख व परिमाप निदेशालय ) से मार्गदर्शन मांगा गया है . वहां से प्राप्त दिशा – निर्देश के आलोक में अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी.

अरुण कुमार झा , बंदोबस्त पदाधिकारी खगड़िया
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