राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय में दीप उत्सव 2.0 का भव्य आयोजन
इस कार्यक्रम का उद्देश्य दिवाली और छठ पूजा के अवसर पर छात्रों के बीच भारतीय संस्कृति और परंपराओं के महत्व को उजागर करना है
खगड़िया. राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के आर्ट एंड कल्चरल क्लब द्वारा आयोजित दीप उत्सव 2.0 का शुभारंभ रविवार को कॉलेज के ऑडिटोरियम में किया गया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य दिवाली और छठ पूजा के अवसर पर छात्रों के बीच भारतीय संस्कृति और परंपराओं के महत्व को उजागर करना है. दीप उत्सव 2.0 में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का विशेष आयोजन किया गया है, जिसमें मुख्य आकर्षण के रूप में गायन और नाटक की प्रस्तुतियां रहीं. छात्रों के विभिन्न समूह दिवाली और छठ पूजा के थीम पर आधारित प्रस्तुतियों में भाग लिया. महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ मणि भूषण ने कहा कि ये कार्यक्रम न केवल त्योहारों की धार्मिक और सांस्कृतिक झलक प्रस्तुत करेगा, बल्कि छात्रों के बीच आपसी सहयोग, सांस्कृतिक समझ और उनके रचनात्मक कौशल को भी बढ़ावा देगा. उन्होंने आयोजन कर्ता आर्ट एंड कल्चर क्लब के नोडल अधिकारी प्रोफेसर विश्वजीत कुमार, प्रोफेसर अभिषेक कुमार एवं प्रोफेसर अविरल कुमार को बधाई दी. बता दें कि इस तरह के आयोजन का मुख्य उद्देश्य छात्रों के बीच भारतीय संस्कृति के प्रति सम्मान और जागरूकता को बढ़ावा देना है. हम सभी जानते हैं दीपावली और छठ पूजा जैसे त्योहार भारत की सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा हैं. दीप उत्सव 2.0 के माध्यम से छात्र भारतीय परंपराओं को न केवल जानेंगे बल्कि उन्हें जी भी सकेंगे. आर्ट एंड कल्चरल क्लब के संयोजकों ने बताया कि यह कार्यक्रम छात्रों के व्यक्तिगत और सांस्कृतिक विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि दीप उत्सव 2.0 के माध्यम से छात्रों को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने का प्रयास किया गया है. इस कार्यक्रम में भाग लेकर छात्र अपनी कलात्मक प्रतिभा को भी निखार सकेंगे. इससे पहले कॉलेज के छात्रों और स्टाफ ने इस कार्यक्रम की सफलता के लिए व्यापक तैयारियां की हैं. पहले दिन के कार्यक्रम में रश्मी कुमारी, सूरज कुमार, दिव्या ,आशीष रंजन का समूह, विनय कुमार, हर्ष आनंद ,लोकेश कुमार सिंह, आनंद राज का ग्रुप, राज किशोर , शिवम कुमार पांडे, आदित्य कुमारी ,सत्यम कुमार के ग्रुप ने सहभागिता दिखाई. प्रोफेसर अविरल कुमार ने कहा ये दीपोत्सव 2.0 का आयोजन निश्चित रूप से छात्रों के लिए एक यादगार अनुभव साबित होगा, जिसमें वे भारतीय परंपराओं के प्रति अपने जुड़ाव को और गहरा कर पाएंगे.
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