मुर्गा मंडी किया बंद, पूरे दिन पसरा रहा सन्नाटा
मुर्गा मंडी किया बंद, पूरे दिन पसरा रहा सन्नाटा
मुर्गा मंडी में रंगदारी मांग किए जाने के विरोध में दुकानदारों ने दिया धरना
दुकानदारों ने जिप के ठेकेदार नीरज यादव पर लगाया रंगदारी वसूलने का आरोप
शहर के राजेंद्र चौके के समीप संचालित मुर्गा मंडी सोमवार को बंद रहा है. दुकानदारों ने धरना दिया. दोपहर बाद दुकानदार नगर परिषद पहुंच कर कार्यपालक पदाधिकारी व जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सह डीडीसी को आवेदन देकर घटना की जानकारी दी है. दुकानदार सलाम, अकबर अली, मनोज कुमार, नौशाद, मुबारक सहित दर्जनों दुकानदारों ने नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी को आवेदन देकर कहा कि मंडी में महीनों से रंगदारी की मांग की जा रही है. उन्होंने कहा कि जिला परिषद के ठेकेदार नीरज यादव, पिता शैलेंद्र यादव एवं उनके गुंडे द्वारा जबरदस्ती अवैध वसूली किया जा रहा है. जो कि सरासर गलत है. नीरज यादव को जिला परिषद द्वारा बंदोबस्त सिर्फ 84 पटरी का मिला है. इसका दर भी निर्धारित है. लेकिन जिला परिषद द्वारा जो दर निर्धारित किया गया है. उस दर बट्टी नहीं लिया जाता है. बट्टी देने पर रशीद काट कर नहीं दिया जाता है. मनमाने तरीके से रंगदारी प्रति दुकान 80 रुपये, प्रति मछली दुकान 100 रुपये एवं मुर्गा मंडी के बाहर फूट पाट दुकानदार से भी 100 रुपये वसूली किया जाता है. दुकानदारों ने कहा कि छठ पूजा के अवसर पर देहात के किसान सामान बेचने आते हैं तो किसानों से भी वसूली की जाती है. मंडी बकरी व्यापारी से भी प्रति बकरी 30 रुपये वसूल की जाती है. दुकानदारों ने कहा कि वसूली नगर परिषद को लेना चाहिए. लेकिन नीरज यादव जबरन प्रति बकरी 30 रुपये रंगदारी ले रहा है. 25 रुपये नगर परिषद के ठेकेदार द्वारा लिया जा रहा था. नगर परिषद के ठेकेदार को ही प्रति बकरी वसूली करने का अधिकार है. जिला परिषद के कुछ कर्मचारी के मिली भगत से अखबार में बिना विज्ञापन दिए टेबुल टेंडर कर बट्टी वसूली का ठेका दे दिया जाता है. जिसके कारण ठेकेदार द्वारा सोशन किया जाता है. दुकानदारों ने कानूनी कार्रवाई करने की मांग की.
कहते हैं कार्यपालक पदाधिकारी
जिला परिषद के द्वारा टेंडर निकाला जाता है. नगर परिषद द्वारा फेरी करने वाले से टैक्स लिया जाता मंडी के स्टॉल से नहीं, शिकायत मिली है जांच की जाएगी.रवि कुमार, नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी
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