सर्वे के नाम पर धांधली किए जाने विरोध में सीपीआईएम ने किया समाहरणालय के समक्ष प्रदर्शन

सर्वे के नाम पर धांधली किए जाने विरोध में सीपीआईएम ने किया समाहरणालय के समक्ष प्रदर्शन

By Prabhat Khabar News Desk | September 13, 2024 10:05 PM

खगड़िया. सीपीआईएम के नेतृत्व शुक्रवार को कार्यकर्ताओं ने समाहर्ता के समक्ष विशाल प्रदर्शन किया. इससे पहले जिले के सैकड़ों लोग हाथ में लाल झंडा लिए सीपीआईएम जिला कार्यालय के पास जमा हो गया. प्रदर्शनकारियों ने मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते हुए जुलूस निकाल कर समाहरणालय पहुंचा. प्रदर्शन का नेतृत्व पार्टी जिला सचिव संजय कुमार ने किया. प्रदर्शन स्थल पर सभा शुरु करने से पूर्व पार्टी महासचिव कामरेड सीताराम येचुरी को दो मिनट मौन रख कर श्रद्धांजलि दी गई. प्रदर्शन बाद सभा का आयोजन किया गया. सभी की अध्यक्षता सुरेन्द्र प्रसाद ने किया. जिला सचिव संजय कुमार ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि तीन माह पहले माड़र में पार्टी के नेता शंभू कुमार सिंह की हत्या अपराधियों ने कर दिया था. वह सभी जेल में बंद है. स्पीडी ट्रायल चला कर बदमाशों को कड़ी सजा देना होगा. बिहार के डबल इंजन की सरकार पिछले कई वर्षों पूर्व बेघर भूमिहीनों को 05 डिसमिल जमीन बसने के लिए उपलब्ध कराने की फैसला लेने के बावजूद उन्हें लगातार ठगने का काम कर रही है. बसेरा अभियान के तहत कुछ लोगों को पर्चा देकर सिर्फ रस्म अदायगी कर गरीबों के मुंह को बंद करना चाहती है. उन्होंने कहा यह प्रदर्शन नीतीश सरकार की घोषणा बिहार के 094 लाख गरीब परिवारों को व्यवसाय के लिए 2-2 लाख रुपये सहयोग में देने में देरी के खिलाफ है. सरकार जमीन सर्वे शुरु की है. सर्वे के नाम पर बड़े पैमाने पर धांधली हो रही है. किसानों, मजदूरों का जमीन के दस्तावेज के नाम पर भयादोहन किया जा रहा है. गैरमजरुआ खास जमीन जिसका लगान सरकार किसानों से लगातार ले रही थी. मगर हाल के कुछ वर्षों से ना सिर्फ रसीद कटना बंद कर दिया गया है. बल्कि खरीद बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है. जिससे लोगों को अपने बाल बच्चे की पढ़ाई, लिखाई और बच्चे की शादी ब्याह करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा जनवितरण प्रणाली को मजबूत बनाते हुए लोगों को केन्द्र सरकार के घोषणा के अनुसार सभी लाभुकों को 10-10 किलो अनाज मुफ्त देने के सवाल भी जुमले साबित हो रहा है. कम बारिश के चलते खरीफ फसल जलने की स्थिति में आ चुकी है. आज यह दोनों ही सवाल मुख्यमंत्री के प्राथमिकता से गायब है. जिसे हासिल किए बिना बिहार का विकास असंभव है. जो हमारे मुख्य मांगों में है. पार्टी जिला सचिव संजय कुमार ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि स्कूली रसोइया को 1650 रुपये प्रति माह मानदेय दे रही है. वो भी साल के मात्र 10 महीने. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ वाली नीतीश सरकार आखिर स्कूली रसोइया, आशा, ममता और आंगनबाड़ी सेविका सहायिका, शहरी क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्रों में लगाए गए सफाई कर्मियों को न्यूनतम जीने लायक कम से कम तत्काल 12 हजार रुपये प्रति माह मानदेय चालू करते हुए उन्हीं स्किल वर्करों को नीतीश सरकार बिहार में 20 लाख लोगों को स्थाई नौकरी और रोजगार देने की घोषणा के तहत स्थाई क्यों नहीं कर रही है. संजय कुमार ने कहा बेलदौर के केहर मंडल टोला, बोबिल, रामनगर, चौथम के भेलौरी और मानसी के अमनी में जिन बटेदारों को वर्षों पूर्व कोर्ट ने डिग्री दिया. आज उन्हें बेदखल किया जा रहा है. उन बटेदारों को दखलदहानी की जिम्मेदारी सरकार और जिला प्रशासन की है. परबत्ता में सैकड़ों वर्ष पूर्व गंगा कटाव से विस्थापित लोगों सहित पूरे जिले में गंडक, कोशी और बागमती नदी से सभी विस्थापित परिवार जिन्हें सरकार ने वर्षों पूर्व जमीन उपलब्ध कराया. उसे पर्चा देना होगा. अलौली के खुटहा नवटोलिया में परचाधारी महादलित लोगों को दखल नहीं दिलाना प्रशासन की पोल खोलता है. जिले में लाभगांव, बेला, तेतराबाद चंदपुरा, दाढ़ीआस, मथुरापुर, नवटोलिया, माड़र, घरारी, लक्ष्मीनगर, लक्ष्मीपुर, झोटियाही, दुबियाही, भेलौरी, रामनगर, बोबिल जहां वर्षों से बसे भूमिहीनों के बीच सड़क, नाला और विद्यालय तक बना दी गयी. मगर उन्हें पर्चा देने में आनाकानी आखिर क्यों. प्रदर्शनकारियों को जिला सचिव मंडल सदस्य सुरेन्द्र पासवान, विनय कुमार सिंह, जिला कमेटी सदस्य नवीन चौधरी, राम विनय सिंह, नीतू देवी, अजहर अंजुम, सच्चितानंद सिंह, राजगीर सिंह, मिथलेश केशरी, ललन प्रसाद रंजन, बिरेंद्र यादव, अनिल वर्मा, महावीर यादव, अमीर कुमार, अमर कुमार यादव ने किया. शोक सभा को राजद जिलाध्यक्ष मनोहर कुमार यादव, कांग्रेस जिलाध्यक्ष कुमार भानुप्रताप उर्फ गुड्डू पासवान, वीआइपी मनोहर सहनी, सीपीआई जिला सचिव प्रभाकर सिंह, सीपीआई (माले) लिब्रेशन जिला सचिव अरुण कुमार दास, माले नेता अभय वर्मा आदि मौजूद थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version