सावन में हरी चूड़ियों की बढ़ी डिमांड, महिलाओं ने कहा पति की बढ़ती है उम्र
हरे रंग की साड़ी और हरे रंग की चूड़ी व मेहंदी के साथ सोलह श्रृंगार करने को शुभ माना जाता है
गोगरी. सावन में धर्म-कर्म के साथ-साथ शृंगार के रंग हरी चूड़ियों के कारोबार में भी खासा निखार आ गया है. महिलाएं इन दिनों जमकर चूड़ियों की खरीदारी कर रही है. हरी चूड़ियों को हिन्दू धर्म में सुहाग का प्रतीक माना गया है. यह सावन में होने वाले सोलह शृंगार का एक अहम हिस्सा है. खासकर सावन के महीनों में सुहागन महिलाओं के लिए हरे रंग की चूडियां पहनने का विशेष महत्व मन जाता है. जमालपुर, गोगरी सहित अनुमंडल के सभी प्रखंड के बाजारों में चूड़ी की दुकानों पर महिलाओं की भीड़ हमेशा लगी रहती है. चूड़ी विक्रेता बंटी केशरी, शंभु केशरी, अंकित कुमार आदि ने बताया कि सावन माह में हरे रंग की चूड़ी, बिंदिया और नेल पॉलिश सहित अन्य सामग्री की खूब बिक्री हो रही है. विक्रेताओं ने बताया कि सुहागन महिलाएं सबसे ज्यादा खरीदारी कर रही है. सुषमा गुप्ता, अनिता गुप्ता, प्रीति पटेल, भारती कुमारी, निभा देवी, गायत्री कुमारी, रीता साह आदि ने बताया कि पूर्वजों से सावन में सजने-सवरने की परंपरा की जानकारी मिली है. हरे रंग की साड़ी और हरे रंग की चूड़ी व मेहंदी के साथ सोलह श्रृंगार करने को शुभ माना जाता है. यह भी कहा जाता हैं कि सावन में हरी चूड़ी पहनने से पति की आयु बढ़ती है.
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