डेंगू का डंक : बरसात में सावधानी जरूरी
डेंगू का डंक : बरसात में सावधानी जरूरी
गोगरी. अनुमंडल सहित जिले में इस बार डेंगू ने डंक नहीं फैलाया है. मगर बरसात के मौसम में सावधानी जरूरी है. जानकारी के अनुसार फिलहाल डेंगू का कोई मामला सामने नहीं आया है. लेकिन शक के आधार पर दर्जनों जांच हो गयी है. मगर कोई पॉजिटिव केस नहीं मिला है. मगर बरसात के मौसम में सावधानी जरूरी है. डेंगू का मच्छर फ्रेश वाटर में पनपता है. इसलिए घर में लगे गमले, टायर, कूलर आदि में पानी हो तो इसे तुरंत बाहर फेंक दें. अगर कहीं तीन दिन तक जमा पानी है तो वहां लाडवा को मारने के लिए दवा का छिड़काव करें. डेंगू से निपटने के लिए लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है. बता दें कि पिछले कुछ वर्षों से डेंगू ने अनुमंडल क्षेत्र में खूब तबाही मचाया था. दो साल पहले तो डेंगू के मरीजों की संख्या सौ के आंकड़े को पार कर गयी थी. डेंगू बुखार के लक्षण अधिकांश देखो संक्रमणों के कोई लक्षण नहीं होते. तेज बुखार सामान्य लक्षण है. इसके साथ खरोच, आंखों के पीछे तीव्र दर्द, उल्टी, मांसपेशियों हड्डियों और जोड़ों में दर्द, अत्यधिक थकान, बेचैनी या चिड़चिड़ापन इसके मुख्य लक्षण है. डेंगू बुखार का कारण डेंगू एडिज मच्छर से फैलता है. जो जीका और चिकनगुनिया जैसे वायरस भी फैलता है. मच्छर डेंगू बुखार से पीड़ित किसी व्यक्ति को काटता है तो फिर किसी अन्य को काटता है. जिससे वह संक्रमित हो जाता है. गोगरी अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ चंद्र प्रकाश ने बताया कि अस्पताल में डेंगू से बचाव के लिए सारी व्यवस्था है. लक्षण वाले मरीज आकर अस्पताल में इलाज करायें. कभी तेज धूप तो कभी बारिश, सर्दी खांसी बुखार से लोग हो रहे हैं पीड़ित गोगरी. बदलत मौसम में कभी बरसात और धूप से मौसमी बीमारी बढ़ जाती है. मसलन सर्दी खांसी और बुखार की परेशानी के चपेट में अधिकांश लोग आ जाते हैं. एक सप्ताह पूर्व क्षेत्र में अच्छी बारिश हो रही थी लेकिन पिछले पांच दिनों से भीषण उमस भरी गर्मी से लोग परेशान के साथ-साथ बीमार भी हो रहे हैं. प्रत्येक घरों में भी सर्दी खांसी और वायरल बुखार के मरीज मिलना आम बात हो गयी है. गोगरी रेफरल अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि मौसम में लगातार बदलाव होता है. कभी बारिश हो जाती है तो कभी तेज धूप रहता है. इस बदलते मौसम में लोग वायरल डिजीज ज्यादा होता है. ऐसे मौसम में अनुमंडलीय अस्पताल गोगरी के आउटडोर में पचास फीसदी ऐसे रोगी होते हैं जिन्हें सर्दी खांसी और बुखार की परेशानी होती है. इनमें कई को गले में दर्द की अनुभूति होती है. इनके अलावा इस मौसम में चर्म रोग की शिकायत लिए भी कई रोगी आते हैं. इनमें पैर में चकता, एक्जीमा, शरीर नोचना आदि की शिकायत लिए आते हैं. चिकित्सक बताते हैं कि बारिश होने की वजह से अभी के समय में खाने पीने के साथ साथ पानी से जुड़ी बीमारी भी ज्यादा होती है. मसलन डायरिया, उल्टी, पेट खराब की शिकायत, टाईफाइड की परेशानी लिए रोगी भी आते हैं. ऐसे समय में खान पान में जरा सा उलटफेर हो जाने की स्थिति में पेट की शिकायत से जुड़े कई दिक्कतें खड़ी हो जाती है. ऐसे रोगी भी सदर अस्पताल के आउटडोर में आते हैं. इस मौसम में वेक्टर बोर्न डिजीज में मलेरिया, डेंगू कालाजार की शिकायत भी ज्यादा होती है. हालांकि अभी ऐसे मरीज कम आते हैं. लेकिन इस मौसम में इन बीमारियों से बचे रहने की जरूरत है. चिकित्सक का मानना है कि इन समयों में लोगों को बारिश से लेकर खान पान में ज्यादा सचेत रहने की जरूरत है. ऐसे रोगियों के लिए सामान्य स्थिति में उन्हें जरूरी जांच वगैरह लिखने के बाद आवश्यक दवा दी जाती है. विशेष दिक्कत होने की स्थिति में उन्हें इंडोर वार्ड में भर्ती कर दिया जाता है. इमरजेंसी में आने वाले रोगी को 24 घंटे इमरजेंसी सेवा और सामान्य स्थिति में आने वाले मरीज को आउटडोर में देखा जाता है. बचाव में क्या करें चिकित्सक डॉ पंकज कुमार बताते हैं कि इस मौसम में विशेष सावधानी में साफ सफाई के साथ खान पान पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है. चिकित्सक बताते हैं कि ऐसे मौसम में पानी शुद्व पीयें. भोजन गर्म और शुद्व करें. बाहर के खान पान से परहेज करें. किसी भी तरह के फलों को घर लाने पर पानी में धोयें. सब्जी को भी पानी में धोयें. अभी के मौसम मे साग का उपयोग बड़ी सावधानी से करें. इससे इन्फेक्शन हो सकता है. इसकी साफ सफाई पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. मिर्च मसाला का कम उपयोग करें. बीमारी से बचे रहने के लिए सावधानी बनाए रखें. विशेष परेशानी होने की स्थिति में चिकित्सक से सलाह लें. बरसात में बढ़ जाती है सर्पदंश की घटनाएं गोगरी. बरसात का मौसम आते ही सर्पदंश मि घटनाएं बढ़ जाती है. बरसात के मौसम में ही बाढ़ भी आती है. बताया जाता है की इस मौसम में सांप के बिल में पानी प्रवेश हो जाने के कारण लोगों के घर मे सुरक्षित स्थान खोजने लगते हैं. जिस वजह से लोगों से अचानक मुलाकात हो जाती है. अनजाने में पांव या हाथ पड़ते ही सर्प दंश लेता है. सावधानी ही सर्वोतम उपाय प्रबुद्ध लोगों की माने तो बरसात के समय सर्प घर-डेरा आदि में शरण लेते हैं. जलावन घर में सर्प डेरा जमा लेते हैं. इसलिए जलावन घर में सावधानी से प्रवेश करें. देख-विचार कर जलावन निकालें. जमीन पर न सोवें. सांप काटने पर चिकित्सक से करें संपर्क गोगरी अनुमंडलीय अस्पताल के चिकित्सा प्रभारी डॉ. चंद्रप्रकाश ने बताया कि सर्प दंश के बाद एएसभीएस के टीके लगते हैं. उन्होंने कहा कि सांप काटने पर झाड़-फूंक की चक्कर में न पड़े. चिकित्सक से संपर्क करें. मरीज को अस्पताल लायें. संस्थापक गुरु बहना नीलम दीदी के जन्मोत्सव पर गुरु भाई बहनों ने किया वृक्षारोपण एक दिवसीय शिव चर्चा का हुआ आयोजन फोटो गोगरी. शिव गुरु परिवार के संस्थापक गुरु हरेंद्र भैया की पत्नी नीलम दीदी के जन्मोत्सव पर वार्ड पार्षद सविता देवी के नेतृत्व में शिव गुरु भाई बहनों ने वृक्षारोपण किया. साथ ही वार्ड नंबर 30 स्थित पासी टोला में एक दिवसीय शिव गुरु परिचर्चा का आयोजन किया गया. जिसमें कई भक्तों ने भजन की गंगा में डुबकी लगाया. भजनोपदेशक सह नगर परिषद वार्ड नंबर 30 की वार्ड पार्षद सविता कुमारी ने भजन एवं प्रवचन के माध्यम से भगवान शिव के महिमा का बखान करते हुए बताया कि शिव आदिकाल से ही गुरु का कार्य करते आ रहे हैं. यदि लोक और परलोक में अधिक सुख पाना हो तो मनुष्य को शिव के भक्ति में लीन हो जाना चाहिए. सावन के पवित्र महीने में आदि निरंतर शिव के भजन एवं प्रवचन को सुनते हैं या सुनाते हैं तो मोक्ष की प्राप्ति होती है. उन्होंने अपने प्रवचन के दौरान भगवान शिव के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जिस तरह हवा दुनिया के कोने-कोने में है, उसी तरह भगवान शिव भी कण-कण में उपस्थित है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि हवा सभी जगह उपस्थित होने के बाबजूद साइकिल के चक्के में हवा भर कर ही चलने लायक बनाया जाता है. उसी तरह भगवान दुनिया के कण-कण में उपस्थित होने के बाबजूद उनका सुमिरन कर अपने अंदर उतार कर ही मानव को ज्ञान की प्राप्ति होगी. इसलिए शिव को गुरु बना कर ही मानव का कल्याण संभव है. मौके पर शोभा देवी अनीता देवी सरिता देवी गीत देवी मोहिनी देवी प्रमिला देवी छुहारा देवी अशोक प्रसाद रमेश कांत मंडल सहित कई ग्रामीण मौजूद थे. आज लगेगा मध्य विद्यालय तेलिया बथान में दिव्यांगता जांच शिविर गोगरी. अनुमंडल के परबत्ता प्रखंड के कोलवारा पंचायत वार्ड नंबर 8 मध्य विद्यालय तेलिया बथान में जांच शिविर का आयोजन दिनांक 28 जुलाई 2024 को आसरा केंद्र के द्वारा आयोजित होगा. उक्त आवश्यक की जानकारी दिव्यांग जन कल्याण समिति के जिला अध्यक्ष पवन कुमार पासवान ने देते हुए बताया कि शिविर में दिव्यांगजन एवं वृद्ध जनों को नि:शुल्क बैटरी चलित साइकिल, ट्राईसाईकिल बैशाखी एवं अन्य उपकरण उपलब्ध करवाये जायेंगे. जिसमें दिव्यांग व्यक्तियों का आय प्रमाण पत्र, यूआईडी कार्ड, वृद्ध जनों के लिए आधार कार्ड आय प्रमाण पत्र लाना अनिवार्य है. श्री पासवान ने अनुमंडल क्षेत्र के दिव्यांगजनों से आग्रह किया है कि अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर इस योजना का लाभ लें. One attachment • Scanned by Gmail Displaying IMG-20240727-WA0131.jpg. प्रतिनिधि, गोगरी बरसात के मौसम में लोगों को डेंगू के प्रति सावधानी बरतनी चाहिए. फिलहाल डेंगू का कोई मामला सामने नहीं आया है. लेकिन शक के आधार पर दर्जनों जांच हो गयी है, लेकिन कोई पॉजिटिव केस नहीं मिला है. डेंगू का मच्छर फ्रेश वाटर में पनपता है. इसलिए घर में लगे गमले, टायर, कूलर आदि में पानी हो तो इसे तुरंत बाहर फेंक दें. अगर कहीं तीन दिन तक जमा पानी है तो वहां लाडवा को मारने के लिए दवा का छिड़काव करें. डेंगू से निपटने के लिए लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है. बता दें कि पिछले कुछ वर्षों से डेंगू ने अनुमंडल क्षेत्र में खूब तबाही मचाया था. दो साल पहले तो डेंगू के मरीजों की संख्या सौ के आंकड़े को पार कर गयी थी. डेंगू बुखार के लक्षण अधिकांश देखो संक्रमणों के कोई लक्षण नहीं होते. तेज बुखार सामान्य लक्षण है. इसके साथ खरोच, आंखों के पीछे तीव्र दर्द, उल्टी, मांसपेशियों हड्डियों और जोड़ों में दर्द, अत्यधिक थकान, बेचैनी या चिड़चिड़ापन इसके मुख्य लक्षण है. डेंगू बुखार का कारण डेंगू एडिज मच्छर से फैलता है. जो जीका और चिकनगुनिया जैसे वायरस भी फैलता है. मच्छर डेंगू बुखार से पीड़ित किसी व्यक्ति को काटता है तो फिर किसी अन्य को काटता है. जिससे वह संक्रमित हो जाता है. गोगरी अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ चंद्र प्रकाश ने बताया कि अस्पताल में डेंगू से बचाव के लिए सारी व्यवस्था है. लक्षण वाले मरीज आकर अस्पताल में इलाज करायें.
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