20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

तीन वेतनवृद्धि पर विभाग ने लगाई रोक

तीन वेतनवृद्धि पर विभाग ने लगाई रोक

पूर्व अपर जिला जन संपर्क पदाधिकारी पर हुई कार्रवाई, तीन वेतनवृद्धि पर विभाग ने लगाई रोक

प्रोपराइटर को राशि भुगतान में बरती गई लापरवाही व हाईकोर्ट की सख्ती के बाद हुई कार्रवाई

प्रतिनिधि, खगड़िया

जिले पूर्व अपर जिला जन संपर्क पदाधिकारी दिलीप सरकार के विरुद्ध कार्रवाई हुई है. असंचयात्मक प्रभाव से इनके तीन वेतन वृद्धि पर रोक लगाई गई है. सूचना एवं जन-संपर्क विभाग के द्वारा पूर्व अपर जिला जन संपर्क पदाधिकारी पर कार्रवाई की गई है. बता दें कि सक्षम प्राधिकार के द्वारा इन्हें पूर्व में दंडित किया गया था. तब संचयात्मक प्रभाव से इनके तीन वेतन वृद्धि पर रोक लगाई गई थी. इस आदेश के विरुद्ध दिलीप सरकार ने विभागीय सचिव सह अपीलीय प्राधिकार के समक्ष अपील अभ्यावेदन समर्पित किया था. जिसके आलोक इनके द्वारा बचाव में दिये गए तथ्य, इनपर लगे आरोप एवं अनुशासनिक प्राधिकार के निर्णय की समीक्षा के बाद पुनः आदेश जारी किये गए हैं. बताया जाता है कि आरोपित पदाधिकारी के अपील अभ्यावेदन की समीक्षा के बाद भी इन्हें दोषमुक्त नहीं किया गया है. पहले संचयात्मक प्रभाव से इनके तीन वेतन वृद्धि पर रोक लगाए गए थे. और असंचयात्मक प्रभाव से इनके तीन वेतन वृद्धि पर रोक लगाई गई है.

क्यों हुई कार्रवाई

बता दें कि अपर जिला जन संपर्क पदाधिकारी के पद पर दिलीप सरकार साल 2009 से फरवरी 2014 तक पदस्थापित रहे थे. इन्हीं के कार्यकाल के दौरान में साल 2011 में सहलेश फाउन्डेशन बेगूसराय के प्रोपराइटर विनोद कुमार पोद्वार को जन कल्याणकारी योजनाओं के होडिंग/ फ्लैक्स अधिष्ठापन का कार्य आदेश जारी हुआ. बताया जाता है कि होडिंग लगाने के उपरांत एजेंसी के द्वारा 19 अगस्त 2011 को राशि भुगतान के लिए विपत्र समर्पित किया गया. लेकिन तत्कालिन अपर जिला जन संपर्क पदाधिकारी के द्वारा भुगतान को लंबित रखा गया. जिसके बाद यह मामला हाईकोर्ट पहुंचा. बताया जाता है कि हाइकोर्ट ने पूरे मामले की सुनवाई करते 6 फीसदी ब्याज के साथ प्रोपराइटर को राशि भुगतान करने के आदेश जारी किए.

न्यायालय के आदेश के बाद पदाधिकारी पर हुआ आरोप-पत्र गठित

जानकारी के मुताबिक हाईकोर्ट के बाद सूचना एवं जनसंपर्क विभाग को 1 लाख 73 हजार 964 रुपये का नुकसान होना था. क्योंकि प्रोपराइटर को सूद सहित बकाये राशि का भुगतान करने के आदेश जारी किये गए थे. सरकारी राजस्व की हो रही क्षति के कारण तत्कालीन पदाधिकारी के विरुद्व प्रपत्र ” क ” गठित कर विभागीय कार्रवाई शुरू की गई. सूत्र बताते हैं कि सूद की राशि का भुगतान दिलीप सरकार ने स्वयं किया. लेकिन अपने ढ़ाई साल के कार्यकाल के दौरान प्रोपराइटर को बील का भुगतान नहीं करने के ये दोषी पाए गए. बता दें कि सुनवाई के बाद विभाग के द्वारा दंडित किया गया है. इनके अपील अभयावेदन की समीक्षा के बाद भी इस मामले में ये निर्दोष साबित नहीं हो पाए.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें