श्रद्धा भक्ति के साथ संपन्न हुआ डोरा पूजा
श्रद्धा भक्ति के साथ संपन्न हुआ डोरा पूजा
परबत्ता. श्रद्धा, भक्ति के साथ डोरा पूजा खगड़िया जिले के विभिन्न गांव में रविवार को संपन्न हो गया. डोरा पूजन करने वाली महिलाओं ने कहा कि पौराणिक दंत कथा के अनुसार एक राजा की रानी ने डोरा पूजा किया. राजा अहंकार बस उस डोरे के पवित्र धागे को जला दिया. उस कारण से राजा एवं रानी को काफी कष्ट भुगतना पड़ा. पुनः एक दिन नदी के किनारे महिलाएं की एक टोली डोरा पूजा करते हुए राजा ने देखा अपने अहंकार को त्याग कर पूजा में शामिल होकर प्रसाद ग्रहण किया. इस डोरा पूजा में सूर्य भगवान एवं सप्ता माता की पूजा अर्चना हुई. रविवार को पूजा के समय एक महिला सप्ता माता की कथा सुनायी. तथा सूर्य भगवान को दूध एवं गंगाजल से अर्घ्य दिया गया. पूजा में कई प्रकार के पकवान, मिष्ठान आदि सामग्री का उपयोग किया गया. पंडित बताते हैं कि डोरा पूजा महिलाएं अपने पति एवं पुत्र की दीर्घायु के लिए करती है. इस पूजा को लेकर प्रत्येक गांव में भक्ति का माहौल देखा गया. डोरा पूजा के समय महिलाएं अपने-अपने दांए हाथ के बांह में डोरा यानी धागे बांध कर कथा श्रवण किया. डोरा पूजा में इस पवित्र धागे का बड़ा महत्व है. डोरा पूजा फाल्गुन मास की पूर्णिमा को प्रारंभ होकर ओर बैसाख में समापन हुआ. फाल्गुन मास एवं बैसाख मास के बीच के प्रत्येक रविवार को डोरा पूजा श्रद्धा भक्ति के साथ किया गया.
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