चौथम. नदियों के जलस्तर में कमी होने के बाद भले ही बाढ़ का खतरा समाप्त हो गया है. लेकिन कटाव का खतरा बढ़ गया है. इन दिनों जिले के चौथम प्रखंड अंतर्गत बौरने घाट में बागमती नदी का भीषण कटाव तेज है. कटाव की चपेट में पक्की सड़क और उपजाऊ जमीन है. जो रोज धीरे धीरे नदी में समा रही है. पिछले तीन वर्षों में लगभग आधा किलोमीटर के आसपास पक्की सड़क बागमती नदी के कटाव की भेंट चढ़ चुकी है. इसके बावजूद इस ओर किसी का ध्यान नहीं है. ऐसे में सवाल उठाया जाना लाजिमी सी बात है. दरअसल में जय प्रभारनगर से बौरने घाट तक जाने के लिए लगभग पांच वर्ष पूर्व लगभग एक करोड़ की लागत से पक्की सड़क का निर्माण कराया गया था. उसके बाद वहां बागमती नदी का कटाव शुरू हो गया. सड़क हर हाल कटाव की भेंट चढ़ रही है. लेकिन कटाव के रोकथाम के उपाय कभी भी नहीं किया जा रहा है. इस वर्ष भी कटाव शुरू हो गया है. इसके बावजूद जिला प्रशासन के अधिकारियों या जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों का इस ओर ध्यान नहीं जा रहा है. कहते हैं कार्यपालक अभियंता इस संबंध में जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता कृपाल चौधरी ने बताया कि कटाव की जांच के बाद वरीय अधिकारियों को रिपोर्ट भेजा जायेगा.
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