अल्ट्रासाउंड का रिपोर्ट समय पर नहीं मिलने के विरोध में परिजनों ने सदर अस्पताल में किया हंगामा
परिजनों ने सदर अस्पताल में किया हंगामा
सुपौल जिले का लाइफ लाइन कहे जाने वाले सदर अस्पताल अपने खास वजहों से सुर्खियों में बना रहता है. सदर अस्पताल में अवस्थित अल्ट्रासाउंड में मरीज एवं परिजनों द्वारा सोमवार को हो-हंगामा किया गया. हो-हंगामा कर रहे बसबिट्टी निवासी रिजवान आलम, पिपरा गिदराही निवासी विरेंद्र कुमार, अर्चना झा, आरती कुमारी, फुलदेव यादव सहित दर्जनों मरीज एवं परिजनों ने बताया कि अल्ट्रासाउंड में स्टाफ की कमी के कारण हमलोगों को ससमय रिपोर्ट नहीं दिया जाता है. जब रिपोर्ट मिलता है, उसके बाद डॉक्टर नहीं रहते हैं. जिसका खामियाजा हमलोगों को उठाना पड़ता है. बिना इलाज के ही घर वापस जाना मजबूरी है. दूसरे दिन रिपोर्ट दिखाने के लिए अस्पताल आना पड़ता है. अल्ट्रासाउंड में कार्यरत कर्मी द्वारा बताया गया कि यहां पर रिपोर्ट इंट्री करने के लिए किसी भी कर्मी को नहीं दिया गया है. जिस कारण से रिपोर्ट देने में देरी हो जाती है. इसी बीच हो-हंगामा के बाद अस्पताल प्रबंधन द्वारा पारा मेडिकल छात्रों से अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट इंट्री करा कर मरीजों को दिया गया. सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार ऑक्सीजन प्लांट में कार्यरत कर्मी द्वारा एएनएम कॉलेज स्टूडेंट का रोस्टर बनाया जाता है. डाटा ऑपरेटर ने बताया कि अल्ट्रासाउंड में किसी स्टूडेंट को प्रतिनियुक्त नहीं किया गया. इसी यहां आज कर्मी नहीं है. स्वास्थ्य प्रबंधक अभिनव आनंद से जब इस संबंध में जानकारी लेने की कोशिश की गयी तो वे फोन नहीं उठाये. इस बाबत सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ नूतन वर्मा ने बताया कि ऐसी जानकारी मेरे संज्ञान में नहीं है. यदि टेक्निशियन द्वारा रोस्टर बनाया जाता है तो ये गलत है. जांच कर कार्रवाई की जायेगी.
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