मेस में मनमानी की शिकायत करने समाहरणालय पहुंची जीएनएम स्कूल की छात्राएं
डीएम के छुट्टी में रहने के कारण डीटीओ विकास कुमार ने छात्रों की समस्याएं सुनी
डीएम के छुट्टी में रहने के कारण डीटीओ ने सुनी जीएनएम स्कूल की छात्र-छात्राओं की समस्याएं, जीविका के डीपीएम को सुधार के निर्देश जीएनएम स्कूल के छात्रों ने मेस में आधा पेट भोजन देने, शिकायत करने पर जीविका दीदी द्वारा बदतमीजी सहित लगाये कई आरोप, सौंपा आवेदन प्रतिनिधि, खगड़िया जीविका द्वारा चलाये जा रहे मेस में मनमानी के खिलाफ बुधवार को जीएनएम स्कूल की छात्र-छात्राओं का गुस्सा फुट पड़ा. मेस में जीविका दीदी की मनमानी सहित अन्य समस्याओं की डीएम से शिकायत करने जीएनएम स्कूल की छात्राएं समाहरणालय पहुंच गयी. जहां डीएम के छुट्टी में रहने के कारण डीटीओ विकास कुमार ने छात्रों की समस्याएं सुनी. जिसके बाद सिविल सर्जन, जीएनएम स्कूल की प्रिंसिपल, जीविका के डीपीएम सहित अन्य अधिकारियों को समाहरणालय बुलाया गया. जहां जीविका के डीपीएम के सामने की जीएनएम स्कूल की छात्राओं ने शिकायतों की झड़ी लगा दी. डीटीओ श्री कुमार ने छात्राओं द्वारा उठाये जा रहे मुद्दे को जायज बताते हुए जीविका के डीपीएम की क्लास लगाते हुए डीटीओ ने कहा कि 3000 रुपये प्रति छात्रा लेने के बाद भी दो पराठा से ज्यादा नहीं देना कहां तक उचित है. आधा पेट भोजन करके छात्र-छात्राएं कैसे पढ़ेंगे. इधर, समाहरणालय पहुंची जीएनएम स्कूल के छात्रों ने डीएम के नाम आवेदन सौंप कर मांगे पूरी नहीं होने पर जीविका के मेस में खाना खाने से इंकार कर दिया है. —————- खाना है खाओ, नहीं तो जाओ जीएनएम स्कूल के छात्रों ने बताया कि रात में दो पुड़ी या पराठा से ज्यादा नहीं दिया जाता है. बुखार से पीड़ित छात्रों को रोटी देने में आनाकानी की जाती है, शिकायत करने पर मेस का संचालन कर रही जीविका दीदियों द्वारा बदतमीजी करने का आरोप लगाते हुए छात्रों ने डीटीओ को सारी समस्याएं बता कर निदान की मांग की. छात्रों ने कहा कि वर्तमान में जीविका दीदी द्वारा मेस का संचालन सही तरीके से नहीं किया जा रहा है. छात्राओं ने बताया कि खाने की गुणवत्ता में सुधार होना चाहिए, खाने का मेनू छात्रों द्वारा बनाया जाये, भरपेट खाना दिया जाये, पूर्व में जानकारी देने पर नो फुड, नो पे की व्यवस्था लागू हो, जीविका दीदियों का व्यवहार विनम्र हो, मेनू में चावल व रोटी दोनों दिया जाये, एक ही सब्जी हर दिन नहीं दिया जाये आदि मांगे पूरी नहीं होने पर जीविका के मेस में खाना नहीं खाने की चेतावनी दी गयी है.
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