ईश्वर के प्रति समर्पण भाव से ही प्रभु मिलते: वंदना किशोरी
ईश्वर के प्रति समर्पण भाव से ही प्रभु मिलते: वंदना किशोरी
परबत्ता. राजकीयकृत जगन्नाथ राम इंटर उच्च विद्यालय सलारपुर के मैदान में नौ दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में भक्ति की गंगा बह रही है. मंगलवार को अयोध्या से आयी कथा वाचिक वंदना किशोरी ने शिव विवाह पर चर्चा करते हुए कहा कि पर्वत राज हिमालय की तपस्या के बाद उनके घर अवतरित माता पार्वती बचपन से ही बाबा भोलेनाथ की अनन्य भक्त थीं, एक दिन पर्वतराज के घर महर्षि नारद पधारे और उन्होंने भगवान भोलेनाथ के साथ पार्वती के विवाह का संयोग बताया. उन्होंने कहा कि नंदी पर सवार भोलेनाथ जब भूत पिशाचों के साथ बरात लेकर पहुंचे, तो उसे देखकर पर्वतराज और उनके परिजन अचंभित हो गये, लेकिन माता पार्वती खुशी से भोलेनाथ को पति के रूप में स्वीकार कर लिया. शिव-पार्वती प्रसंग का वर्णन करते हुए कथा वाचिक ने कहा कि शिव पार्वती की आराधना भागवत का अभिन्न अंग है. इसके श्रवण से ही मनुष्य के सारे मानसिक व आत्मीय विकारों का अंत हो जाता है. उन्होंने कहा कि ईश्वर के प्रति समर्पण भाव से ही प्रभु मिलते हैं. प्रसंग में बताया कि भगवान की कथा जीवन जीना सिखाती है व सनातन धर्म के प्रति उनके जीवन में संस्कार गढ़ती है. इधर आचार्य नितेश शास्त्री द्वारा संस्कृत श्लोक से माहौल भक्ति मय बना हुआ है. संगीतमय कथा सुनाकर श्रोतागण भावविभोर हो रहें हैं.
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