प्रतिनिधि, गोगरी
हर साल हरितालिका तीज का व्रत भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर रखा जाता है. निर्जला व्रत रख सुहागिनें पति की लंबी आयु की कामना के लिए शिव और मां पार्वती की पूजा करती है. साल में एक बार हरितालिका तीज का व्रत सुहागिनें रखती है. हरितालिका तीज का व्रत सूर्योदय से शुरू होकर अगले दिन सूर्योदय के बाद समाप्त होता है. यह व्रत हर साल भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है. इस साल शुक्रवार के दिन हरितालिका तीज पड़ रहा है. मान्यता है भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए मां पार्वती ने यह व्रत किया था.आचार्य रिपंजय झा ने बताया कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया के कारण इस बार छह सितंबर शुक्रवार को हरितालिका तीज का यह पवित्र व्रत महिलाएं रखेंगीं. महिलाएं अन्न व जल ग्रहण लिए बिना यह व्रत रखती हैं. पुराणों के अनुसार इस व्रत को देवी पार्वती ने शिव जी को वर के रूप में पाने किया था. इस दिन पूजा-अर्चना के साथ मां पार्वती की कथा भी सुनी जाती हैं. इस दिन शिव-पार्वती के साथ गणेश की पूजा-अर्चना करनी चाहिए.
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