गर्मी का कहर जारी, घर में रहना भी मुश्किल
गर्मी से पशुओं की सुरक्षा को लेकर जिला पशुपालन पदाधिकारी को पत्र लिखा है
खगड़िया. भीषण गर्मी से लोगों का हाल बेहाल हो गया है. बीते कई दिनों से गर्मी व लू का कहर जारी है. तापमान बीते कई दिनों से 41 डिग्री से अधिक बना हुआ है. गर्मी के कारण पहले तो घर से बाहर निकलना मुश्किल था. अब स्थिति यह हो गई है कि लोगों का घर में रहना दुस्वार हो गया है. शनिवार को भी तापमान करीब 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. गर्मी बढ़ने से दोपहर में लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. अगले कुछ दिनों तक गर्मी से लोगों को निजात मिलने की कोई उम्मीद नहीं है. बढ़ रही से बचने/ सुरक्षा को लेकर आपदा विभाग पहले ही अलर्ट जारी कर लोगों को अनावश्यक घर से बाहर न निकलने की अपील कर रहा है. बताया जाता है कि अगले कुछ दिनों तक तापमान गर्म रहेगा है. इधर स्वास्थ्य सहित पशु पालन विभाग ने भी जानलेवा गर्मी से पशुओं की सुरक्षा को लेकर जिला पशुपालन पदाधिकारी को पत्र लिखा है.
पशुपालन विभाग के सुझाव का पशु पालक करें अमल
जिले में पशुओं की संख्या तीन लाख से अधिक है. वातावरण का तापमान बढ़ने से आमलोगों के साथ-साथ जिले में मौजूद तीन लाख से अधिक जानवरों की सुरक्षा भी जरूरी है. इस स्थित में पशुपालक की थोड़ी सी लापरवाही उनके पशुओं को मौत के मुंह में ढकेल देगी. पशुओं को हिट स्ट्रोक यानी लू से बचाने के लिए पशुपालन विभाग ने पशुपालकों के लिए कुछ सुझाव जारी किया है. पशुपालक अपने पशुओं को लू/हीट स्ट्रोक से बचाने के लिए विभागीय सुझाव का पूरी तरह अमल करें. क्योंकि गर्मी के कारण बाहर का तापमान और बढ़ गया है. ऐसे में उनके पशुओं को लू लगने का खतरा और अधिक बढ़ गया है. पशुपालक उच्च तापमान/गर्म हवा के झोंकों से पशुओं को बचावें. दोपहरी में खुले आसमान के नीचे जानवरों को न रखें. सूर्य की किरण से बचाव करें, हवादार पशुगृह अथवा छायादार वृक्ष के नीचे पशु को बांधे. पशुगृह के दीवार को ठंडा रखें,ताकि बाहर से ठंड हवा अंदर प्रवेश करे. पशुओं के भोजन-पानी पर भी ध्यान देने की जरुरत है. बताया कि पशुपालक पशुओं में पानी व लवन की कमी न हो, इस बात का विशेष ख्याल रखें. अपने पशुओं को संतुलित आहार,ठंडा पानी दें,दो से तीन बार पशुओं की सफाई करें. पशु को सुबह अथवा शाम में बाहर चराई के लिए ले जाएं. दोपहर में नहीं. कहा कि पशु को लू लग जाए तो उसके शरीर के तापमान को नियंत्रित करें,ठंडे स्थान पर रखें. संभव हो तो पशु को गठ्ठे में पानी भरकर उसी में रखें या ठंडे पानी का पूरे शरीर पर छिड़काव करें. ठंडे पानी में तैयार किया हुआ चीनी,भुने हुए जौ का आटा और थोड़ा नाक का घोल पशु को बराबर पिलावें. पशु को पुदीना और प्याज का अर्क बनाकर दें. शरीर के तापमान को कम करने वाली औषधी का इस्तेमाल करें,विषम परिस्थिति में नजदीकी पशु चिकित्सालय से संपर्क करें. जिला पशुपालन पदाधिकारी ने कहा कि तीव्र ज्वर की स्थिति बन जाना,मुंह खोलकर जोर-जोर सांस लेना/हांफना,पशु के मुंह से लार गिरना. क्रियाशीलता कम हो जाना एवं बेचैनी बढ़ जाना,भूख में कमी व प्यास बढ़ जाना. पेशाब कम अथवा बंद हो जाना,घड़कन तेज हो जाना.ये सभी लू लगने के लक्षण हैं.
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