अपर समाहर्ता ने चार सालों में रद्द की 206 अवैध जमाबंदी, भू-धारियों द्वारा प्रस्तुतः नहीं किया साक्ष्य
परबत्ता, बेलदौर एवं खगड़िया में सर्वाधिक जमाबंदी हुई रद्द
खगड़िया. असंवैधानिक रूप से कायम सात अंचलों में पांच सौ एकड़ से अधिक सरकारी भूमि की करीब दो सौ जमाबंदी को रद्द किया गया है. बिहार भूमि दाखिल-खारीज अधिनियम की धारा 9 के तहत सुनवाई करते हुए लोकहित में अपर समाहर्ता ने अवैध रूप से गठित सरकारी भूमि की जमाबंदी को रद्द कर दिया. जमाबंदी रद्दीकरण के साथ-साथ इन जमाबंदी में अंकित रकवा को सरकारी संपदा पंजी में दर्ज करने के आदेश संबंधित अंचल के सीओ को दिया गया है. जानकारी के मुताबिक साल 2020 से 2024 तक सात अंचलों में बड़ी संख्या में सरकारी भूमि की अवैध जमाबंदी को तत्कालीन अपर समाहर्ता शत्रुन्जय मिश्रा, राशिद आलम सहित वर्तमान अपर समाहर्ता आरती द्वारा रद्द किया गया है. बताया जाता है कि अंचल/हल्का के बाबुओं की मेहरबानी से सैकड़ों एकड़ सरकारी जमीन की अवैध जमाबंदी कायम कर दी गई थी. लेकिन सुनवाई के बाद अपर समाहर्ता ने इन सभी अवैध जमाबंदी को रद्द कर दिया है. भू-माफियाओं ने नदी, रास्ता व सिलिंग में गयी भूमि की करा ली थी जमाबंदी भू-माफियाओं के प्रभाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सीओ / राजस्व कर्मियों की मेहरबानी से इन्होंने अपने नाम गैर मजरुआ आम, नदी, मोईन व सिलिंग की भूमि की भी जमाबंदी नाम से करा लिया था. लेकिन यह मामला अपर समाहर्ता के न्यायालय में पहुंचा तो इनकी यहां दाल नहीं गली. बीते दिनों अपर समाहर्ता आरती द्वारा चौथम सीओ के प्रस्ताव पर सुनवाई करते हुए गैर मजरुआ आम भूमि की कई जमाबंदी को रद्द कर दिया था. बताया जाता है कि सुनवाई के दौरान जमाबंदी रैयत तो उपस्थित हुए, लेकिन पूरी सुनवाई के दौरान ये लोग न्यायालय में वैध कागजात प्रस्तुतः नहीं कर पाए. सुनवाई के आरंभ में ही ये सभी उपस्थित हुए. बाद ये लोग न्यायालय में न तो उपस्थित हुए और न ही जमीन के कागजात प्रस्तुतः किया. सुनवाई प्रक्रिया में जमाबंदी रैयतों द्वारा रूचि नहीं लेने के कारण एक पक्षीय आदेश पारित करते हुए अपर समाहर्ता ने इन लोगों की जमाबंदी अवैध मानते हुए रद्द कर दिया. सीओ के रद्दीकरण प्रस्ताव पर सुनवाई के बाद हुई कार्रवाईजानकारी के मुताबिक सात अंचलों के सीओ द्वारा अपर समाहर्ता के न्यायालय में गैर मजरुआ खास एवं गैरमजरुआ आम भूमि की जमाबंदी रद्दीकरण प्रस्ताव पर सुनवाई किया गया. सुनवाई में अवैध रूप से गठित 206 जमाबंदी को रद्द करते हुए इसमें अंकित 550 बीघा रकवा को सरकारी संपदा पंजी में दर्ज करने का आदेश दिया गया. सभी जमाबंदी रद्द करने के पूर्व सुनवाई व रैयतों को साक्ष्य प्रस्तुतः करने के प्रर्याप्त अवसर दिये गए. लेकिन सुनवाई के दौरान कई रैयत ठोस कागजात देना तो दूर उपस्थित भी नहीं हुए.
कहां कितनी जमाबंदी हुई रद्द
अंचल जमाबंदी रैयत रकवा ( बीघा में )
परवत्ता 60 210
गोगरी 50 162
खगड़िया 52 85
मानसी 18 64
अलौली 12 14
चौथम 11 10
बेलदौर 3 2
कहते हैं अधिकारी
अंचल अधिकारी द्वारा भेजे गए जमाबंदी रद्दीकरण प्रस्ताव के आलोक में गैर मजरुआ खास एवं आम भूमि की करीब 206 जमाबंदी को रद्द किया गया है. इन सभी जमाबंदी में दर्ज 550 बीघा भूमि को सरकारी संपदा पंजी में अंकित करने के आदेश सभी अंचल अधिकारियों को दिये गए हैं. जमाबंदी रद्द किये जाने के पूर्व सभी रैयतों को नोटिस जारी कर सुनवाई की गई. जमीन से संबंधित कागजात जमा करने के प्रर्याप्त अवसर दिये जाने के बाद भी रैयतों द्वारा साक्ष्य प्रस्तुतः नहीं किया गया.
आरती , अपर समाहर्ता
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