आम रास्ता तथा परचा की करीब आठ एकड़ जमीन अवैध जमाबंदी हुई रद्द
सुनवाई के दौरान कई अवसर दिये जाने बाद भी जमाबंदी रैयत न तो सुनवाई में उपस्थित हुए और न जमीन से संबंधित कोई साक्ष्य प्रस्तुतः कर पाए
अंचल अधिकारी के प्रस्ताव पर अपर समाहर्ता ने सुनवाई के बाद की कार्रवाई. खगड़िया. सरकारी भूमि की असंवैधानिक तरीके से कायम अवैध जमाबंदी के रद्दीकरण कार्रवाई लगातार जारी है. अपर समाहर्ता ने इस बार गैर मजरूआ आम रास्ता की अवैध जमाबंदी को सरकारी भूमि बताते हुए रद्द कर दिया है. जानकारी के मुताबिक तीन जमाबंदी रैयतों के नाम पर करीब आठ एकड़ सरकारी भूमि की जमाबंदी कायम थी. अपर समाहर्ता के न्यायालय में मामला पहुंचने के बाद सुनवाई आरंभ हुई. रैयतों को नोटिस जारी कर उन्हें अपना रखने तथा जमीन से जुड़े कागजात जमा कराने को कहा गया . बताया जाता है कि सुनवाई के दौरान कई अवसर दिये जाने बाद भी जमाबंदी रैयत न तो सुनवाई में उपस्थित हुए और न जमीन से संबंधित कोई साक्ष्य प्रस्तुतः कर पाए.जिसके बाद बिहार भूमि दाखिल खारिज अधिनियम की धारा -9 के अंतर्गत कावाई करते हुए अपर समाहर्ता ने अवैध जमी को खंडित कर दिया . सीओ के प्रस्ताव पर हुई सुनवाई व कार्रवाई. जानकारी के मुताबिक रहीमपुर मौजा स्थित 7 बीधा गैर मजरुआ आम रास्ता, जहांगीरा मैजा स्थित 1.14 बीघा भूहदबंदी की भूमि के जमाबंदी रद्दीकरण प्रस्ताव अपर समाहर्ता के पास भेजा था. जिसपर सुनवाई शुरु हुई. कई महीने तक अपर समाहर्ता के न्यायालय में सुनवाई हुई,लेकिन जमाबंदी इस बात का ठोस प्रमाण प्रस्तुतः नहीं कर पाए कि जमीन उनकी है. एक रैयत ( रहीमपुर मौजा ) तो सुनवाई में आए ही नहीं. जबकि दूसरे (जहांगीरा मौजा) रैयत न्यायालय में उपस्थित तो हुए लेकिन वे जमीन के कागजात दिखाने की जगह उच्च न्यायालय में दायर सीडब्लूजेसी सं० -16710/23 के आलोक में अपर समाहर्ता के न्यायालय में चल रहे उक्त जमाबंदी रद्दीकरण वाद को समाप्त करने की मांग करने लगे. लेकिन इन्हें कोई राहत नहीं मिल पाई. बताया जाता है कि अपर समाहर्ता द्वारा जब तहकीकात कराई गई तो यह बातें सामने आई कि उच्च न्यायालय द्वारा सीडब्लूजेसी सं० -16710/23 को खारीज किया जा चुका है. जिसके बाद अपर समाहर्ता आरती ने रैयत के नाम से चल रही अवैध जमाबंदी को रद्द कर दिया. दो सौ अवैध जमाबंदी हो चुकी है रद्द .. असंवैधानिक रूप से कायम सातों अंचलों में पांच सौ एकड़ से अधिक सरकारी भूमि की करीब दो सौ जमाबंदी को रद्द किया गया है. बिहार भूमि दाखिल-खारीज अधिनियम की धारा-9 के तहत सुनवाई करते हुए लोकहित में अपर समाहर्ता ने अवैध रुप से गठित सरकारी भूमि की जमाबंदी को रद्द कर दिया. जमाबंदी रद्दीकरण के साथ-साथ इन जमाबंदी में अंकित रकवा को सरकारी संपदा पंजी में दर्ज करने के आदेश संबंधित अंचलों के सीओ को दिये गए हैं. बीते 2020 से 2024 के बीच अपर समाहर्ताओं के द्वारा सरकारी भूमि की इन अवैध जमाबंदियों को रद्द किया गया है. परवत्ता अंचल में सर्वाधिक 210 एकड़ , गोगरी अंचल में 162 तथा खगड़िया अंचल में करीब 85 एकड़ सरकारी भूमि की अवैध जमाबंदी रद्द हुई है .
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