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आयोडीन की कमी से शिशु के मानसिक विकास में परेशानी

आयोडीन से शिशु के मानसिक विकास में परेशानी

प्रतिनिधि, खगड़िया

इन दिनों सरकारी व निजी अस्पतालों में महिलाएं व बच्चे की भीड़ लग रही है. खासकर, सदर अस्पताल में अधिकांश गर्भवती महिलाएं स्वास्थ्य जांच के लिए पहुंच रहे हैं. महिलाएं गर्भधारण के साथ ही हर सुरक्षित प्रसव व स्वस्थ बच्चे की जन्म हो, उनकी पहली चाहत होती है, लेकिन इसके लिए हर गर्भवती महिला को अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की जरूरत है. इससे सुरक्षित प्रसव और स्वस्थ बच्चे का जन्म होता है, अन्यथा थोड़ी सी लापरवाही भी परेशानी का कारण बन सकती है. गर्भवती के शरीर में उचित आयोडीन की मात्रा हो, इसको लेकर सजग रहने की जरूरत है. दरअसल, आयोडीन की कमी से गर्भस्थ शिशु का शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित हो सकता है. इसलिए स्वस्थ बच्चे के जन्म के लिए गर्भवती के शरीर में पर्याप्त आयोडीन होना जरूरी है.

गर्भस्थ शिशु के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए आयोडीन जरूरी

स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ वर्षा कुमारी ने बताया कि गर्भस्थ शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए गर्भवती के शरीर में उचित मात्रा में आयोडीन होना जरूरी है, दरअसल, आयोडीन की कमी के कारण कम वजन वाला शिशु जन्म लेता है. इतना ही नहीं ऐसे में मृत शिशु का भी जन्म हो सकता है. इसलिए, गर्भावस्था के दौरान हर गर्भवती को आयोडीन को लेकर सजग रहना चाहिए, इसके लिए चिकित्सकों से सलाह लेनी चाहिए,

आयोडीनयुक्त नमक का करें उपयोग

डॉ वर्षा ने बताया कि आयोडीन मिट्टी व पानी में पाया जाने वाला सूक्ष्म तत्व है. आयोडीन की कमी की समस्याओं को दूर करने के लिए आयोडीन युक्त नमक का सेवन करना चाहिए, यह हर आयु वर्ग के लोगों के लिए जरूरी है, क्योंकि, आयोडीन की शरीर में उचित मात्रा होना हर किसी के लिए जरूरी है. हालांकि अल्प मात्रा में ही आयोडीन हमारे शरीर के लिए पर्याप्त होता है.

आयोडीन की कमी महसूस होते ही चिकित्सकों से कराएं जांच

बताया कि शरीर में आयोडीन की कमी महसूस होते ही तुरंत चिकित्सकों से जांच करानी चाहिए और चिकित्सा परामर्श के अनुसार ही आगे की प्रक्रिया का पालन करना चाहिए, इसके शुरुआती लक्षण हैं, शुष्क त्वचा, बालों का झड़ना, बोली में भारीपन समेत शरीर में अन्य परेशानी महसूस होना. इसलिए आहार के साथ उचित आयोडीन का सेवन करना जरूरी है. यह हमें स्वस्थ रहने में मदद कराता है.

आयोडीन की कमी से कई तरह की होती परेशानी

महिला स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ वर्षा ने बताया कि आयोडीन एक पोषक तत्व है, जिसकी कमी से लोगों को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है. नींद अधिक आना, श्वास व हृदय से संबंधित परेशानी, डिप्रेशन, जोड़ों या मांसपेशियों में दर्द, गर्भपात, विकलांगता आदि से जुड़ी परेशानी इससे हो सकती है. इसलिए भले ही शरीर में आयोडीन अल्पमात्रा में ही जरूरी है,लेकिन कमी होने पर बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता, क्यस्कों के लिए सामान्यतः प्रतिदिन 150 माइक्रोग्राम (एमसीजी) आयोडीन की आवश्यकता होती है, जबकि, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को प्रति दिन 200 एमसीजी जरूरी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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