अलौली. समाज की सबसे बड़ी जरूरत श्रेष्ठ मानवों की है. आपका आचरण ही आपको श्रेष्ठ बनाता है. हर धर्म में मानवसेवा का ही संदेश दिया गया है. उसी पथ पर चलने वाले अमर हुए हैं. उक्त बातें हर-हर महादेव कृषि केंद्र, अलौली में आयोजित श्रीरामचरित मानस व गीता ज्ञान यज्ञ में मंगलवार को स्वामी सुकर्मानंद ने कही. उन्होंने बताया कि संसार में सच्चा सुख ढूंढ़ने का प्रयास करना निरर्थक है. क्योंकि जिसने भी सच्चा सुख पाया है, संतोष सम सुख जग नाही उसने स्वयं के भीतर उतरकर ही पाया है. स्वयं के भीतर उतरने के लिए आध्यात्मिक गुरु की जरूरत पड़ती है. साध्वी विदुषी शीतली भारती ने बताया शास्त्र और ग्रंथों का एक ही निचोड़ है कि मानव जीवन के रहते अपने जन्म को सार्थक कर लें. मानव जीवन की सार्थकता इस संसार के परम सत्य ईश्वर तत्व को प्राप्त करने से ही संभव है. साध्वी शोभा भारती, ममता भारती व गोपाल जी ने सुमधुर भजनों से माहौल को भक्तिमय बना दिया.
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