लोक शिकायत अधिकार अधिनियम की रैंकिंग में खगड़िया पहुंचा 30 वें स्थान पर
बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन द्वारा लोक शिकायत अधिकार अधिनियम की अप्रैल-मई महीने की रैंकिंग जारी की गयी है
खगड़िया. बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन द्वारा लोक शिकायत अधिकार अधिनियम की अप्रैल-मई महीने की रैंकिंग जारी की गयी है. बेहतर कार्य के आधार पर सभी 38 जिलों को नम्बर मिले हैं. इस सूची में खगड़िया जिले का नाम भी शामिल है. अन्य जिलों के साथ-साथ इस जिले को नंबर दिये गए हैं. परेशान करने वाली बातें यह है कि इस रैंकिंग में अक्सर टॉप टेन में रहने वाला खगड़िया का स्थान लास्ट के टॉप टेन में पहुंच गया है. यानि इस जिले को कम नम्बर प्राप्त हुए हैं, जिस कारण खगड़िया का स्थान इस सूची में नीचे है. अगर प्राप्त अंक की बात करें तो जिले को सुपौल, बांका, बक्सर, नालंदा तथा पूर्णिया जिले के सबसे अधिक अंक मिले हैं. ये सभी जिले टॉप फाईव में शामिल हैं. इन जिलों में यहां से बेहतर कार्य हुए हैं, जिस कारण राज्य स्तर से इन पांचों जिलों को अधिक अंक दिये हैं. वहीं गया, औरंगाबाद, अरवल, किशनगंज तथा शेखपुरा जिला सबसे नीचे है.
सुनवाई में रही कमी के कारण पिछड़ गया जिला
बता दें कार्य के आधार पर सभी जिलों की रैंकिंग होती है. जिस जिले में बढ़िया काम हुआ,उसे अधिक अंक तथा जहां की व्यवस्था लचर हुई, उस जिले को कम अंक दिये जाते हैं. राज्य स्तर जारी रैंकिंग तथा बेहतर कार्य के आधार पर दिये गए नम्बर यह प्रमाणित करता है कि अप्रैल-मई महीने में इस जिले में लोक शिकायत अधिकार अधिनियम के तहत सुनवाई कोई न कोई कमी रही या फिर लचर व्यवस्था के कारण जिले को 30 वां स्थान मिला है.मामलों की नहीं हुई ससमय सुनवाई
गौरतलब है कि लोक शिकायत अधिनियम के तहत प्राप्त आवेदन/प्रथम अपील/द्वितीय अपील के निष्पादन की अवधी 60 दिन निर्धारित है, लेकिन जिले की स्थिति इसके विपरीत है. 1 अप्रैल 2022 से अप्रैल-मई तक प्राप्त आवेदनों के विरुद्ध 82 प्रतिशत आवेदनों का निष्पादन ही निर्धारित समय-सीमा के भीतर हो पाया है. जबकि 18 फिसदी आवेदन का निष्पादन समय-सीमा के बाद हुआ है. द्वितीय अपील की स्थिति तो और खराब है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है