बिहार की खगड़िया संसदीय सीट के दो बूथों पर मतदान शुक्रवार को कराए जा रहे हैं. सहरौन में दो मतदान केंद्रों पर फिर से मतदान कराए जा रहे हैं. यहां के वोटरों में नाराजगी थी और उन्होंने मतदान का बहिष्कार कर दिया था. प्रशासन की ओर से काफी मानमुनव्वल किया गया और उसके बाद यहां के लोग वोट डालने के लिए राजी हुए हैं. सड़क निर्माण की मांग पर अड़े मतदाताओं ने मतदान करने का भरोसा दिया था जिसके बाद शु्क्रवार को वोटिंग करायी जा रही है. सुबह से ही बूथों पर मतदाताओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया. जिससे प्रशासन व निर्वाचन आयोग ने भी राहत की सांस ली है.
सहरौन में दो बूथों पर फिर से हो रहे मतदान
सहरौन के लोगों ने रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा देकर सात मई को लोकसभा चुनाव के दौरान वोट का बहिष्कार कर दिया था. इस दौरान मतदान के दिन मतदान केंद्रों पर जमकर हंगामा भी हुआ था. इवीएम तोड़ दी गयी थी. रोड़ेबाजी हुई थी. जिस कारण यहां वोटिंग नहीं हो पाया. बाद में चुनाव आयोग ने सहरौन गांव में दो मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान का फैसला लिया. इसी फैसले के तहत सहरौन गांव के बूथ संख्या 182 व 183 पर आज फिर से वोट डाले जा रहे हैं.
कड़ी सुरक्षा के बीच हो रहा मतदान, प्रशासन की अनदेखी पड़ी थी भारी
खगड़िया में शुक्रवार को शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करवाने के लिए एक टुकड़ी सेन्ट्रल परामिलिट्री फोर्स गांव पहुंची और गुरुवार को फ्लैग मार्च किया था. वहीं कड़ी सुरक्षा के बीच शुक्रवार को मतदान कराए जा रहे हैं. बता दें कि 15 दिन पहले से ग्रामीणों द्वारा रोड नहीं तो वोट नहीं की घोषणा की जा रही थी. लेकिन प्रशासन ने इसकी अनदेखी कर दी. जिसका खामियाजा 7 मई को हुए मतदान के दिन देखने को मिला.
सुरक्षा घेरा भेदकर बूथ के अंदर जाकर की थी तोड़फोड़
गौरतलब है कि बीते दिनों जब लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में खगड़िया के तमाम बूथों पर वोट डाले जा रहे थे तो इन दो बूथों पर वोट का बहिष्कार किया गया. इन बूथों पर सुरक्षाकर्मियों व पदाधिकारियों का कड़ा पहरा था लेकिन तमाम सुरक्षा घेरा को तोड़ते हुए आक्रोशित मतदाता बूथ के भीतर पहुंच गए थे और तांडव मचाने में कामयाब रहे थे. वहीं अब प्रशासनिक पदाधिकारियों के साथ घंटों तक वार्ता हुई और सड़क निर्माण को लेकर आश्वासन मिलने के बाद वो अब मतदान कर रहे हैं .खगड़िया के मतदान प्रतिशत में अब और बढ़तोरी होगी.