बिहार के लाखों मजदूर लॉकडाउन के कारण हो गये बेघर: पप्पू
बिहार के लाखों मजदूरों को लॉकडाउन के कारण सड़क पर आना पड़ा. रोज कमाने खाने वाले मजदूरों को राज्य सरकार अनेक सपने दिखाये. लेकिन जमीन पर गरीबों को सिर्फ घर से बेघर होना पड़ा.
खगड़िया : बिहार के लाखों मजदूरों को लॉकडाउन के कारण सड़क पर आना पड़ा. रोज कमाने खाने वाले मजदूरों को राज्य सरकार अनेक सपने दिखाये. लेकिन जमीन पर गरीबों को सिर्फ घर से बेघर होना पड़ा. उक्त बातें मंगलवार को बलुवाही स्थित जाप कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कही. जाप सुप्रीमो सह पूर्व सांसद ने कहा कि मजदूरों को सैकड़ों किलोमीटर सड़कों पर पैदल यात्रा करनी पड़ी. कितने के पैरों में छाले पड़ गये. कितनों ने तो भूख से रास्ते में ही दम तोड़ दिया. हालत इतनी बद से बदतर हो गई कि पूरे देश में देश के विभाजन वाले दृश्य नजर आने लगे.
वहीं दूसरे राज्यों में रहने वाले मजदूरों को 3 माह का मकान किराया माफ करने का वादा किया गया था. यह सिर्फ हवा हवाई ही रही. अंतिम में लोगों को मकान छोड़ कर घर वापस आना पड़ा. उन्होंने कहा कि अचानक 25 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा कर बिहार के लाखों जनता को सड़क पर मरने के लिए छोड़ दिया गया. सभी मजदूरों को होली से पहले भी घर वापसी के लिए भेजा जा सकता था. बिहार सरकार ने मानव श्रृंखला के लिए 20 करोड़ रूपये खर्च किये.
लेकिन देश के विभिन्न राज्यों में रह रहे बिहार की जनता और छात्रों को घर वापसी के लिए इनके पास पैसे नहीं थे. उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ पीडीएफ में भ्रष्टाचार चरम पर है. हर तरफ लूट मची हुई है. सरकार लॉकडाउन में फंसे लोगों को 5 किलो आटा में महीने भर खाने के लिए एक परिवार को दे रही है. उन्होंने सरकार से प्रवासी मजदूर व बेरोजगार छात्रों के खाते में 7000 रुपये देने की मांग की. मौके पर पूर्व नगर सभापति मनोहर कुमार यादव, युवा शक्ति के प्रदेश अध्यक्ष नागेंद्र सिंह त्यागी आदि मौजूद थे.