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Land Scam: खगड़िया में भूदान की 565 एकड़ जमीन पर कब्जा, 74 वर्षों में एक इंच नहीं खाली करा पाया प्रशासन

Land Scam: खगड़िया जिले में भूदान की सैकड़ों एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा है और पिछले 74 वर्षों से प्रशासन अवैध कब्जा हटाने में नाकाम रहा है. वर्षों से भूदान यज्ञ कमेटी दाताओं/भू-धारियों से मिली सैकड़ों एकड़ से अधिक भूमि से अवैध कब्जा हटने इंतजार कर ही है.

Land Scam: अटल, खगड़िया. जिले में भूदान की सैकड़ों एकड़ जमीन गायब है. भूदान कमिटी का दावा है कि उसपर अवैध कब्जा है और पिछले 74 वर्षों से प्रशासन अवैध कब्जा हटाने में नाकाम रहा है. वर्षों से भूदान यज्ञ कमेटी को जिले के दाताओं/भू-धारियों से मिली सैकड़ों एकड़ से अधिक भूमि पर लोगों का अवैध कब्जा है. यह दखल-कब्जा साल-दो साल से नहीं,बल्कि कई दशकों से है. हैरानी की बात तो यह है कि इतने सालों में भू-दान यज्ञ कमेटी अथवा जिला-प्रशासन के संबंधित पदाधिकारियों को अतिक्रमित भूमि की खोज-खबर लेने की फुर्सत तक नहीं मिली है.

गरीबों को देने के लिए ली गयी जमीन

1951 में संत विनोबा भावे द्वारा चलाए गए भूदान आंदोलन के दौरान अन्य जिलों के साथ-साथ खगड़िया जिले में भी बड़ी संख्या में दाताओं/भूधारीयों ने अपनी जमीन स्वैच्छिक दान में दिया था. विभागीय आंकड़े के मुताबिक 1951 से 1954 के बीच चले भूदान आन्दोलन के दौरान सातों अंचलों में 1152 दाताओं ने 2 हजार 645 एकड़ 8 डिसमिल जमीन दान में दिया था. ये भूमि भू-धारियों ने भू-दान यज्ञ कमेटी को गरीब भूमिहीनों के बीच वितरण के लिए दान में दिया था, लेकिन उसमें से अब तक 20 फीसदी जमीन का भी वितरण नहीं हो पाया. जमीन के कागजात तो भू-दान कार्यालय में उपलब्ध हैं, लेकिन जमीन पर कब्जा या फिर नियंत्रण कमेटी या फिर राजस्व विभाग के पदाधिकारी का नहीं है.

भूदान के जमीन की भी हो रही खरीद-बिक्री

भू-धारीयों से प्राप्त जमीन का वितरण भी किया गया. 4 हजार 486 भूमिहीनों के बीच 2 हजार 79 एकड़,94 डिसमिल जमीन का परचा बांटा गया. भूदान कमेटी को दान में मिले करीब 565 एकड़ जमीन का वितरण अबतक ( 70 साल बीत जाने के बाद भी) नहीं हो पाने से ये जमीन उन्हीं लोगों के कब्जे में हैं, जिनके दादा/पिता ने गरीबों एवं भूमिहीनों के लिए जमीन दान में दिया था. भू-दान की जमीन बेचे जाने की भी बातें सामने आ रही है.भू-दाता के वंशज सहित परचाधारी भी जमीन बेच रहे हैं. सन्हौली मौजा में करीब 7 एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री पर रोक लगाई गई है. भूदान के प्रभारी मंत्री के पत्र के बाद उक्त जमीन की खरीद-बिक्री पर रोक लगाई गई है. वहीं मानसी में भू-दान कार्यालय से मिली जमीन को बेचने के बाद उक्त जमीन के दाखिल-खारीज को अस्वीकृत कर दिया गया. पूछे जाने पर भू-दान यज्ञ कमेटी के प्रभारी मंत्री चंदन कुमार बताते हैं कि दान में दी गई जमीन तथा परचा के जरिये भूदान कार्यालय से प्राप्त जमीन बेचना गलत है. जानकारी मिलने पर कार्रवाई में देरी नहीं होगी.

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भू-दान यज्ञ कमेटी को दान में मिली भूमि

प्रखण्ड दाता रकवा

  • खगड़िया 263 558 एकड़ 20 डिसमिल
  • अलौली 156 440 एकड़ 70 डिसमिल
  • चौथम 175 461 एकड़ 11 डिसमिल
  • मानसी 34 50 एकड़ 13 डिसमिल
  • गोगरी 171 261 एकड़ 58 डिसमिल
  • बेलदौर 96 428 एकड़ 92 डिसमिल
  • परवत्ता 257 424 एकड़ 44 डिसमिल
  • कुल 1152 2645 एकड़ 8 डिसमिल

भू-दान यज्ञ कमेटी द्वारा वितरित भूमि का ब्यौरा

प्रखण्ड परचाधारी वितरित रकवा

  1. खगड़िया 907 506 एकड़ 77 डिसमिल
  2. अलौली 869 309 एकड़ 60 डिसमिल
  3. चौथम 598 357 एकड़ 14 डिसमिल
  4. मानसी 145 33 एकड़ 47 डिसमिल
  5. गोगरी 427 263 एकड़ 83 डिसमिल
  6. बेलदौर 913 263 एकड़ 83 डिसमिल
  7. परवत्ता 627 340 एकड़ 98 डिसमिल
  8. कुल 4486 2079 एकड़ 94 डिसमिल

कहते हैं प्रभारी मंत्री

भूदान कमेटी के प्रभारी कार्यालय मंत्री चंदन कुमार कहते हैं कि भूदान आंदोलन के दौरान(1951-54 तक) 1152 दाताओं से प्राप्त 2645 एकड़ 8 डिसमिल जमीन के विरुद्ध 2079 एकड़ 94 डिसमिल जमीन का वितरण 4486 लोगों के बीच किया जा चुका है. शेष बचे संपुष्ट एवं अवितरित जमीन का पूर्ण लेखा-जोखा कार्यालय में उपलब्ध है. आदेश प्राप्त होते ही अवितरित जमीन का सर्वेक्षण एवं मापी की कार्रवाई कराते हुए उसी गांव के पात्र लोगों के बीच वितरण किया जाएगा.

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