16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

श्रद्धाभाव के साथ मधुश्रावणी पर्व संपन्न

प्रकृति व संस्कृति से जुड़े इस पूजा में नवविवाहिता ने पति के लिए की लंबी आयु की कामना

प्रकृति व संस्कृति से जुड़े इस पूजा में नवविवाहिता ने पति के लिए की लंबी आयु की कामना परबत्ता. चलू-चलू बहिना हकार पूरैय लेय, टनी-दाय के वर एलय टेमी दागय लय “–मधुर मैथिली गीत के साथ बुधवार को मिथिला संस्कृति का महान पर्व मधु श्रावणी पूजा सम्पन्न हुआ. लगातार 14 दिनों तक नवविवाहिता ने श्रद्धा भक्ति के साथ महादेव, गौरी, नाग, नागिन आदि का पूजन किया. प्रति दिन नवविवाहिता शिव पार्वती, नाग नागिन, बिहुला बिषहरी, मैना गौरी, मंगला गौरी, बाल बसंत आदि से जुड़ी कथाओं का श्रवण किया. 14 दिनों तक भक्ति का माहौल बना रहा.

टेमी दागने की परंपरा

बुधवार को पूजन काफी विधि विधान तरीके से किया गया. नवविवाहिता को रूई की टेमी से हाथ, घुठना, पैर पर पान के पत्ते रखकर टेमी जलाकर दागा गया. नवविवाहिता के लिए यह अग्नि परीक्षा अपने पति के दीर्घायु एवं अमर सुहाग की कामना के लिए की जाती है. कुछ बुजुर्ग महिला का मानना है कि टेमी दागने से पति पत्नी में मधुर संबंध बना रहता है.

भाई का विशेष योगदानइस पूजन में नवविवाहिता के भाई का बहुत ही बड़ा योगदान रहता है. प्रत्येक दिन पूजा समाप्ति के बाद भाई अपनी बहन को हाथ पकड़ कर उठाती है. नवविवाहिता अपने भाई को इस कार्य के लिए दूध, फल आदि प्रदान किया.

सुहागिन महिलाओं के बीच पकवानों से भरी डाली का वितरण

नवविवाहिता नेहा झा, रागिनी कुमारी, समीक्षा, अंशु, आदि ने बताया कि 14 सुहागिन महिलाएं के बीच फल एवं पकवानों से भरी डाली प्रसाद के रूप में वितरण किया. ससुराल पक्ष के आए हुए बुजुर्ग लोगों से आशीर्वाद प्राप्त कर पूजन का कार्य सम्पन्न किया. इस पूजन में ससुराल पक्ष का विशेष योगदान रहता है. मिट्टी के बनाए हुए नाग, नागिन, हाथी आदि कि प्रतिमा एवं पूजन के कार्य में लगे फूल पत्ते का विसर्जन कार्य संध्या में किया गया. उसके बाद नवविवाहिता ने नमक ग्रहण किया.

आज भी बरकरार हैं पुरानी परंपरा

सदियों से चली आ रही मिथिला संस्कृति का महान पर्व आज भी बरकरार है. नवविवाहिता श्रद्धा भक्ति के साथ मनाती है. महिलाएं समूह बनाकर मैथिली गीत गाकर भोले शंकर को खुश करती है. आने वाले पीढ़ी को आगाज करती है कि इस परंपरा को बरकरार रखना. इस पर्व में मिथिला संस्कृति की झलक ही नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति की भी झलक देखने को मिलती है. खास पूजन में भारतीय संस्कृति के अनुसार विभिन्न वस्त्र ,श्रृंगार से सुसज्जित होती है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें