ठंड की दस्तक के साथ गर्म कपड़ों से गुलजार हुआ बाजार
दिल्ली व लुधियाना मंडी से आते हैं गर्म और ऊनी कपड़े
गोगरी. अनुमंडल क्षेत्र सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों में मौसम का मिजाज बदलने लगा है. ठंड के दस्तक के साथ लोगों ने गर्म कपड़े का उपयोग करना शुरू कर दिया है. हालांकि हर वर्ष की तुलना में नवंबर माह में भी कड़ाके की ठंड नहीं पड़ी है. लेकिन दो-चार दिनों में ठंड का असर दिखने लगेगा. ठंड के आगमन को लेकर बाजार में गर्म कपड़े की जगह-जगह दुकानें सज गयी है. बाजार में तेज ठंड से बचने के लिए स्वेटर, जैकेट, मफलर की मांग बढ़ गयी है. जैकेट सहित गर्म कपड़े खरीदने के लिए रोजाना दुकानों में बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं. आकर्षक वैरायटी के स्वेटर, जैकेट लोगों को आकर्षित कर रहे हैं. इस बार स्वेटर भी आकर्षक वैरायटी के बाजार में उपलब्ध है. लॉन्ग स्वेटर, इनरवियर, फुल स्वेटर, टी शर्ट की भी अच्छी मांग है. छोटे बच्चों के लिए इस बार आकर्षक स्वेटर के साथ जैकेट भी बाजार में पहुंचा है. युवाओं में गर्म टी-शर्ट की भी अच्छी मांग है. महिलाएं स्वेटर खरीदना पसंद कर रही है तो युवतियां जैकेट खरीदना पसंद कर रही हैं.
200 से 2000 रुपये तक जैकेट उपलब्ध
फुटपाथ बाजार में स्वेटर 200 से 2000 रुपये तक उपलब्ध है. वहीं जैकेट 500 से 3000 तक दुकानों में उपलब्ध है. ठंड बढ़ने के साथ कंबल की भी मांग बढ़ गयी है. 600 से 3000 रुपये तक कंबल उपलब्ध है. ठंड को ध्यान में रखकर कारोबारी ने गर्म कपड़े का स्टॉक बड़ी मात्रा में दुकान मंगवा लिया है. कपड़ा व्यवसायी जयप्रकाश घोष, श्रवण अग्रवाल आदि ने कहा कि ठंड के चलते गर्म कपड़े की मांग बढ़ गयी है. ठंड से बचाव के लिए लोगों ने गर्म कपड़े की खरीदारी शुरू कर दी है. इस बार जैकेट के साथ स्वेटर काफी आकर्षक वैरायटी में उपलब्ध है. ठंड बढ़ने के साथ कपड़े की खरीदारी और बढ़ जायेगी. ऐसे मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक आगामी दिसंबर से मौसम में काफी परिवर्तन होने की उम्मीद है. पछुआ हवा के साथ एकाएक ठंड बढ़ेगी.दिल्ली व लुधियाना मंडी से आते हैं गर्म और ऊनी कपड़े
जमालपुर बाजार बाजार में सबसे ज्यादा गर्म व ऊनी कपड़े दिल्ली और लुधियाना से आते हैं. मौसम के बदले मिजाज को देखते हुए गर्म कपड़ों के दुकानदारों के चेहरे खिल उठे हैं. नवंबर की शुरुआत होते ही गर्म कपड़ों के कारोबारी ने दुकानों में स्टॉक जमा करना शुरू कर दिया था. पर्व त्योहार के बाद इसे दुकान में पूरी तरह से सजा दिया गया है.
ठंड बढ़ने के साथ रजाई गद्दे की भी बढ़ी मांग
ठंड बढ़ने के साथ ही शहर में सड़क के किनारे रजाई गद्दे बनाने का काम भी शुरू हो गया है. लोगों ने रजाई गद्दा खरीदना शुरू कर दिया है. कुछ लोग रजाई गद्दा ऑर्डर देकर बनवा रहे हैं. कई दुकानदारों ने बताया कि एक रजाई में कम से कम 5 किलो रुई की आवश्यकता होती है. बाजार में 60,80, 200, 250 रुपये प्रति किलो की दर से हुई बेची जा रही है. 800 से रजाई की कीमत शुरू होकर 2000 तक पहुंचती है. लोग अपने हिसाब से खरीदारी कर रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है