Fraudulent Nursing Home: फर्जी नर्सिंग होम में ऑपरेशन के दौरान अधेड़ की मौत, लापरवाही और धोखाधड़ी का खुलासा

Fraudulent Nursing Home: खगड़िया के ज्वालापुर गांव स्थित फर्जी नर्सिंग होम में हर्निया ऑपरेशन के दौरान एक अधेड़ की मौत हो गई. लापरवाही और गैरकानूनी चिकित्सा सेवाओं को लेकर जनता में आक्रोश है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 18, 2024 12:33 AM

Fraudulent Nursing Home: अलौली थाना क्षेत्र के मेघौना पंचायत के ज्वालापुर गांव स्थित संचालित फर्जी नर्सिंग होम में इलाज के दौरान अधेड़ की मौत हो गयी. घटना बीते गुरुवार शाम की बताई जा रही है. बताया जाता है कि ज्वालापुर गांव में वर्षों से सम्राट नर्सिंग होम नाम से फर्जी नर्सिंग होम का संचालन किया जा रहा है. बीते गुरुवार को अलौली वार्ड संख्या पांच निवासी स्व. ढ़ोढ़ाय यादव के पुत्र 50 वर्षीय बंदे लाल यादव के पेट में दर्द होने पर अलौली पीएचसी में इलाज के लिए परिजनों द्वारा लाया गया. पीएचसी में कार्यरत एक महिला सीएचओ ने पीड़ित बंदे लाल यादव के परिजन को ज्वालापुर गांव स्थित सम्राट नर्सिंग होम में ऑपरेशन कराने की सलाह दी. बीमार मरीज के परिजन को सम्राट नर्सिंग होम के संचालक गणेश प्रसाद सिंह द्वारा हर्निया का ऑपरेशन कराने की सलाह दी.

Fraudulent Nursing Home: फर्जी नर्सिंग होम की लापरवाही से अधेड़ की मौत

ऑपरेशन के एवज में 25 हजार रुपये की वसूली की. मृतक के पुत्र विक्रम यादव ने बताया कि नर्सिंग होम के विचौलिया के चक्कर में फंस कर पिता को बीते 14 अगस्त की शाम ज्वालापुर के सम्राट नर्सिंग होम इलाज के लिए गए थे. उनको हर्निया का ऑपरेशन कराना था. जिसकी पूरी तैयारी नर्सिंग होम ने कर लिया गया था. फर्जी नर्सिंग होम में ऑपरेशन से पहले बेहोशी की दवा दी गयी. पिता की स्थिति खराब होने लगी. तो उन्हें घर भेज दिया गया. स्थिति खराब होने पर वे लोग सीएचसी लाया. जहां इलाज के लिए सदर अस्पताल रेफर किया गया. सदर अस्पताल ने भागलपुर रेफर कर दिया. भागलपुर जाने के दौरान रास्ते में मौत हो गयी.

Fraudulent Nursing Home: नर्सिंग होम को सिर्फ ओपीडी की अनुमति

शव को अलौली पुलिस ने अपने कब्जे में कर पोस्टमार्टम के बाद परिजन को सौंप दिया. इधर, सीएचसी प्रभारी डॉ मनीष कुमार ने बताया कि सम्राट नर्सिंग होम ज्वालापुर को ओपीडी चलाने की अनुमति है. ना कि ऑपरेशन करने की. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही स्पष्ट हो पायेगा. इधर, सामाजिक कार्यकर्ता दीपक कुमार अकेला ने बताया कि पूरे प्रखंड में आठ नर्सिंग होम पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण फर्जी नर्सिंग होम संचालकों द्वारा बोर्ड हटाकर अस्पताल का संचालन किया जा रहा है. फर्जी नर्सिंग होम में लोगों की मौत हो रही है. कई लोगों को शिकायत के लिए थाना जाने से रोक दिया जाता है. उन्होंने कहा कि यदि फर्जी नर्सिंग होम पर समय रहते कार्रवाई होती तो यह घटनाएं नहीं होती.

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