सात हजार से अधिक प्रवासी मजदूरों को किया गया होम कोरेंटिन, प्रतिदिन होगी स्वास्थ्य की जांच
दिल्ली, मुंबई, कोलकता, सूरत नोयडा, पुणे, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम, बैंगलोर तथा अहमदाबाद शहर से आए प्रवासी को प्रखण्ड स्तरीय कोरेंटिन कैम्पों में रखा जायेगा. जबकि दूसरों शहरों से आए प्रवासी मजदूरों को होम कोरेंटिन किया जाएगा. जानकारी के मुताबिक राज्य के बाहर से आए प्रवासी मजदूरों को लेकर राज्य आपदा विभाग ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है.
खगड़िया : दिल्ली, मुंबई, कोलकता, सूरत नोयडा, पुणे, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम, बैंगलोर तथा अहमदाबाद शहर से आए प्रवासी को प्रखण्ड स्तरीय कोरेंटिन कैम्पों में रखा जायेगा. जबकि दूसरों शहरों से आए प्रवासी मजदूरों को होम कोरेंटिन किया जाएगा. जानकारी के मुताबिक राज्य के बाहर से आए प्रवासी मजदूरों को लेकर राज्य आपदा विभाग ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है. बताया जाता है कि आपदा विभाग के द्वारा देश के अलग-अलग शहरों से आए मजदूरों को दो श्रेणी में यानी में रखा गया है. क्षेणी क में दिल्ली, मुंबई, कोलकता, सूरत नोयडा, पुणे, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम, बैंगलोर तथा अहमदाबाद शहर को रखा गया है. जबकि अन्य शहरों को दूसरे श्रेणी में रखा गया है. बताया जाता है कि बाहर से आए/आ रहे प्रवासी मजदूरों को लेकर प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने डीएम को पत्र लिखा है.
प्रधान सचिव ने श्रेणी क नी दिल्ली,मुंबई,कोलकता सहित उक्त ग्यारह शहरों से आए प्रवासीयों मजदूरों को कोरेंटिन कैम्प में तथा अन्य शहरों से आए मजदूरों को होम कोरेंटिन करने को कहा है. इधर विभागीय सूत्र बताते हैं कि जिन शहरों में भारी संख्या में कोरोना पोजिटिव के मामले अधिक पाए गए हैं, उन शहरों को अलग श्रेणी में रखते हुए वहां से आए प्रवासियों को कोरेंटिन अवधि तक कैम्पों में रखने के आदेश दिये गए हैं. जांच के बाद होगा होम कोरेंटिन.डीएम आलोक रंजन घोष ने बताया कि चिन्हित शहरों को छोड़कर दूसरे शहर से आने वाले प्रवासी मजदूरों को होम कोरेंटिन किया जा रहा है. सात हजार से अधिक प्रवासी मजदूरों को होम कोरेंटिन में भेजा गया है. बताया कि होम कोरेंटिन अवधि के दौरान जिला-प्रशासन की इनपर नजर रहेगी. डीएम ने बताया कि होम कोरेंटिन में भेजे जाने के पूर्व से लेकर पूरी अवधि (14 दिनों तक) प्रवासी मजदूरों के स्वास्थ्य की रोजना की जांच की जायेगी.
जांच के दौरान अगर इनमें कोरोना वायरस के संक्रमण के लक्षण पाए गए, तो इन्हें स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किये गये निर्देश के आलोक में कार्रवाई (जांच व ईलाज) की जाएगी.घर-घर जाकर पोलियो सुपरवाईजर करेंगे रोजाना जांच.होम कोरेंटिन में भेजे गए प्रवासी मजदूरों के स्वास्थ्य की रोजाना जांच होगी. डीएम श्री घोष ने बताया कि होम कोरेंटिन में भेजे गए प्रवासी मजदूरों की निगरानी की जायेगी. उनके स्वास्थ्य की नियमित रूप से जांच होगी. डीएम ने बताया कि होम कोरेंटिन अवधि के दौरान प्रवासी मजदूरों के स्वास्थ्य जांच की जिम्मेदारी प्रत्येक पंचायत में पोलियो सुपरवाइजर को सौंपी गयी है. पोलियो सुपरवाइजर को इस कार्य के ट्रेनिंग सहित होम कोरेंटिन में भेजे गए प्रवासी मजदूरों की सूची उपलब्ध कराये जाने की बातें कही गयी है. कैंप से भेजे जा रहे होम कोरेंटिन में.
आपदा विभाग द्वारा जारी आदेश के बाद पूर्व में कोरेंटिन कैम्प में रह रहे श्रेणी ख शहर में शामिल शहर से आए प्रवासी मजदूरों दिल्ली, मुंबई, कोलकता, नोयडा सहित चिन्हित ग्यारह शहरों को छोड़कर) को होम कोरेंटिन किया जा रहा है. बताया जाता है कि पूर्व में उन प्रवासी मजदूरों को होम कोरेंटिन में भेजा रहा है. जो दिल्ली,मुंबई,कोलकता,नोयडा सहित चिन्हित ग्यारह शहरों से नहीं आए हैं और जो कोरेंटिन कैम्प में इन शहरों से आये मजदूरों के साथ नहीं रहे हैं.कहते हैं अधिकारी.डीएम आलोक रंजन घोष ने कहा कि 7 हजार 88 प्रवासी मजदूरों को अब तक होम कोरेंटिन में भेजा गया है. निर्धारित अवधि/14 दिनों तक होम कोरेंटिन में भेजे गए लोगों की सतत निगरानी की जायेगी. स्वास्थ्य जांच के दौरान अगर इनमें कोविड-19 के संक्रमण के लक्षण पाए गए तो फौरन इनका उपचार शुरू किया जाएगा. होम कोरेंटिन में भेजे गये जाने वाले प्रवासी मजदूरों के घरों के बाहर कल से पोस्टर चिपकाने का काम आरंभ होगा. इस पोस्टर पर जांचकर्ता(पोलियो सुपरवाइजर) के द्वारा प्रतिदिन जांच से संबंधित सूचना के साथ-साथ इस बात का उल्लेख किया जायेगा कि प्रवासी मजदूर कोरेंटिन नियमों का पालन कर रहें हैं अथवा नहीं.