चार दिन पहले दीपावली के दिन गंगा नदी में डूब कर आदित्य की मौत के बाद उसके नाना साहेब सिंह का भी शनिवार को हुआ निधन
प्रतिनिधि, परबत्ता
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चार दिन में दो लोगों की मौत से परिवार पर टूटा गमों का पहाड़ ग्रामीण बताते हैं कि चार दिन पहले आदित्य की मौत के बाद पहले से ही यह परिवार सदमे में था. उसके चार दिन बाद घर के मुखिया साहेब सिंह की मौत ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया है. पूरे परिवार पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा है. बताया जाता है की साहेब सिंह को आदित्य से काफी लगाव था. दरअसल, आदित्य के जन्म लेने के बाद उसकी मां की मौत हो गयी थी. तभी से परबत्ता नगर पंचायत के करना गांव स्थित ननिहाल में रहता था. यही रहकर वह पढ़ाई भी कर रहा था. तीन भाइयों में सबसे छोटा आदित्य बचपन से ही काफी मेधावी था. ननिहाल में रहने के साथ-साथ नाना नानी का दुलरुआ था. किसी के बात को ना टालना और हाजिर जवाबी की आदत ही आदित्य को सबका प्यारा बनाता था. गांव वाले भी आदित्य की प्रशंसा करते नहीं थकते हैं. सामाजिक कार्यकर्ता मुकेश कुमार उर्फ मंटु सिंह, हीरा सिंह कुशवाहा, साकेत, रमन कुमार, लोकेश, डॉ नवीन, विज्ञान कुमार, निरंजन कुमार सहित दर्जनों ग्रामीण इस दुख की घड़ी में पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाते नजर आये.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है