प्रतिनिधि, खगड़िया रैयती जमीन पर परचाधारियों के द्वारा जबरन कब्जा जमाये जाने के कारण भू-धारी व अतिक्रमणकारियों के बीच तनाव है. बताया जाता है कि इस विवाद का मुख्य वजह भूमिहीनों को बसने के लिए गड्ढे वाली जमीन का पर्चा वितरण करना है. नाराज भूमिहीनों ने पर्चा की जमीन को छोड़ नजदीक में स्थित रैयत की निजी जमीन पर अपना झोपड़ी बना लिया. जिसके बाद से ही भू-धारी तथा अतिक्रमणकारियों के बीच विवाद चला रहा है. सीओ ने नोटिस जारी कर 24 घंटे में जमीन खाली करने को कहा
डीएम तक मामला पहुंचने के बाद रैयत की जमीन खाली कराने की कवायद शुरू कर दी गयी है. सदर सीओ ने रसौंक निवासी 23 लोगों क्रमशः रंजीत चौधरी, संजित चौधरी, हरेराम चौधरी, शिरोमणी देवी, शंभू चौधरी, लाछो चौधरी, लखन चौधरी, राजकिशोर चौधरी, ओपी चौधरी, पलटु चौधरी, मिथुन चौधरी, वकील चौधरी, राजो चौधरी, राम चौधरी, अनीता देवी, रोहित चौधरी, रामपुकार चौधरी, शंकर चौधरी, अशोक चौधरी, सचिन चौधरी, नरेश चौधरी, सागर चौधरी, पप्पू चौधरी को नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर भू-धारी की जमीन से अवैध कब्जा हटाने को कहा है. आदेश की अवहेलना करने पर सीओ ने कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी है. बता दें कि सीओ के द्वारा दूसरी बार सभी लोगों को नोटिस जारी किया गया है. पूर्व में भी सीओ तथा मोरकाही थानाध्यक्ष के द्वारा उक्त सभी लोगों को नोटिस जारी कर जमीन खाली कराने के आदेश दिये गए थे, लेकिन इनलोगों ने आदेश की अवहेलना करते हुए रैयती जमीन से अवैध कब्जा नहीं हटाया. इधर दूसरी बार इन्हें नोटिस जारी किया गया है.
बाबूओं के खिलाफ हुई थी कार्रवाई की अनुशंसा
जानकारी के मुताबिक बदला-करांची तटबंध पर बसे कई महादलित परिवारों को करीब चार साल पहले घर बनाने के लिए रसौंक मौजा स्थित जमीन का पर्चा दिया गया था. इन परिवारों को घर बनाने के बाबूओं ने कई फीट गड्ढे की जमीन का पर्चा दे दिया. जांच में यह बातें सामने आने के बाद पूर्व अनुमंडल पीजीआरओ ने तत्कालीन सीओ तथा राजस्व कर्मचारी के विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा की थी. क्योंकि विभागीय दिशा- निर्देश के विपरीत इनके द्वारा गड्ढे की जमीन भूमिहीनों को दी गयी. जानकार बताते हैं कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के निर्देश के मुताबिक भूमिहीन/वासविहीन परिवारों को समतल जमीन यानि जिसपर घर बनाया जा सके, ऐसी जमीन देना था. लेकिन राजस्व विभाग के कर्मी से लेकर पदाधिकारी ने विभाग के नियम-निर्देश की धज्यियां उड़ा दी. बताया जाता है कि इनलोगों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं रहने के लिये ये गड्ढा वाली जमीन की मिट्टी से भराई भी नहीं करा पा रहे हैं.
भूमिहीनों को दिये गये गड्ढे वाली जमीन का अभिलेख है गायब
जानकारी के मुताबिक सदर अंचल के रसौंक मौजा के कई भूमिहीन परिवारों के बीच कुछ साल पहले जमीन का पर्चा बांटा गया था. अभिलेख तैयार कर परचा वितरित हुए थे. लेकिन अंचल कार्यालय में अभिलेख उपलब्ध नहीं है. पिछले साल 11 अप्रैल को भू-धारी विवेक भगत ने अंचल कार्यालय से उक्त पर्चा वितरण अभिलेख की नकल की मांग की थी. लेकिन खोजबीन के बाद भी अंचल कार्यालय में परचा वितरण से संबंधित अभिलेख नहीं मिला. पहले पीजीआरओ,फिर डीपीजीआरओ और अब डीएम के पास इस मामले की सुनवाई चल रही है.
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