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भूमि विवाद की समीक्षा के दौरान सीओ-थानाध्यक्ष को दिया अलर्ट रहने का आदेश

सीओ-थानाध्यक्ष को दिया अलर्ट रहने का आदेश

By Prabhat Khabar News Desk | October 28, 2024 11:40 PM

जनता-दरबार को प्रभावी बनाने सहित दूसरे पक्ष को नोटिस जारी करने के दिये आदेश

खगड़िया. भूमि विवाद से जुड़े मामलों की समीक्षा के दौरान सभी थानाध्यक्षों एवं सीओ को अलर्ट रहने का आदेश दिया गया है. सोमवार को अनुमंडल सभागार में विभिन्न थाना में लंबित पांच दर्जन से अधिक भूमि विवाद से संबंधित मामले की एसडीओ अमित अनुराग ने समीक्षा की. बैठक में एसडीओ ने थानाध्यक्षों से सभी मामलों की अद्यतन स्थिति की जानकारी तथा लंबित रहने का कारण पूछा. ऑन स्पॉट कुछ विवादों को भी एसडीओ द्वारा सुलझाया गया. इस दौरान एसडीओ ने कहा कि थाना स्तर पर शनिवार को आयोजित होने वाले जनता-दरबार में अगर दूसरे पक्ष के लोग उपस्थित नहीं होते हैं तो थाना स्तर से उन्हें नोटिस जारी होगा. इसके बाद भी अगर वे उपस्थित नहीं होते हैं तो दो-दिन अवसर देकर साक्ष्य के आधार पर एक पक्षीय सुनवाई करें. भूमि विवाद से संबंधित बैठक में एसडीओ सहित एसडीपीओ मुकुल कुमार रंजन, अलौली डीएसपी संजय कुमार ने भूमि-विवाद के मामले में अनुमंडल के सभी सीओ व थानाध्यक्ष को अतिसंवेदनशील रहने के निर्देश दिये हैं. सीओ एवं थानाध्यक्ष को भूमि विवाद के मामलों में त्वरित कार्रवाई करने के साथ-साथ मामला संज्ञान में आते ही थानाध्यक्ष को सक्रिय हो जाने के निर्देश दिये. एसडीओ ने जरूरत पड़ने पर अविलंब निरोधात्मक कार्रवाई (धारा 107 एवं 144) की अनुशंसा करने कहा. संबंधित पदाधिकारियों को शांति व विधी-व्यवस्था बनाए रखने को कहा. भूमि विवाद के मामलों का निष्पादन समय एवं गुणवत्तापूर्ण हो, मामलों को अनावश्यक लंबित ना रखा जाए, निष्पक्षता पूर्वक नियमानुसार कार्रवाई हो, इस बात का ख्याल रखने को कहा गया है. बैठक में एसडीओ ने कहा कि 60 प्रतिशत से अधिक लड़ाई झगड़े भूमि विवाद के चलते ही होते हैं. अगर स-समय ऐसे मामलों में दोनों पक्षों के बातों को सुनकर नियमानुसार कार्रवाई कर दिया जाए, हिंसा की घटना में काफी कमी आएगी. सीओ एवं थाना प्रभारियों को भूमि विवाद के मामले पंजी में दर्ज कर इनका दस्तावेजीकरण करने को कहा. भूमि विवाद से संबंधित जो मामले भूमि सुधार उप समाहर्ता को भेजने योग्य हैं. वैसे मामले को बिहार भूमि विवाद निराकरण अधिनियम 2009 के तहत अग्रसारित करने के भी निर्देश दिये गए. सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने के भी निर्देश दिये गए.

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