भूमि विवाद रोकने को लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जारी किया आदेश

पिता - दादा के नाम वाली जमीन के म्यूटेशन के पूर्व सभी भाइयों की सहमति होगी जरूरी

By Prabhat Khabar News Desk | December 1, 2024 10:08 PM

पिता – दादा के नाम वाली जमीन के म्यूटेशन के पूर्व सभी भाइयों की सहमति होगी जरूरी

खगड़िया. बगैर बंटवारा किये किसी हिस्सेदार द्वारा जमीन बेचे जाने के कारण अक्सर विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. खून-खराबा, थाना- पुलिस से लेकर न्यायालय तक जाने की नौबत आ जाती है. जिसको लेकर विभाग गंभीर है. अगर बिना बंटवारा किये कोई हिस्सेदार जमीन बिक्री करते हैं तो उस जमीन म्यूटेशन (दाखिल-खारीज) रुक जाएगी. अपर समाहर्ता आरती ने बताया कि संयुक्त जमाबंदी वाले जमीन यानि एक व्यक्ति से अधिक लोगों के नाम से चल जमाबंदी वाली जमीन अगर कोई हिस्सेदार बेचते हैं तो उक्त जमीन के दाखिल-खारीज के दौरान सभी हिस्सेदारों की सहमति लेना अनिवार्य होगा, अन्यथा म्यूटेशन प्रभावित हो जाएंगे. बता दें कि जमीन विवाद कम करने को लेकर राज्य स्तर से एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किये गए हैं. विभाग के वरीय पदाधिकारी का यह मानना है कि प्रायः संयुक्त जमाबंदी वाली जमीन की बिक्री लोग बिना बंटवारा किये ही कर देते हैं, जिसके कारण विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. ऐसे में म्यूटेशन के दौरान सभी हिस्सेदारों की सहमति लेना अनिवार्य कर दिया गया है.

सुधार के नाम पर सीओ पेंडिंग नहीं रख पाएंगे आवेदन

ऑनलाईन म्यूटेशन के लिए प्राप्त होने वाले आवेदन में अगर कोई त्रुटि पाई जाती है तो तय समय- सीमा के भीतर उसका निराकरण होगा. त्रुटि सुधार के नाम पर अब सीओ म्यूटेशन आवेदन को पेंडिंग नहीं रख पाएंगे. 24 घंटे के भीतर सीओ को आदेश देना होगा. बताया जाता है कि पुराने सॉफ्टवेयर में त्रुटि जांच की समय-सीमा तय नहीं थी, जिसका नाजायज फायदा कर्मचारी से लेकर सीओ तक खूब उठाते थे. त्रुटि जांच के नाम पर ये आवेदन महीनों लटकाए रखते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. अगर सीओ आदेश जारी नहीं करते हैं तो आवेदन स्वतः आवेदक के लॉगइन में चला जाएगा. जिसके बाद वो त्रुटि सुधार कर दोबारा आवेदन कर सकेंगे. सीओ दोबारा मिले आवेदन पर आदेश जारी नहीं करते हैं तो वह अगले 24 घंटे बाद जांच के लिए स्वत: राजस्व कर्मचारी में चला जाएगा. राजस्व कर्मचारी इस आवेदन को खारिज नहीं कर सकेंगे, उनके पास सिर्फ स्वीकृत का विकल्प रहेगा. आवेदन स्वीकृत होने के बाद बाकी दस्तावेजों की जांच के लिए तीन दिन का समय तय है.

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