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कोसी का रोद्र रूप से देख सहमे है लोग, खतरे के निशान से ऊपर बह रही कोसी, जिला प्रशासन की है पैनी नजर

कोसी का रोद्र रूप से देख सहमे है लोग

बेलदौर

प्रखंड क्षेत्र के माली कैंजरी, तैलिहार, बलैठा व इतमादी पंचायत के कोसी नदी किनारे बसी आबादी सोमवार की सुबह से शाम तक नदी के जलस्तर में हुई अप्रत्याशित बढ़ोतरी को देख संभावित बाढ़ से होने वाली तबाही के भय से रतजगा करने को विवश हैं. प्रभावित टोले के लोगों में डुमरी गांव निवासी नरेश सहनी ,दुखनी देवी, सुमिया देवी, अनिता देवी, वयोवृद्ध रामोतार सादा, जगदीश साह, वहीं बलैठा के पचाठ गांव निवासी पूर्व पंसस दुर्गा सिंह, सुबोध सिंह, गुड्डू सिंह, लालमोहन झा समेत दर्जनों प्रभावित टोले के लोगों ने बताया कि कल तक गांव समीप जिस खेत में बच्चे क्रिकेट खेल रहे थे आज वहां कोसी की तेज धारा बह रही है. सुबह से कोसी नदी में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हो रही है. महज एक से डेढ़ फीट पानी में बढ़ोतरी होते ही समीप के बसावटों में प्रवेश कर जायेगी. कटाव के मुहाने पर बसे पचाठ मुनि टोला के सुबोध सिंह, पवन कुमार सिंह, महेंद्र मुनी, बैजनाथ मुनी, बिच्छू मिस्त्री, राजेंद्र यादव, परदेसी मुनी, दिनेश मिस्त्री, मनीष मिस्त्री, राम रूप मुनी, उपेंद्र मुनी समेत एक दर्जन से अधिक परिवार के लोगों की धड़कने कोसी के रोद्र रूप को देख तेज हैं. लगातार विस्थापन का दंश झेल रहे उक्त टोले के लोगों ने बताया कि वर्ष 2002 के प्रलयंकारी बाढ की चपेट में आने से करीब 1000 से अधिक लोगों का आशियाना नदी में समा गया था, आज जहां नदी बह रही रही है कभी पचाठ गांव हुआ करता था. तिनका-तिनका इकट्ठा कर पुनः दूसरे जगह पुनर्वासित हुआ कही कोसी के इस बार के कहर में फिर से विस्थापित होने का दंश नहीं झेलना पडे. पचाठ के लोगों में इस बात की घोर नाराजगी पनप रही है कि उफनाती कोसी से दहल रहे लोगों का दर्द सुनने अभी तक न सांसद विधायक पहुंचे न तो प्रशासन के लोगों ने सुधि ली. अगर कोसी के जलस्तर में इसी तरह बढ़ोतरी हुई तो पचाठ गांव में बड़ी तबाही मच सकती है. बलैठा के पंचायत भवन के पीछे क्षतिग्रस्त गाइड बांध को अविलंब दुरूस्त नहीं किया गया तो संभावित बाढ का पानी पचाठ एवं ढाढी गांव में मचा सकती है तबाही. कोसी नदी के जलस्तर में लगातार अप्रत्याशित बढ़ोतरी से जारी हाई अलर्ट के बावजूद उक्त स्थल का क्षतिग्रस्त गाइड बांध संभावित खतरे को दस्तक दे रही है. इसको दुरुस्त करने में न तो एफसीडी टू के अधिकारी रुचि ले रहे हैं न तो संबंधित विभाग ही इसकी सुधि ले रहे हैं. ऐसे में संभावित बाढ़ की स्थिति में गाइड बांध के उक्त क्षतिग्रस्त भाग से पानी प्रवेश कर पचाठ एवं ढाढी गांव में तबाही ला सकती है जबकि उक्त क्षतिग्रस्त हिस्से तक पहुंच चुकी कोसी नदी महज दो फीट उफान भरते ही समीपवर्ती गांव को अपनी चपेट में ले लेगा. हालांकि सोमवार की देर शाम तक जिला प्रशासन, अनुमंडल प्रशासन एवं सांसद राजेश वर्मा कार्यकर्ताओं के साथ बाढ से प्रभावित होने वाले नदी किनारे बसे गांव का दौरा कर लोगों को खतरे से आगाह करते सतर्क रहने का अनुरोध करते नजर आए. कोसी के उग्र रूप से संभावित खतरे की जानकारी देते एफसीडी टू के जेई मणिकांत कुमार ने बताया कि कोसी बराज से छोड़े गए पानी उसराहा कोसी नदी में उतर चुकी है. बीते रविवार की शाम बलतारा गेज पर नदी का जलस्तर 34.80 मीटर दर्ज हुआ था जबकि सोमवार की सुबह 74 सेंटीमीटर बढ़ोतरी के साथ 35.20 मीटर दर्ज हुआ. वही 12 घंटे के अंदर शाम 6 बजे महज 30 सेंटीमीटर बढ़ोतरी के साथ बलतारा गेज पर जलस्तर 35.54 मीटर दर्ज हुआ. इसके अलावे इन्होंने बताया कि कोसी खतरे के निशान से 2.18 मीटर ऊपर बह रही है. नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी जारी है लेकिन रफ्तार धीमी हुई. निचले इलाके में बाढ का पानी फेल चुका है, वेट एंड वाच की स्थिति में विभागीय अधिकारी एवं जिला प्रशासन मुस्तैदी से पैनी नजर बनाए हुए हैं.

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