बाढ़ पूर्व तैयारी को लेकर प्रधान सचिव ने डीएम व सीएस का लिखा पत्र
संभावित बाढ़ से निपटने/रोकने के आदेश के बाद अब बाढ़ के दौरान जलजमाव के कारण बीमारियों से फैलने वाले महामारियों को रोकने के लिए जिले में पुख्ता इंतजाम करने के आदेश दिये गये हैं
खगड़िया. संभावित बाढ़ से निपटने/रोकने के आदेश के बाद अब बाढ़ के दौरान जलजमाव के कारण बीमारियों से फैलने वाले महामारियों को रोकने के लिए जिले में पुख्ता इंतजाम करने के आदेश दिये गये हैं. साथ ही साथ बाढ़ के दौरान बीमार लोगों को चिकित्सीय सुविधा व आवश्यक दवा मुहैया कराने की भी पूर्व तैयारी करने को कहा गया है. जानकारी के मुताबिक राज्य स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने डीएम व सिविल सर्जन को पत्र लिखकर कहा है कि बाढ़ से जान-माल को भारी क्षति होती ही है साथ ही बाढ़ अवधि के दौरान/पश्चात कई प्रकार की बीमारियों की वजह से कभी-कभी महामारी की स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है. महामारी न फैले, इसके लिए जिले में पूर्व से तैयारी करने को कहा है. गौरतलब है कि संभावित बाढ़ से निपटने को लेकर जिले में पूर्व तैयारी करने के आदेश जारी किये जा चुके हैं. जिले के सभी तटबंधों को दुरुस्त करने, ऊंचे स्थलों को चिह्नित करने, खाद्यान्न, नौका पशुचारा, दवा आदि की व्यवस्था करने के आदेश जारी किये गये हैं. अब स्वास्थ्य विभाग ने महामारी रोकने को लेकर जिले में पूर्व में ही पुख्ता इंतजाम करने को कहा है.
इलाज व दवा की व्यवस्था को लेकर दिये निर्देश
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में डायरिया सहित अन्य रोग के रोकथाम के लिए जिले में ओआरएस एवं एन्टीडायरियल संबंधित दवा प्रर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रखने को कहा गया है. बाढ़ के समय/पश्चात कुत्ता एवं सियार काटने की घटनाएं प्रायः बढ़ जाती है. इसी तरह बाढ़ के दौरान सर्पदंश की घटनाओं में वृद्धि होने की बातें सामने आती है. प्रधान सचिव ने कहा है कि दवा उपलब्ध नहीं रहने के कारण परेशानी हो सकती है. उन्होंने प्रर्याप्त मात्रा कुत्ते/सियार काटने की दवा यानी एन्टीरेबीज तथा सभी अस्पतालों में सर्पदंश की दवा यानी एएसभीएस की दवा प्रर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रखने को कहा है. दवा के साथ-साथ इलाज की व्यवस्था भी दुरुस्त रखने के निर्देश दिये गए हैं. जिले में मेडिकल टीम का गठन करने समेत बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चलन्त/स्थाई/अस्थाई चिकित्सा दल का गठन करने को कहा गया है. प्रधान सचिव ने बाढ़ प्रभावित उन क्षेत्रों में स्कूल,पंचायत भवन में अस्थाई अस्पताल चलाने को कहा है जहां बाढ़ अवधि के दौरान महामारी फैली हो तथा वहां प्रभावितों की संख्या अधिक हो. बाढ़ के पानी से घिरे गांव के लोगों के इलाज के नौका औषधालय की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिये गए हैं. प्रधान सचिव ने बच्चों व गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण बाधित न हो,इसकी व्यवस्था भी पूर्व में ही कर लेने को कहा है. बाढ़ अवधि के दौरान चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों की छुट्टी रद्द की गई है. विशेष स्थिति में सिविल सर्जन की अनुशंसा पर जिलाधिकारी द्वारा चिकित्सकों/स्वास्थ्य कर्मियों को अवकाश पर जाने स्वीकृति प्रदान की जाएगी.
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