मथुरापुर में 4.76 व कुतुबपुर मौजा में 0.34 एकड़ जमीन की जाएगी अधिग्रहण……….भू-अर्जन विभाग ने सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन ( एसआईए ) के लिए चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान पटना को किया प्राधिकृत
राज किशोर सिंह,
खगड़िया शहर के उतरी भाग के दर्जनों पंचायत के लाखों लोगों के लिए जल्द की खुशखबरी मिलने वाली है. उत्तरी भाग के लोगों को जाम से मुक्ति मिलेगी. साथ ही कड़ाके की ठंड, धूप व वर्षा में पश्चिमी केबिन पर इंतजार नहीं करना पड़ेगा. वर्षों से लोगों की मांग थी कि पश्चिमी केबिन ढाला पर आरओबी का निर्माण हो. जिसके लिए विभाग ने भूमि अधिग्रहण के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है. स्थानीय जंक्शन के पश्चिमी केबिन (मथुरापुर) ढाला के समीप आरओबी (रोड ओवर ब्रिज) का निर्माण किया जाएगा. आरओबी निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरु कर दी गयी है. सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन के लिए भू-अर्जन विभाग ने चंद्रगुप्त संस्थान पटना को प्राधिकृत किया है.एसआईए के लिए एजेंसी को दिया गया 45 दिन का समय
बताया जाता है कि आरओबी निर्माण के लिए मथुरापुर मौजा में 4.76 एकड़ रकवा व कुतुबपुर मौजा में 0.34 एकड़ रकवा अधिग्रहण किया जाएगा. जिला भू-अर्जन पदाधिकारी तेजनारायण राय ने बताया कि पथ निर्माण विभाग द्वारा भूमि अधिग्रहण के लिए प्रस्ताव जिला भू-अर्जन कार्यालय को दिया गया है. भू-अर्जन विभाग द्वारा भू-अर्जन की प्रक्रिया आरंभ कर दी गयी है. प्रारंभिक कार्य एसआईए के लिए अधिसूचना जारी की गयी है. अधिसूचना जारी करने के बाद एसआईए के लिए 45 दिनों का समय निर्धारित किया है.
आरओबी निर्माण होने से आवागमन होगा आसान
मथुरापुर ढाला पर आरओबी निर्माण किये जाने से जिले के लाखों लोगों का आवागमन आसान हो जाएगा. लोगों को रेलवे ढाला खुलने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. सड़क पर जाम लगने की समस्या से मुक्ति मिल जाएगी. मथुरापुर ढाला पर आरओबी का निर्माण होने से लोगों की दूरी घट जाएगी. अलौली, हरिपुर, सलौना, कासिमपुर, लाभगांव, जलकौड़ा, गंगौर, बेला, परिहारा सहित दर्जनों पंचायत के लोगों का आवागमन आसान हो जाएगा. बताया जाता है कि बिहार राज्य पुल निर्माण निगम, विशेष कार्य प्रमंडल ने पूर्व मध्य रेलवे के सहायक अभियंता, बरौनी को पत्र लिखकर पथ निर्माण विभाग की जमीन पर आरओबी का निर्माण करने की सूचना दी गयी थी. मालूम हो कि खगड़िया-बखरी लिंक रोड से खगड़िया-उमेश नगर के बीच समपार (गुमटी ) संख्या 24 के समीप आरओबी निर्माण मथुरापुर व कुतुबपुर मौजा की जमीन पर किया जाएगा. रेल उपभोक्ता संघर्ष समिति के संयोजक सुभाष चंद्र जोशी ने बताया कि आरओबी निर्माण के लिए रेलवे के अधिकारियों ने पांच साल पहले स्थल की मिट्टी जांच के लिए जमा किया गया था.क्या है सामाजिक मूल्यांकन
भू-अर्जन विभाग द्वारा सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन के लिए एजेंसी का चयन किया जाता है. एजेंसी द्वारा निर्धारित अवधि में निर्माण स्थल पर पहुंचकर सामाजिक प्रभाव का आकलन किया जाता है. तथ्य की जांच की जाती है कि प्रस्तावित भू-अर्जन से लोगों की जरूरतें पूरा हो रहा है या नहीं. भू-अर्जन से कितने रैयत प्रभावित हो रहे हैं. रैयत के विस्थापन होने पर उनके पुनर्वास के उपाय पर मंथन किया जाता है. स्थानीय लोगों से जानकारी लेने के बाद भू-अर्जन विभाग को सौंप दिया जाता है.आरओबी निर्माण के लिए पथ निर्माण विभाग द्वारा भूमि अधिग्रहण के लिए प्रस्ताव दिया गया था. भू-अर्जन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गयी है. भू-अर्जन के लिए एसआईए ( सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन ) के लिए अधिसूचना जारी की गयी है. संबंधित एजेंसी को एसआईए के लिए 45 दिनों का समय निर्धारित की गयी है. तेज नारायण राय, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, खगड़ियाडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है