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चार करोड़ रुपये से रैक प्वाइंट हुआ गुलजार

चार करोड़ रुपये से रैक प्वाइंट हुआ गुलजार

कौशल किशोर सिंह, खगड़िया

रेलवे स्टेशन व इसके आसपास के क्षेत्रों में विकास के काम जारी हैं. रैक प्वाइंट व आसपास के इलाकों को संवारने के लिए रेलवे ने कई कदम उठाये हैं. चार करोड़ रूपये की लागत से कई निर्माण कार्य हुआ है. पीपीपी मोड में कई ऐसे काम हो रहे हैं, जिनका बहुत दिनों से इंतजार था. इधर, विकास के नये नये फूल खिलने से रैक प्वाइंट गुलजार होने के साथ साथ मजदूरों-मोटिया सहित व्यवसायियों के अलावा रेल यात्रियों को लाभ मिल रहा है. हालांकि अमृत भारत योजना से अभी बहुत से काम होने बांकी है, लेकिन बीते बरसों में रेलवे स्टेशन व इसके आसपास के क्षेत्रों में विकास के कई काम हो रहे हैं. जिनका लाभ आने वाले दिनों में खगड़िया के लोगों को मिलेगा.

सोनपुर मंडल वाणिज्य विभाग द्वारा पीपीपी मोड से खगड़िया स्टेशन पर चार करोड़ रुपये से अधिक की लगभग एक दर्जन विकास योजनाओं का कार्यान्वयन किया गया है. जानकारी के अनुसार स्टेशन परिसर क्षेत्र में डेढ़ करोड़ की लागत से गोदाम बनाया गया है. करीब एक करोड़ की राशि से 50 फीट चौड़ी सड़क बनायी गयी है. व्यवसायियों की सुविधा के लिए खगड़िया स्टेशन रैक पॉइंट के उत्तरी हिस्से में गोदाम का निर्माण किया गया है. मालूम हो कि मक्का व्यवसायियों को रैक पॉइंट पर माल लदान के समय खुले आसमान के नीचे अपना माल रखना पड़ता है. इसके अलावा नियमानुसार व्यवसायियों को एक निश्चित समय सीमा के अंदर अपने माल लदान की प्रक्रिया पूरी करनी होती है, जिससे रैक पॉइंट पर रैक लगने के बाद अफरातफरी की स्थिति बन जाती है. गोदाम का निर्माण होने से वर्षा का मौसम के साथ-साथ गोदाम में पहले से माल को रखने से व्यवसायियों को सुविधा होगी.

मोटिया मजदूरों के लिए भी बनाया गया विश्रामालय

रैक प्वाइंट पर काम करने वाले करीब 400 मोटिया मजूदरों के आराम का भी रेल प्रशासन ख्याल रख रहा है. करीब 30 लाख रुपये की लागत से बना मोटिया मजदूरों को आराम करने के लिए लेबर रूम बनाया गया है. खगड़िया स्टेशन पर स्थित रैक पॉइंट पर माल लदान को लेकर 400 से अधिक मोटिया मजदूर दशकों से अपनी सेवा दे रहे हैं. रेलवे द्वारा मोटिया मजदूरों के लिए रेक पॉइंट के उत्तरी हिस्से में लेबर रूम का निर्माण किया गया है. जिसके लिये अब विश्रामालय,पेयजल व शौचालय की व्यवस्था की गयी है.

पीपीपी मोड पर 10 जगहों पर लगाये गये नल

पीपीपी मोड पर पांच लाख की लागत से रैक पॉइंट के आसपास 10 जगहों पर लगा 40 नल लगाये गये हैं, जिससे मोटिया मजदूरों को पेयजल के साथ-साथ स्नान करने व साफ सफाई कार्य में सुविधा हो रही है. माल बाबू कार्यालय के लिए 20 लाख की लागत से बना गुड सेड-दशकों पूर्व बना माल बाबू का कार्यालय भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका था. नतीजतन, कार्य संचालन के साथ-साथ फाइलों के रखरखाव में परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. गुड सेट भवन का निर्माण होने से माल बाबू को अपने कार्यालय संचालन में सुविधा मिल रही है. व्यवसायियों व मजदूरों की परेशानी को देखते हुए वाणिज्य विभाग के द्वारा पीपीपी मोड से कैंटीन भवन का निर्माण कराया गया है,जिससे व्यवसायियों व मजदूरों को चाय नाश्ता के लिए भटकना नहीं पड़ेगा.

एक करोड़ की लागत से हुआ सड़क का चौड़ीकरण

रैक प्वाइंट स्थित सेकंड एंट्री भवन के पूर्वी व पश्चिमी हिस्से की दो-दो सौ मीटर सड़क को 50 फीट चौड़ीकरण किया गया है, जिससे रैक पॉइंट पर माल लदान के समय भारी वाहनों का ठहराव आसान हुआ है. सड़क के चौड़ीकरण से जाम से राहत मिली है. मालूम हो कि सेकंड एंट्री भवन के उत्तरी हिस्से की मथुरापुर ढाला से सन्हौली ढाला तक बनी सड़क से रेल यात्रियों के अलावा आमलोगों को आवागमन में सुविधा हो रही है. 20 लाख की लागत से रैक पॉइंट के उत्तरी हिस्से की सड़क पर पीपीपी मोड से दो हाई मास्ट लाइट लगाया गया है.

गड्ढे की मिट्टी भराई में खर्च हुए 50 लाख रुपये

मालूम हो कि रैक पॉइंट के उत्तरी हिस्से में स्थित पांच एकड़ से अधिक भूभाग गड्ढा था, उक्त गड्ढे की मिट्टी भराई कर उसको उपयोग में लाने के लायक बनाया गया है. रैक पॉइंट के उत्तरी हिस्से के गद्दे की भड़ाई कर उसको वाणिज्यिक उपयोग में लाने की योजना तैयार की गयी है. सीनियर डीसीआइ कुमुद रंजन ने बताया कि योजनाओं के कार्यान्वयन से कार्यालय से रेल यात्रियों, मजदूरों व व्यवसायियों के अलावा आम लोगों को इसका लाभ मिल रहा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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