5 करोड़ रुपये से रैंक प्वाइंट का किया गया विकास, व्यवसायियों को मिली सुविधाएंपीपीपी मोड में किया जा रहा कई कार्य

5 करोड़ रुपये से रैंक प्वाइंट का किया गया विकास

By Prabhat Khabar News Desk | September 9, 2024 11:52 PM

सड़क चौड़ीकरण से लेकर मोटिया-मजदूरों व व्यवसायियों के लिए रिटायरिंग रूम का हुआ निर्माण

खगड़िया रेलवे स्टेशन व इसके आसपास के क्षेत्रों में विकास के काम जारी है. रैक प्वाइंट व आसपास के इलाकों को संवारने के लिए रेलवे ने कई कदम उठाए हैं. 5 करोड़ रुपये की लागत से कई निर्माण कार्य हुआ है. पीपीपी मोड में कई ऐसे काम हो रहे हैं. जिनका बहुत दिनों से इंतजार था. इधर, विकास के नये-नये फूल खिलने से रैक प्वाइंट गुलजार होने के साथ-साथ मजदूरों-मोटिया सहित व्यवसायियों के अलावा रेल यात्रियों को लाभ मिल रहा है. हालांकि अमृत भारत योजना से अभी बहुत से काम होना बाकी है. लेकिन बीते बरसों में रेलवे स्टेशन व इसके आसपास के क्षेत्रों में विकास के कई काम हो रहे हैं. जिनका लाभ आने वाले दिनों में खगड़िया के लोगों को मिलेगा.

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सोनपुर मंडल वाणिज्य विभाग द्वारा पीपीपी मोड से खगड़िया स्टेशन पर चार करोड़ रुपये से अधिक की लगभग एक दर्जन विकास योजनाओं का कार्यान्वयन किया गया है. मिली जानकारी के अनुसार स्टेशन परिसर क्षेत्र में डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से गोदाम बनाया गया है. करीब एक करोड़ रुपये की राशि से 50 फीट चौड़ी सड़क बनायी गयी है. व्यवसायियों की सुविधा के लिए खगड़िया स्टेशन रैक प्वाइंट के उत्तरी हिस्से में गोदाम का निर्माण किया गया है. मालूम हो कि मक्का व्यवसायियों को रैक प्वाइंट पर माल लदान के समय खुले आसमान के नीचे अपना माल रखना पड़ता है. इसके अलावा नियमानुसार व्यवसायियों को एक निश्चित समय सीमा के अंदर अपने माल लदान की प्रक्रिया पूरी करनी होती है. जिससे रैक प्वाइंट पर रैक लगने के बाद अफरा-तफरी की स्थिति बन जाती है. गोदाम का निर्माण होने से वर्षा का मौसम के साथ साथ गोदाम में पहले से माल को रखने से व्यवसायियों को सुविधा होगी.

मोटिया मजदूरों के लिए भी बनाया गया विश्रामालय

रैक प्वाइंट पर काम करने वाले करीब 400 मोटिया मजूदरों के आराम का भी रेल प्रशासन ख्याल रख रहा है. करीब 30 लाख रुपये की लागत से बना मोटिया मजदूरों को आराम करने के लिए लेबर रूम बनाया गया है. खगड़िया स्टेशन पर स्थित रैक पॉइंट पर माल लदान को लेकर 400 से अधिक मोटिया मजदूर दशकों से अपनी सेवा दे रहे हैं. रेलवे द्वारा मोटिया मजदूरों के लिए रैक प्वाइंट के उत्तरी हिस्से में लेबर रूम का निर्माण किया गया है. जिसके लिए अब विश्रामालय, पेयजल एवं शौचालय की व्यवस्था की गयी है.

पीपीपी मोड पर 10 जगहों पर लगाये गये नल

पीपीपी मोड पर पांच लाख रुपये की लागत से रैंक प्वाइंट के आसपास 10 जगहों पर लगा 40 नल लगाये गये हैं. जिससे मोटिया मजदूरों को पेयजल के साथ-साथ स्नान करने एवं साफ सफाई कार्य में काफी सुविधा हो रही है. माल बाबू कार्यालय के लिए 20 लाख की लागत से बना गुड सेड-दशकों पूर्व बना माल बाबू का कार्यालय भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका था. नतीजतन, कार्य संचालन के साथ-साथ फाइलों के रखरखाव में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. गुड सेट भवन का निर्माण होने से माल बाबू को अपने कार्यालय संचालन में सुविधा मिल रही है. व्यवसायियों एवं मजदूरों की परेशानी को देखते हुए वाणिज्य विभाग के द्वारा पीपीपी मोड से कैंटींन भवन का निर्माण कराया गया है. जिससे व्यवसायियों व मजदूरों को चाय नाश्ता के लिए भटकना नहीं पड़ेगा.

एक करोड़ की लागत से हुआ सड़क का चौड़ीकरण

रैक प्वाइंट स्थित सेकंड एंट्री भवन के पूर्वी एवं पश्चिमी हिस्से की दो-दो सौ मीटर सड़क को 50 फीट चौड़ीकरण किया गया है. जिससे रैक प्वाइंट पर माल लदान के समय भारी वाहनों का ठहराव आसान हुआ है. सड़क के चौड़ीकरण से जाम से राहत मिली है. मालूम हो कि सेकंड एंट्री भवन के उत्तरी हिस्से की मथुरापुर ढाला से सन्हौली ढाला तक बनी सड़क से रेल यात्रियों के अलावा आमलोगों को आवागमन में सुविधा हो रही है. 20 लाख रुपये की लागत से रैक प्वाइंट के उत्तरी हिस्से की सड़क पर पीपीपी मोड से दो हाई मास्ट लाइट लगाया गया है.

गड्ढे की मिट्टी भराई में खर्च हुए 50 लाख रुपये

मालूम हो कि रैंक प्वाइंट के उत्तरी हिस्से में स्थित पांच एकड़ से अधिक भू-भाग गड्ढा था, उक्त गड्ढे की मिट्टी भराई कर उसको उपयोग में लाने के लायक बनाया गया है. मिली जानकारी के अनुसार रैंक प्वाइंट के उत्तरी हिस्से के गड्ढे की भड़ाई कर उसको वाणिज्यिक उपयोग में लाने की योजना तैयार की गई है. सीनियर डीसीआइ कुमुद रंजन ने बताया कि योजनाओं के कार्यान्वयन से कार्यालय से रेल यात्रियों, मजदूरों एवं व्यवसायियों के अलावा आम लोगों को इसका लाभ मिल रहा है.

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