दुष्कर्म के आरोपित को मिली सात साल सश्रम कारावास की सजा

सभी सजाएं साथ साथ चलेगी. जिसमें कारा में बिताए गए अवधि समायोजित किया जाएगा

By Prabhat Khabar News Desk | August 7, 2024 11:28 PM

20 हजार रुपये अर्थदंड नहीं देने पर छह माह अतिरिक्त होगी साधारण कारावास

खगड़िया. दुष्कर्म के आरोपित को सात साल सश्रम कारावास की सजा विशेष न्यायाधीश सह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम शैलेंद्र कुमार ( द्वितीय )ने सुनाई है. बताया जाता है कि 13 सितंबर 2020 को 12 बजे रात्रि में सूचिका सह पीड़िता के घर में टाट फूस के घर को तोड़कर गोगरी थाना क्षेत्र के इटहरी गांव निवासी पारो साह के पुत्र सुनील साह घूस गया. पीड़िता के मुंह पर हाथ रखकर दुष्कर्म किया. हल्ला करने पर आस पड़ोस के लोगों में सुनील को पकड़ कर मारपीट किया. घटना के बाद पीड़िता ने गोगरी थाना में 14 सितंबर 2020 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी. गोगरी पुलिस ने कांड संख्या 343/20 दर्ज किया है. आरोपित के विरुद्ध पुलिस द्वारा आईपीसी की धारा 452, 376, 511, 379, 504, 506, भादवि सहित अन्य धाराओं में प्राथमिकी किया गया. विशेष न्यायाधीश सह अपर जिला सत्र न्यायाधीश ने 25 जुलाई 2024 को सजा की बिंदू पर दोषी पाया गया. बुधवार को धारा 352 में आरोपित को पांच साल सश्रम कारावास व दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. धारा 379 में दो साल साधारण कारावास व पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने पर एक साल अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा मिलेगी. धारा 376 में सात साल सश्रम कारावास एवं 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. अर्थदंड की राशि पीड़िता को देने का आदेश दिया गया है. सभी सजाएं साथ साथ चलेगी. जिसमें कारा में बिताए गए अवधि समायोजित किया जाएगा. अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक चंद्र भूषण प्रसाद सिंह के बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अवधेश चौधरी ने बहस में भाग लिया.

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