परबत्ता. थाना क्षेत्र के डुमरिया बुजुर्ग निवासी सेवानिवृत जवान की गोली मारकर हत्या कर दी. हत्या बाद मृतक की पत्नी ने कहा कि पुलिस यदि लाइसेंसी राइफल व रिवाल्वर सीज नहीं करती तो उनकी जान बच सकती थी. मृतक की पत्नी अंजना देवी ने कहा कि जब पुलिस को पता था कि वर्षों से विवाद चल रहा है. तो फिर हथियार को सीज क्यों किया गया. शव के समीप दहाड़ मारकर रोते बिलखते मृतक की पत्नी ने पुलिस प्रशासन पर आरोप लगा रही थी कि साजिश के तहत पति के नाम से ली गई लाइसेंसी रिवाल्वर एवं राइफल को सीज कर लिया गया था. अगर आज हथियार उनके पास रहता तो उनकी हत्या नहीं होती. हालांकि इस मामले को लेकर पुलिस का कहना है कि कानूनी प्रक्रियाओं के तहत इनका लाइसेंसी हथियार सीज हुआ था. जब तक हत्यारे की नहीं होगी गिरफ्तारी नहीं कराएंगे पोस्टमार्टम
विधायक ने मृतक के परिजनों को सांत्वना
परबत्ता विधायक डॉ. संजीव कुमार ने अस्पताल पहुंचकर मृतक जवान के परिजनों को ढांढस दिया. विधायक ने पुलिस प्रशासन को दोषी लोगों अविलंब गिरफ्तार करने को कहा. उन्होंने कहा कि घटना में जो भी लोग दोषी हैं उसे तुरंत गिरफ्तार करें. इसके अलावा साजिश कर्ता को भी नहीं बख्शा जाए. उन्होंने परिजनों को भरोसा दिलाया कि उन्हें हर तरह से प्रशासनिक मदद उपलब्ध कराया जाएगा.वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए पहुंची एफएसएल की टीम
घटना बाद करीब 2 घंटे के भीतर पहुंची एफएसएल की तीन सदस्यीय टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य संग्रह किया. कारतूस का अगला हिस्सा एवं एक खोखा पुलिस द्वारा बरामद किया गया था. जिसे एफएसएल की टीम अपने साथ लेकर गयी. बताया गया कि मृतक के घर में सीसीटीवी कैमरा लगा है. इससे भी पुलिस को काफी मदद मिलेगी. फिलहाल टीम द्वारा फुटेज को भी खंगाला गया. एक महिला सहित तीन गिरफ्तार घटना के बाद ही पुलिस सक्रिय हो गई. परिजनों की निशानदेही पर पुलिस ने खगेश मिश्रा, भवेश मिश्रा पिता स्व. विनोद मिश्र व एक महिला को गिरफ्तार किया. इस दौरान उक्त महिला के घर से गोली का नौ खोखा, एक बिंडोलिया एवं राइफल साफ करने वाली सामग्री पुलिस द्वारा बरामद किया गया. थाना अध्यक्ष अरविंद कुमार ने बताया कि तीनों को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा जाएगा. शेष अभियुक्तों की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी की जा रही है. बता दे कि हत्या मामले में आधा दर्जन से अधिक लोगों के विरुद्ध कांड संख्या 446 /24 दर्ज किया गया. बरसों से चल रहा था जमीनी विवादसेवानिवृत जवान की हत्या मामले में स्थानीय लोगों ने बताया कि विधानचंद्र मिश्र व पवन मिश्र के बीच वर्षों से भूमि विवाद चल रहा था. दोनों गोतिया थे. लोगों ने बताया कि गोगरी सब डिवीजन से लेकर अलग अलग कोर्ट में जमीन के कई मामले चल रहा है. परबत्ता थाना में भी विधानचंद्र मिश्र व पवन मिश्र के बीच आधे दर्जन मामले प्राथमिकी दर्ज है. दोनों ही एक दूसरे पर जानलेवा हमला करने के मामले में जेल तक जा चुके थे.
दोनों ही परिवारों के सदस्य अर्धसैनिक बल में है
जानकारी के मुताबिक मृतक विधानचंद्र मिश्र सीआरपीएफ सेवानिवृत जवान थे. जबकि दूसरे पक्ष के पवन मिश्र व उनके परिजन अर्द्ध सैनिक बल में हैं. दोनों को ही लाइसेंसी हथियार प्राप्त है. बताया जाता है कि वर्ष 2022 के अक्टूबर माह में इन दोनों के बीच टकराव हुआ था. उस समय पवन मिश्रा के पुत्र को गोली लगी थी. मामले में विधानचंद्र मिश्र को आरोपित बनाया गया था. इस दौरान पुलिस प्रशासन ने विधानचंद्र मिश्र के नाम से जारी राइफल एवं रिवाल्वर सीज कर लिया था. तभी से विधानचंद्र मिश्र राइफल व रिवाल्वर को रिलीज करने के लिए लगे थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है