खगड़िया
शहर के बलुआही स्थित राजद कार्यालय में पूर्व एमएलसी प्रत्याशी सह राजद जिलाध्यक्ष मनोहर कुमार यादव, जिला प्रधान महासचिव नंदलाल मंडल, प्रदेश सचिव पप्पू डोम, जिला प्रवक्ता अजित सरकार, जिला उपाध्यक्ष प्रमोद यादव, युवा जिलाध्यक्ष उदय यादव, जिला महासचिव चंदन सिंह, जिला सचिव लड्डू रजक, महिला प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष रंजू सहनी, दिव्यांग प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष निभा भारती, युवा राजद महासचिव शशि पासवान, सदर प्रखंड अध्यक्ष सुनील चौरसिया, पूर्व वार्ड पार्षद जिला मीडिया प्रभारी रणवीर कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि सदर एसडीपीओ भाजपा के कथित नेता के प्रभाव में काम कर रही है. आम लोगों को आरंभिक न्याय देने के बजाय अपराधी बनाकर जेल भेजने की योजना पर काम कर रहे हैं. एसडीपीओ बिहार का पहला डीएसपी है जो महिला पर दुष्कर्म केस सत्य करार देकर कानून के साथ खेल किया जा रहा है. आम लोगों को ऐसे डीएसपी से छुटकारा दिलाने को लेकर सरकार और एसपी से कार्रवाई करने की मांग की गयी. उन्होंने कहा कि एसडीपीओ द्वारा चौथम थाना केस नंबर 67/24 में अन्य अभियुक्तों के साथ लीली देवी नामक महिला पर भी दुष्कर्म का मामला सत्य करार देकर गिरफ्तारी का आदेश दिया गया है. उन्होंने कहा कि एसडीपीओ कोर्ट के आदेश की लगातार अवहेलना कर रहे हैं. 7 साल से कम सजा वाले केस में उन्हें 41 का लाभ देना है. मगर वह गिरफ्तारी आदेश देकर कानून की खरीद बिक्री कर रहे हैं. मानसी थाना केस 141/ 24 में एसडीपीओ का सुपरविजन में निर्दोष को भी दोषी बना दिया. तकनीक साक्ष्य के बिना इसलिए गरीबों को गिरफ्तारी का आदेश दे दिया गया है कि वह डिमांड पूरा नहीं कर पाया. अब अभियुक्त बनाए गए लोग न्याय की मांग कर रहे हैं. चौथम थाना केस 121/ 24 में एसडीपीओ का सुपरविजन में एक कोचिंग संचालक के विरुद्ध बिना जांच किए अपहरण मामले में गिरफ्तारी का आदेश जारी कर दिया. पीड़िता द्वारा जब कोचिंग संचालक टुनटुन कुमार का नाम नहीं दिया गया तो गिरफ्तारी का वारंट कैसे निकला. जिलाध्यक्ष ने कहा कि चुनाव के दौरान एसडीपीओ के दबाव में उनके विरुद्ध सीसीए का प्रस्ताव भेजा गया. सीसीए के प्रस्ताव में 75 प्रतिशत केस फर्जी दिखाया गया था. डीएम साहब ने बात सुनी और सीसीए पर सुनवाई ही नहीं की. एसडीपीओ के दबाव में नगर थाना में मुझे और मेरी पत्नी पर फर्जी आरोप लगाकर कथित घटनाओं के चार महीना बाद केस दर्ज करवा दिया गया. उन्होंने कहा कि सदर एसडीपीओ के विरुद्ध कार्रवाई नहीं कि जाएगी तो राजद परिवार विरोध करेगा. मामला सड़क से सदन में उठाया जाएगा.
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