11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सरपंच की कुर्सी बरकरार, अधिकारी के रिपोर्ट को आयुक्त ने किया खारिज

सरपंच की कुर्सी बरकरार, अधिकारी के रिपोर्ट को आयुक्त ने किया खारिज

खगड़िया. गोगरी प्रखंड स्थित ग्राम कचहरी रामपुर के सरपंच नूर आलम को फरार बताकर कार्रवाई के लिए राज्य स्तर पर भेजी गई रिपोर्ट को खारिज कर दिया गया है. सुनवाई के बाद प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार सिंह ने आदेश जारी कर जिला पंचायती राज पदाधिकारी द्वारा रामपुर के सरपंच के विरुद्ध कार्रवाई के लिए विभाग को भेजी गई रिपोर्ट को खारिज कर दिया. बताया जाता है कि बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 की धारा 97(5) के तहत उक्त सरपंच को पद से हटाने को जिला स्तर से पंचायती राज विभाग को रिपोर्ट भेजी गई थी. जिसके बाद प्रमंडलीय आयुक्त मुंगेर को इस मामले की सुनवाई के लिए भेजा गया था. बताया जाता है कि राज्य स्तर से जारी आदेश के बाद सुनवाई आंरभ करते हुए आयुक्त ने दोनों पक्षों (सरपंच तथा जिला पंचायती राज पदाधिकारी) को नोटिस जारी कर सुनवाई आरंभ की. दोनों पक्षों को सुनने के बाद यह बातें सामने आई कि समपुर सरपंच के विरुद्ध बिहार पंचायती राज अधिनियम 2006 की धारा 97(5) के तहत भेजी गई रिपोर्ट सही नहीं था. जेल में था सरपंच, भेज दी फरार होने की रिपोर्ट बताया जाता है कि मंडल कारा में करीब 10 महीने से बंद रहे रामपुर के सरपंच को फरार बताते हुए गोगरी प्रखंड के पंचायती राज पदाधिकारी ने जिला स्तर पर रिपोर्ट भेजी थी. जिसके बाद बीपीआरओ के रिपोर्ट के आधार पर जिला पंचायती राज पदाधिकारी ने सरपंच पर कार्रवाई (पदच्युत करने) को लेकर राज्य स्तर पर रिपोर्ट भेज दी. प्रमंडलीय आयुक्त द्वारा किये गए इस मामले की सुनवाई के दौरान सरपंच द्वारा यह बताया गया कि वो फरार नहीं हुए थे, बल्कि एक मामले में 10 महीने से अधिक समय तक जेल में बंद थे. बता दें कि सुनवाई के दौरान प्रमंडलीय आयुक्त ने सरपंच की बातों की पुष्टि/सच्चाई जानने के लिए जेल अधीक्षक से भी रिपोर्ट मांगी. जिसके आलोक में जेल अधीक्षक ने प्रमंडलीय आयुक्त को रिपोर्ट भेजकर यह बताया कि मो. नूर आलम 27 जनवरी 2023 को मंडल कारा में प्रवेश किये तथा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ( तृतीय) के द्वारा जारी आदेश के आलोक में 5 दिसम्बर 2023 को ये यहां से बाहर निकले. डीपीआरओ भी आयुक्त के समक्ष होकर बताया सरपंच नहीं हुए थे फरार बताया जाता है कि 5 जून 2024 को प्रमंडलीय आयुक्त के समक्ष उपस्थित हुए डीपीआरओ से जब सरपंच नूर आलम फरार के संदर्भ पूछा गया तो इन्होंने बताया कि सरपंच फरार नहीं, बल्कि जेल में बंद थे. जेल में बंद रहने के कारण वे बैठकों से अनुपस्थित रहे थे. बता दें कि गोगरी थाना में दर्ज कांड संख्या 353/22 में रामपुर के सरपंच जेल गए थे. जिस कारण 21 जनवरी 23 से लेकर 2 दिसम्बर के बीच आयोजित 38 बैठक से अनुपस्थित रहे थे. बताया जाता है कि बीपीआरओ गोगरी ने सरपंच के फरार होने की भ्रामक रिपोर्ट जिला स्तर पर भेज दी. इसी रिपोर्ट को राज्य स्तर पर कार्रवाई के लिए भेजा गया. लेकिन सुनवाई के दौरान सरपंच के फरार होने की बातें गलत साबित हुई. बैठक से लगातार अनुपस्थित रहने पर भेजी जाती है रिपोर्ट ग्राम कचहरी के सरपंच या उपसरपंच बिना पर्याप्त कारण के लगातार तीन बैठकों से अनुपस्थित रहते हैं, अपने कर्तव्यों और कृत्यों का जानबूझकर पालन नहीं करते हैं या करने से इनकार करते हैं, निहित शक्तियों का दुरुपयोग करते हैं, अपने कर्तव्यों के निर्वहन में कदाचार के दोषी पाए जाते हैं, अपने कर्तव्यों का पालन करने में शारीरिक या मानसिक रूप से अक्षम हो जाते हैं या किसी आपराधिक मामले में अभियुक्त होने के कारण छह महीने से अधिक समय से फरार रहते हैं तो इस स्थिति में सरपंच/उपसरपंच से स्पष्टीकरण पूछकर उन्हें हटाने का प्रावधान है. बैठक से लगातार अनुपस्थित रह रहे रामपुर के सरपंच को फरार बताकर बिहार पंचायती राज अधिनियम 2006 की धारा 97(5) के तहत कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेजा गया था. लेकिन वे फरार नहीं, बल्कि मंडल कारा में बंद थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें