किसानों के हक के लिए अंग्रेजों से भिड़ गये थे स्वामी सहजानंद सरस्वती
स्वतंत्रता सेनानी सह अखिल भारतीय किसान सभा के संस्थापक स्वामी सहजानंद सरस्वती की पुण्यतिथि पर योगेंद्र भवन में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया
खगड़िया. स्वतंत्रता सेनानी सह अखिल भारतीय किसान सभा के संस्थापक स्वामी सहजानंद सरस्वती की पुण्यतिथि पर योगेंद्र भवन में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. किसान सभा के जिलाध्यक्ष प्रभाशंकर सिंह ने कहा आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों से लोहा लेकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सानिध्य में रहकर लगातार आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले स्वामी सहजानंद सरस्वती को श्रद्धांजलि अर्पित किया गया. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जिला सचिव ने कहा कि स्वामी सहजानंद सरस्वती किसानों के हक और अधिकार के लिए अंग्रेजों के खिलाफ किसानों को संगठित करके आंदोलन करने का काम किया. उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा. उन्होंने काशी में जाकर 1907 में संन्यास ग्रहण किया. स्वामी जी ने आजादी के बाद पूरे देश और खासकर यूपी बिहार में खेती व किसानों की जन समस्याओं को लेकर लगातार संघर्ष किया. उन्होंने बिहटा में किसानों से सहयोग लेकर आश्रम का निर्माण किया. इनका जन्म 1889 में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में महाशिवरात्रि के दिन हुआ था. अखिल भारतीय किसान सभा के जिला सचिव साथी रविंद्र यादव ने कहा बड़े पैमाने पर किसानों को संगठन से जोड़कर उनके हक और अधिकार की लड़ाई लड़ते हुए जिला सम्मेलन को सफल बनाना ही स्वामी सहजानंद सरस्वती के प्रति बड़ी श्रद्धांजलि होगी. मौके पर अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रमेश चंद्र चौधरी, माला देवी, अशोक कुमार सिंह, सुबोध राय, शंकर यादव, रोहित सदा, राधेश्याम तांती, विष्णु देव शर्मा, परमेश्वर मुखिया, बबीता देवी, जगतरण देवी, प्रमोद राम आदि ने स्वामी सहजानंद सरस्वती के तेल चित्र पर फूल माला चढ़कर श्रद्धांजलि अर्पित किया. गोष्ठी की अध्यक्षता प्रभाशंकर सिंह ने की.
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