पछुआ हवा से गिरा तापमान, बढ़ी कनकनी, शाम होती ही सड़क पर पसरा सन्नाटा

पछुआ हवा से गिरा तापमान, बढ़ी कनकनी, शाम होती ही सड़क पर पसरा सन्नाटा

By Prabhat Khabar News Desk | January 1, 2025 8:22 PM

प्रतिनिधि, खगड़िया

नये साल 2025 के आगमन के साथ ही जिले में कड़ाके की ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू हो गया है. नये साल में पहले दिन ठंडी हवाओं ने जिले में मौसम में तेजी से बदलाव ला दिया है. इन हवाओं की वजह से तापमान में गिरावट आयी है. मौसम विभाग ने शीतलहर का अलर्ट जारी किया है. बुधवार को तेज पछुआ हवा ने सुबह से शाम तक ठंड और ज्यादा बढ़ा दी है. सर्द हवा चलने के कारण वातावरण में सिहरन और कनकनी बढ़ गयी है. दिन के 10 बजे तक कोहरे छाए रहने से लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है. सर्द हवा व कुहासे से बढ़ी ठंड का असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ने लगा है. अस्पतालों में मरीजों की संख्या में इजाफा हो गया है. पिछले कई दिनों से बढ़ी ठंड के कारण सुबह में बच्चे स्कूल या कोचिंग जाने से कतराते हैं. पहले, तो बच्चे बेड छोड़ना नहीं चाहते. किसी तरह अगर बेड छोड़ भी दिया, तो स्कूल भेजना अभिभावकों के लिए मशक्कत भरा काम है.

अलाव की व्यवस्था नहीं

ठंड को देखते हुए प्रशासन की ओर से शहर के चौक-चौराहों पर अलाव की व्यवस्था नहीं की गयी है. इससे खासकर गरीब तबके के लोग ठंड से ठिठुरते नजर आ रहे हैं. लोगों को यह कहते सुना जा रहा है कि प्रशासन समय पर अलाव की व्यवस्था नहीं कर गरीबों के साथ अन्याय करता है. अविलंब अलाव की व्यवस्था करने की मांग प्रशासन से असहाय लोगों ने की है.

ठंड से फसल को लाभ

किसान भरत कुमार, करण कुमार, अर्जुन कुमार, कृष्णा कुमार आदि किसानों ने बताया कि ठंड का बढ़ना जरूरी है. ठंड नहीं होने की स्थिति में गेहूं, मसुर, चना सहित अन्य फसलों की वृद्धि न के बराबर होती है. ठंड बढ़ने के बाद ही फसल का विकास संभव है. ठंड बढ़ने से किसानों में खुशी देखी जा रही है.

ठंड से करें बचाव

इन दिनों ठंड का प्रकोप सर्द पछुआ हवा ने बढ़ा दी है. इससे सभी उम्र के लोगों को बचना चाहिए. खासकर बच्चे व बुजुर्गों को ठंड से बचाना बेहद जरूरी है. इसके लिए गर्म खाना, गर्म कपड़ा व गर्म पानी आवश्यक है.

कहते हैं चिकित्सक

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केप्सन. डॉ विक्रम कुमार, निदेशक आरुषी हॉस्पिटल

आरुषी हॉस्पिटल के निदेशक चिकित्सक डॉ विक्रम कुमार ने बताया कि ठंड का कहर अभी आगे जारी रहेगा. ऐसे में इससे बचने के लिए एहतियात बरतने की जरूरत है. खासकर नवजात शिशु व बुजुर्गों को ठंडे से ज्यादा परहेज करने की जरूरत है. किसी भी प्रकार की परेशानी आने पर चिकित्सकों से सलाह व इलाज कराना चाहिए.

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